8वें सब्जी एक्सपो मेले का हुआ समापन, कृषि मंत्री ने किया सेंटर का दौरा
punjabkesari.in Monday, Apr 11, 2022 - 09:53 PM (IST)

परम्परागत खेती को छोड़कर बागवानी, मछलीपालन, मशरूम इत्यादि फसलों की खेती को अपनाएं किसान, गन्नौर में स्थापित होगी 8 हजार करोड़ रुपये की लागत से फल, फूल व सब्जी की मंडी : कृषि मंत्री जेपी दलाल
8वें सब्जी एक्सपो मेले का हुआ समापन, कृषि मंत्री ने किया सेंटर का दौरा
चंडीगढ11 अप्रैल,(अर्चना सेठी ) हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि बागवानी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पॉलीहाऊस के लिए आवेदन कर चुके सभी किसानों को वित्त वर्ष 2022-23 में पॉली हाऊस लगाने के लिए अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गत वर्ष 1500 किसानों ने पॉलीहाऊस के लिए आवेदन किया था, हरियाणा सरकार द्वारा इन सभी किसानों के आवेदन मंजूर किए गए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में पॉलीहाऊस की कुल संख्या 4700 हो जाएगी। वे सोमवार को घरौंडा स्थित इंडो इजराईल कृषि परियोजना के तहत स्थापित सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत चल रहे तीन दिवसीय 8वें सब्जी एक्सपो के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
कृषि मंत्री ने विभाग द्वारा केन्द्र पर किए जा रहे कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि बागवानी किसान संरक्षित ख्ेाती एवं ओपन फिल्ड में खेती करके लाखों रूप्ये कमा रहे है। आज समय की जरूरत है कि बड़े किसान, छोटे किसान को साथ लेकर चले और उनसे जुड़कर बागवानी खेती की तकनीकों से उन्हे भी अवगत करवाएं। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों परम्परागत खेती को छोड़कर बागवानी, मछलीपालन, मशरूम इत्यादि फसलों की खेती को अपनाकर आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का सपना है कि प्रदेश कि किसान नीति भारत में सबसे श्रेष्ठ साबित हो। उन्होंने कहा कि अगर अन्य राज्यों की कोई कृषि नीति बेहत्तर है तो किसान इस नीति से सरकार को अवगत कराए ताकि इसे अपनाया जा सकें। कृषि मंत्री ने कहा कि सोनीपत गन्नौर में लगभग 8000 करोड़ की लागत से बागवानी मंडी तैयार की जा रही है। जिससे फल, सब्जी एवं फूलों का निर्यात बाहरी देशों में किया जा सकेगा। इस मंडी से पूरे देश के किसान परस्पर जुड़ सकेंगे। इसके अलावा उन्होंने सब्जियों की फसल के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना को लागू करने बारे बताया। उन्होंने यह भी कहा कि छोटे किसानों को विभाग द्वारा बागवानी मशीनरी किराए पर दी जाएगी। यह मशीनरी विभाग के 5 केन्द्रो पर उपलब्ध रहेगी जहां किसान किराए की बहुत कम दर देकर इनका लाभ ले सकेंगे। कृषिमंत्री ने कहा कि वर्ष 2030 तक 20 लाख एकड़ बागवानी का क्षेत्र बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि एक दशक से भी कम समय में इस केन्द्र ने हजारों किसानों को प्रशिक्षण प्रदान कराया गया है एवं देश में 29 अन्य उत्कृष्टता केन्द्रो के निर्माण में सहायता की है। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा अभी तक किसानों के लिए 117 प्रशिक्षणों का आयोजन करवाया जा चुका है। जिसके तहत 2576 किसानों को इन केन्द्र के माध्यम से प्रशिक्षण उपलब्ध हो चुका है।
मेले के समापन समारोह पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल, महानिदेशक उद्यान हरियाणा डॉ. अर्जुन सिंह सैनी सहित अन्य अधिकारियों ने घरौंडा के सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र में पॉली-नेट हाउस व ओपन फील्ड में लगी फसलों, रंगीन शिमला मिर्च, मिट्टी रहित टमाटर व मिट्टी सहित टमाटर व हाई-टेक ग्रीन हाउस में प्रो-टैऊ में तैयार विभिन्न फसलों के पौधों का अवलोकन किया। कृषि मंत्री सहित अन्य अधिकारियों ने किसानों व कंपनियों द्वारा लगाई गइ स्टॉलों का दौरा किया।
