दुनिया की 8 ऐसी जगहें, जहां होता है अजीबो-गरीब अंतिम संस्कार (PICS)

punjabkesari.in Monday, Dec 07, 2015 - 04:38 PM (IST)

दुनियाभर में मृत्यु के बाद इंसान का अंतिम संस्कार करने का रिवाज है। हर धर्म में अंतिम संस्कार से जुड़ी अलग अलग प्रथाएं हैं। कई जगहों पर शरीर को दफनाते हैं तो कहीं शरीर को जलाया जाता है लेकिन हमें कुछ ऐसी प्रथाओं के बारे में पता चला है जो सच में बहुत ही अजीब हैं। हालांकि अब कई जगहों पर यह प्रथाएं खत्म हो गई है लेकिन कई आज भी निभाई जा रही हैं। 

1. फामाडिहाना

यह प्रथा मैडागास्कर के मलागासी लोगों की होती है। इसमें समय समय पर मृत इंसान के करीबी, उसके शव को कब्र में से निकाल देते हैं और उसे साफ कपड़े चढ़ाकर उसके आस-पास डांस करते हैं। ऐसा कर वह अपने पूर्वजों को याद करते हैं। शव को गांव के चक्कर लगवा कर वापिस दफना दिया जाता है। 

2. पेड़ से बांध कर

कुछ लोग अपने मृत रिश्तेदारों के शवों को उनके गांव के किसी पेड़ से लटका देते थे। वैसे कहा जाता है कि ये प्रथा नास्तिक लोग मानते थे जो किसी धर्म के अनुसार नहीं चलते थे।

3. लटकते हुए ताबूत

प्राचीन चाइना के राजवंश में मृत लोगों के ताबूतों को पहाड़ की चोटी पर रखा जाता था। उनका मानना था कि निर्जीव इंसान को आकाश के करीब रखने से उसे स्वर्ग नसीब होता है। पुरातत्व विभाग के लोगों को इन पहाड़ियों से कई ताबूत मिले हैं जो सदियों पुराने हैं।

4. गिद्धों को खिलाना

पारसी समुदाय की अंतिम संस्कार की प्रथा आज भी चलती आ रही है।इस प्रथा के अनुसार, मृत्यु के बाद शरीर को नेहला-धुला कर पारसियों के धार्मिक स्थान, "Tower of Silence" में गिद्धों के लिए छोड़ देते हैं। इस प्रथा का का महत्व ये है कि मरने के बाद इंसान को उसके मानवीय शरीर को त्याग देना चाहिए।

5. गला घोंटना

हैरानी की बात यह है कि सती जैसी प्रथा, फिजी के कुछ इलाकों में आज भी चल रही है। इस प्रथा में मृत इंसान के किसी करीबी की गला घोंट कर मौत दे दी जाती है। कहा जाता है कि मृतक को दूसरी दुनिया में अकेला नहीं जाना चाहिए और उसके साथ उसके किसी करीबी को भी उसके साथ ही भेजना चाहिए जिससे मृत्यु का दुख कम हो जाए।

6. नरभक्षिता

पापुआ न्यू गिनी और ब्राजील के कुछ इलाकों में इस बहुत ही अजीब तरह की अंतिम संस्कार की प्रथा का पालन होता था। यहां मरने वाले के करीबी रिश्तेदार उसके शरीर को खा लेते थे। वैसे अब यह प्रथा खत्म हो गई है। ऐसा भी कहा जाता है कि ऐसा इसलिए किया जाता था क्योंकि इन इलाकों में खाने की कमी थी, जिसके कारण इस प्रथा का जन्म हुआ।

7. स्काई बरियल

अंतिम संस्कार की ये प्रथा आज भी चलती आ रही है, जिसका पालन तिब्बत, किंघई और इनर मंगोलिया के इलाकों में होता है।  इसमें मरे हुए इंसान के शरीर के छोटे-छोटे टुकड़ों को काटकर पहाड़ों पर रख दिया जाता है। उनका मानना है कि मरने के बाद इंसान के शरीर का कोई काम नहीं होता और उसे प्रकृति के हवाले छोड़ देना चाहिए। इन शरीरों को जंगली जानवर और चिड़ियाएं खा जाती हैं।

8. सती

हिन्दू और कुछ दूसरे धर्मों में इस क्रूर प्रथा को माना जाता था, जिसमें पति की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी को भी आग में कूद कर अपनी जान देनी होती थी। 1861 में, जब भारत अंग्रेज़ों के आधीन था तब क्वीन विक्टोरिया ने इस प्रथा पर रोक लगा दी थी।

इस प्रथा में यह मान्यता थी कि पति की मौत के बाद पत्नी की इस धरती पर कोई जगह नहीं होती इसलिए उसे भगवान को सौंप देना चाहिए।

 

 

 

 


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