गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगाना किसान विरोधी फैसला

punjabkesari.in Monday, May 16, 2022 - 07:01 PM (IST)

चंडीगढ़, (अर्चना सेठी): इनेलो प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगाना किसान विरोधी फैसला है। गेहूं के निर्यात से गेहूं के दाम बढऩे थे लेकिन पाबंदी लगते ही गेहूं के दाम घट गए। गेहूं पर पाबंदी किसानों को आर्थिक रूप से कमजोर करने की साजिश है। किसानों ने गेहूं के दाम बढऩे की आस में भंडारण किया हुआ था उन्हें अब वह लाभ नहीं मिल पाएगा। गेहूं पर पाबंदी लगने की वजह से किसान ऊंची वैश्विक कीमतों का लाभ भी नहीं उठा सकेंगे।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बयान दिया था कि यदि डब्ल्यूटीओ अनुमति देता है तो भारत रविवार से दुनिया को खाद्य भंडार की आपूर्ति करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। लेकिन प्रधानमंत्री ने अपने बयान के उलट रविवार को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। गेहूं पर पाबंदी लगा कर भाजपा सरकार अपने चहेते पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है। वायदा कारोबार के नाम पर कुछ पूंजीपतियों को निर्यात में छूट दे कर अरबों रूपए कमाए जाएंगे।

 

स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने और किसानों की आय दुगनी करने का वायदा करने वाली भाजपा सरकार अब किसानों की आय खत्म करने पर तुली है। भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण आज खाद, बीज, दवाइयां और डीजल सभी महंगे हो गए हैं जिससे किसानों की फसल की लागत कई गुणा बढ़ गई है। मौसम की मार के कारण अब की बार गेहूं का उत्पादन भी कम हुआ है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए एमएसपी की मांग को पूरा करे और स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार फसल की लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा दे भाजपा सरकार।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Archna Sethi

Recommended News

Related News