पठानकोट हमले को लेकर हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Friday, Feb 05, 2016 - 12:18 AM (IST)

जालन्धर: जुलाई 2015 में गुरदासपुर जिला के दीनानगर क्षेत्र में पुलिस थाने पर हमला करने वाले आतंकी अपने साथ जी.पी.एस. उपकरण ले आए थे परन्तु उस गलती को पठानकोट में वायुसेना स्टेशन पर हमला करने वाले आतंकियों ने दोहराया नहीं। सुरक्षा एजैंसियों का मानना है कि पठानकोट पर हमला करने वाले पाक आतंकियों ने संभवत: जी.पी.एस. उपकरण को पहले ही नष्ट कर दिया होगा। 
 
जी.पी.एस. उपकरण सैटेलाइट से जुड़ा होता है तथा उससे आतंकियों को भौगोलिक स्थिति का पता चलता रहता है। जांच कर रही सुरक्षा एजैंसियों का मानना है कि आतंकियों ने जी.पी.एस. उपकरण का प्रयोग पठानकोट हमले से पहले किया था। आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजैंसियों को आप्रेशन खत्म होने के बाद जी.पी.एस. उपकरण मौके से बरामद नहीं हुए। दीनानगर हमले के बाद सुरक्षा अधिकारियों को जी.पी.एस. उपकरण मिले थे जिनकी उच्च स्तरीय जांच भी की गई थी। 
 
जांच अधिकारियों का मानना है कि वायुसेना स्टेशन पठानकोट तक पहुंचना आतंकियों के लिए सरल नहीं था। बिना जी.पी.एस. उपकरण के वह सही रास्ते पर पहुंच नहीं सकते थे। परन्तु उन्होंने संभवत: वायुसेना स्टेशन में दाखिल होने से पहले ही जी.पी.एस. उपकरण नष्ट कर दिया होगा।
 
यद्यपि आतंकियों ने जिस वाहन को हाईजैक किया था उसमें नेवीगेशन प्रणाली लगी हुई थी परन्तु उसका इस्तेमाल आतंकियों ने नहीं किया। आतंकियों ने मोबाइल फोन से पाकिस्तान में कॉलें अवश्य की थी जिससे पता चला कि उनका संबंध पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से है। दीनानगर में हमले के बाद जो जी.पी.एस. उपकरण सुरक्षा बलों को मिले थे उससे यह पता अवश्य चल गया था कि वह पाकिस्तान के सरगोधा क्षेत्र के रास्ते से आए थे।
 
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