आखिरकार रंग लाया हरियाणा के बिजली कर्मचारियों का आंदोलन

Tuesday, May 16, 2017 - 12:17 PM (IST)

चंडीगढ़ (संघी): हरियाणा के बिजली कर्मियों का आंदोलन आखिरकार रंग ले आया। सरकार की स्वीकृति के बाद बिजली निगमों ने 23,757 बिजली कर्मियों व अधिकारियों को 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को जनवरी, 2016 से लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी। इसके बाद प्रदेश के बिजली कर्मियों के प्रमुख संगठन ऑल हरियाणा पावर कार्पोरेशनज वर्कर यूनियन ने 17 मई का निगम मुख्यालय पंचकूला का घेराव एवं प्रदर्शन का कार्यक्रम वापस ले लिया है। यूनियन ने इसे कर्मियों द्वारा किए आंदोलन की जीत बताते हुए कर्मियों को बधाई दी है। यह लाभ डी.सी. रेट व रिटायर कर्मियों को भी शीघ्र देने की मांग की।


 

कल होगा रोहतक में कार्यकत्र्ता सम्मेलन
यूनियन के प्रधान देवेंद्र हुड्डा व वरिष्ठ उप प्रधान सुभाष लाम्बा ने बताया कि यूनियन ने निगम मुख्यालय के घेराव का कार्यक्रम वापस लेकर अब 17 मई को कर्मचारी भवन रोहतक में राज्यस्तरीय कार्यकत्र्ता सम्मेलन बुलाया है। इसमें 7वें आयोग की सिफारिशों को डी.सी. रेट अनुबंध कर्मियों व पैंशनर्ज पर लागू करवाने, समान काम समान वेतन के निर्णय को लागू करवाने, बिजली कर्मियों को जोखिम भत्ता दिलवाने, पिछले वर्ष 3 जुलाई को परिवहन मंत्री के साथ हुए समझौते को लागू करवाने आदि मांगों को लेकर नए सिरे से आंदोलन शुरू करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

 

कर्मियों ने सी.एम. को करवाया था अवगत
उल्लेखनीय है कि आल हरियाणा पावर कार्पोरेशन वर्कर यूनियन ने सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने में हरियाणा पब्लिक इंटरप्राइजिज ब्यूरो के अनावश्यक रुकावट से नाराज होकर प्रदेशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया था। निगम प्रबंधकों ने ब्यूरो के नकारात्मक रुख व कर्मचारी आंदोलन के नोटिस से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया। मुख्यमंत्री के दखल के बाद 4 मई को ब्यूरो ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को बिजली कर्मियों पर लागू करने की फाइल क्लीयर करने पर मजबूर होना पड़ा। ब्यूरो की स्वीकृति के बाद निगमों के बोर्ड ऑफ डायरैक्टर ने भी उक्त फाइल क्लीयर करते हुए जनवरी, 2016 से लागू करने का निर्णय लिया। आज हरियाणा बिजली प्रसारण व उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगमों ने अधिसूचना जारी की। मंगलवार को उत्पादन व डी.एच.बी.वी.एन. अधिसूचना जारी करेगा। यूनियन के आंदोलन के दबाव ने आऊटडोर ड्यूटी अलाऊंस (सलोडा) की दरें भी संशोधित कर दी गई हैं।

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