हरियाणा में 30 दिन के भीतर दर्ज किए गए पराली जलने के 2103 मामले

Thursday, Oct 28, 2021 - 06:44 PM (IST)

चंडीगढ़, (विजय गौड़) : हरियाणा में पराली जलाए जाने के मामलों ने अब तेजी पकड़ ली है। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार केवल 30 दिन में ही पराली जलने के 2103 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। हरियाणा में पराली जलने की सबसे पहली सूचना संबंधित विभाग के पास 28 सितम्बर को मिली थी। हालांकि शुरुआत काफी धीमी रही लेकिन अब रफ्तार बढ़ रही है। जिसकी वजह से अधिकारियों के सामने भी कईं प्रकार की चुनौतियां खड़ी हो रही हैं। पराली जलने की सबसे अधिक सूचनांए करनाल से मिल रही हैं। अभी तक यहां 621 केस दर्ज हो चुके हैं। इस मामले में कैथल 585 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर चल रहा है। जबकि कुरुक्षेत्र 373 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है। फतेहबाद (143), अंबाला (111) और जींद (102) के साथ 100 का आंकड़ा छूने वाले जिलों में शामिल हैं। प्रदेश में वायु प्रदूषण का स्तर खराब होने की एक मुख्य वजह तेजी से जल रही पराली को भी माना जा रहा है। जहां मामले कम हैं वहां भी अन्य जिलों में पराली जलने का असर दिखाई दे रहा है। 

 

सबसे खराब कैटेगरी में आया बल्लभगढ़
हरियाणा का बल्लभगढ़ पूरे देश में एकमात्र ऐसा शहर है जो वायु प्रदूषण की सबसे खराब कैटेगरी में आ चुका है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सी.पी.सी.बी.) की ओर से वीरवार शाम पूरे देश की वायु गुणवत्ता की रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट में बल्लभगढ़ की हवा सबसे प्रदूषित बताई गई है। बल्लभगढ़ का एयर क्वालिटी इंडैक्स (ए.क्यू.आई.) 342 रिकॉर्ड किया गया है। इस लिस्ट में बहादुरगढ़ (269), भिवानी (224), चरखीदादरी (212), फरीदाबाद (274), जींद (290), करनाल (233), कुरुक्षेत्र (201), पानीपत (226) और रोहतक (279) भी इस इंडैक्स की खराब कैटेगरी में आए हैं।

Vijay gour

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