कुछ एेसे कदम से राम रहीम फिल्म बैन से बची

Saturday, Jan 24, 2015 - 10:31 AM (IST)

सिरसा: सिरसा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

एमएसजी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल होने की आशंका पहले से ही थी। यह आशंका केविएट के तौर पर उस वक्त जाहिर हुई, जब फिल्म के प्रदर्शन पर रोक की मांग संबंधी याचिका सुनवाई के लिए हाईकोर्ट पहुंची।

एडवोकेट आशुतोष कौशिक के माध्यम से यह केविएट राम रहीम ने पहले से दाखिल कर रखी थी। बहरहाल बेंच ने यह मामला संबंधित बेंच के समक्ष ही सुनवाई के लिए भेज दिया।

केविएट का मतलब है कि यदि कोई व्यक्ति अदालत में याचिका दायर करता है तो प्रतिवादी का पक्ष जरूर सुना जाए। फिल्म एमएसजी को लेकर डेरा मुखी की ओर से दायर केविएट के सीधे मायने हैं कि उन्हें फिल्म के खिलाफ याचिका की आशंका थी।

उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता जेपी सिंह ने आरोप लगाया था कि दुराचार और कत्ल केस में फंसा कोई व्यक्ति भगवान का संदेश वाहक (मैसेंजर ऑफ गॉड) कैसे हो सकता है?
 

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