कार्यक्रम में उद्यान विभाग के महानिदेशक डॉ. अर्जुन सिंह सैनी ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार ओर विभाग पूर्ण रूप से प्रयासरत है। किसानों के बिना कोई भी देश उन्नति नहीं कर सकता। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कराने में किसान अहम रोल अदा करते हैं। डॉ. सैनी ने कहा कि किसानों को उच्च गुण वत्ता के बीजों का प्रयोग करते हुए अच्छी फसलों की पैदावार करनी चाहिए, ताकि किसान अपनी आय में इजाफा कर समृद्व किसान बन सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश का किसान विभाग से अधिक तकनीकी ज्ञान का प्रयोग कर खेती कर रहा है। वर्ष 2022 तक 3000 एकड़ पॉलीहाऊस का निर्माण हो चुका है। जिससे किसानों की आमदनी बढ़ी है और वह 6-20 लाख रुपये तक कमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष में किसानों के लिए नई योजनाओं को लागू किया गया है जिसका किसानों को भरपूर लाभ उठाना चाहिए।
इस मौके पर भारत में इजराईल दूतावास मिशन के उप प्रमुख सुश्री रोनी येदिदिया क्लेन ने किसानों संबोधित करते हुए कहा कि प्यारे किसान भाइयो मुझे आज आपके बीच करनाल में पहुँचकर खुशी का अनुभव हो रही है सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र, घरौंडा करनाल इण्डो-इजरायल कृषि परियोजना के तहत बनने वाला भारत का पहला केन्द्र है। जिसको 11 वर्ष पूरे हो चुके है। उन्होनें कहा कि इस साल दोनो देश राजनियक संबंधों को 30 साल पूरे होने पर जश्न बना रहे है और इसका हिस्सा बनकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। इजरायल व भारत ने सयुंक्त रूप से 11 राज्यों में 29 उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किए है और देश के किसानों को लाभ पंहुचाने के लिए 9 राज्यों में कई और केन्द्र स्थापित किए जा रहें। हरियाणा में उत्कृष्टता के 4 केन्द्र है और पांचवा उत्कृष्टता केन्द्र अपने अंतिम चरण में है। इसका कार्य कुछ ही महीनों में पूर्ण कर लिया जाएगा। सुश्री रोनी येदिदिया क्लेन ने कहा कि वर्ष 2019 के दौरान उत्कृष्टता के इन केन्द्रो की सफलता के तकनीकी देने के आधार पर दोनों सरकारों ने ग्राम स्तर तक बढ़ती सांझेदारी का पता लगाने का निर्णय लिया और 5 वर्षो में सभी उत्कृष्टता केन्द्रो द्वारा 1500 गांव को जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है। उत्कृष्टता के इन गांवों का उददेश्य आधुनिक बनियादी ढांचे, क्षमता निर्माण और बाजार लिंकेज प्रदान करके तकनीकी और आर्थिक रूप से किसाना की क्षमता को मजबूत करना है। किसानों के बिना समाज जीवित नहीं रह सकता और हमारी अर्थव्यस्थ नहीं चल सकती। हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे किसान उच्च गुणवत्ता, टिकाउ और स्वस्थ फसल प्रदान करने में सक्षम हों और साथ ही अपने व अपने परिवार के लिए प्रदान करने मे सक्षम हों।
इस मौके पर उपस्थित रही ब्रिटिश उप उच्चायुक्त चण्डीगढ़ सुश्री कैरोलिन रोवेट ने कहा कि घरौंडा केन्द्र पर मेरी दूसरी विजिट है। इस केन्द्र पर नई बागवानी तकनीकों से विशेषज्ञों द्वारा किसानों को रूबरू करवाया जाता है। यह बहुत ही बेहतर विकल्प है कि दोनों देश एक दूसरे के साथ अपना तकनीकी ज्ञान सांझा करते है। उन्होंने कहा कि इण्डो-इजरायल की तर्ज पर उनका देश भी हरियाणा प्रदेश के साथ मिलकर पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट सेन्टर खोलने जा रहा है। कैरोलिन रोवेट ने बताया कि पकी फसल खेत से घर तक पहुंचने पर 20-25 प्रतिशत खराब हो जाती है। इस केन्द्र के खुलने से फल सब्जियों को खराब होने से बचाय जा सकेगा।
मेले के समापन समारोह पर डा. पुष्पेन्द्र वर्मा, स्टेट मार्केटिंग मैनेजर, ईफको एवं डॉ. सुधीर यादव, उप निदेशक, सब्जी उत्कृष्टता केंद्र सहित विभिन्न जिलों के बागवानी व कृषि विभाग के अधिकारी तथा भारी संख्या में किसान उपस्थित रहे।
बॉक्स: 46 किसानों को दिए गए सब्जी उत्कृष्ट पुरस्कार।
मेले के दौरान प्रतियोगिता में विभिन्न सब्जियों के उत्पादों जैसे अचार, चटनी, सुखाई गई सब्जी व मशरूम, सॉस, कैचप आदि की प्रविष्टियां भी प्राप्त हुई। मेले में विभिन्न सरकारी विभागों व संगठनों, निजी उद्यमियों द्वारा लगभग 125 स्टॉल लगाए गये। जिनमें बागवानी विकास की विभिन्न नई-2 तकनी को की किसानों द्वारा जानकारी प्राप्त की गई। बागवानी यन्त्र, टपका सिंचाई सयंत्र, मीनी ट्रैक्टर, शीतग्रह इत्यादि किसानों का मुख्य आकर्षण रहे। मेले में जिलेवार सब्जी उत्कृष्ट को लेकर 2-2 पुरस्कार विभिन्न सब्जियों एवं अन्य उत्पादों में दिए गए। किसानों को प्रथम एवं द्वितिय पुरस्कार के रूप में प्रशास्ति पत्र एवं ंक्रमश 11000 व 5100 रूपये की राशी दी गई। माननीय कृषिमंत्री द्वारा विजेताओं को राशी सहित प्रमाण पत्र वितरित किए गए।