इन बहनों ने कदमों में झुकाया था आसमान, गिनीज बुक में दर्ज है नाम

Wednesday, Jan 21, 2015 - 05:07 PM (IST)

पानीपत: हरियाणा के पानीपत में ''बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ'' अभियान का आगाज होने जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को कार्यक्रम की शुरुआत करने पानीपत आ रहे हैं। मोदी हरियाणा में बेटियों को बचाने और शिक्षित करने की अपील करेंगे। हरियाणा हमेशा ही बेटियों की शिक्षा और विकास को लेकर अपनी रूढ़ीवादिता सोच के लिए चर्चा में रहा है लेकिन यहां की लड़कियों अपनी क्षमता के जरिये ने लोगों को अपनी सोच बदलने पर मजबूर कर दिया।

जी हां हम बात कर रहे हैं गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकॉर्ड व लिम्का बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाली दो जुड़वा बहनों ताशी-नुंग्शी का, जिनका सफर आसान नहीं था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

ताशी-नुंग्शी की सबसे पहली चुनौती उनके पिता ही थे क्योंकि उन्हें बचपन से सिखाया गया था कि लड़के खास होते हैं लड़कियां नहीं लेकिन जब वे खुद दो बच्चियों के पिता बने तो उनके लिए वो अहसास अलग ही रहा और उनके लिए उनकी दोनों बच्चियां ही खास बनीं।

ताशी-नुंग्शी के पिता ने कभी भी अपनी बेटियों को आगे बढ़ने से नहीं रोका और उनके इसी विश्वास और प्यार के चलते उन्होंने अपनी बेटियों को पर्वतारोही बनने की इजाजत दी। हॉकी व एथलेटिक्स खिलाड़ी ताशी-नुंग्शी ने पर्वतारोहण की शुरुआत 2009 से उत्तरकाशी स्थित नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग में पर्वतारोहण के कोर्स से हुई थी।

वर्ष 2010 में दोनों बहनों ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्कीइंग एंड माउंटेनियरिंग से स्कीइंग का कोर्स किया और 2012 में दयारा ग्लेशियर में 10 दिन का कोर्स करने के बाद फिर से उत्तरकाशी के निम में प्रशिक्षक के कोर्स में प्रवेश लिया। हाल ही में जुड़वा बहनों ने अंटार्कटिका के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट विन्सन को फतह करने के साथ ही सेवन समिट क्लब में भारत की सबसे युवा पर्वतारोही के रूप में जगह बनाने की उपलब्धि अपने नाम कर ली।

गत वर्ष एवरेस्ट को फतह कर चुकी नुंगशी और ताशी ने माउंट विन्सन को फतह करने की उपलब्धि अपने नाम कर पहली जुड़वा पर्वतारोही जोड़ी द्वारा यह कामयाबी हासिल करने का रिकॉर्ड भी कायम किया है।

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