भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए राष्ट्रों के बीच अधिक सहयोग, कम प्रतिस्पर्धा हो : राकेश शर्मा

punjabkesari.in Wednesday, May 24, 2023 - 10:22 PM (IST)

अहमदाबाद, 24 मई (भाषा) भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) राकेश शर्मा ने बुधवार को यहां कहा कि राष्ट्रों के बीच अधिक सहयोग और कम प्रतिस्पर्धा अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए आगे का रास्ता है क्योंकि किसी भी राष्ट्र के पास व्यक्तिगत रूप से चंद्रमा या मंगल पर मानव बस्ती बनाने की वित्तीय या तकनीकी क्षमता नहीं है।


उन्होंने कहा कि भारत के पास अपने राष्ट्रीय अंतरिक्ष अन्वेषण के दृष्टिकोण को वैश्विक अनुपात में बढ़ाने के लिए आवश्यक अनुभव है क्योंकि इसने अपने लोगों के सामाजिक-आर्थिक लाभ के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के एक अनूठे कार्यक्रम का पालन किया है। उन्होंने कहा कि सदियों पुरानी दार्शनिक परंपरा है जिसने सभी के लिए समावेशी विकास को प्रोत्साहित किया है।


शर्मा ने कहा, “अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए लगभग हर देश की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं, और भारत कोई अपवाद नहीं है। मुझे विश्वास है कि जल्द ही सभी राष्ट्रों को यह एहसास हो जाएगा कि पहले अपने निकटतम पड़ोसी चंद्रमा का निवास करना और फिर उसका दोहन करना किसी एक राष्ट्र की संसाधन क्षमता से परे है।”

भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला में ‘फ्यूचर स्पेस एक्सप्लोरेशन’ पर व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा, “लंबे समय से हम सहयोगी प्रयासों (अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए राष्ट्रों के बीच) में वृद्धि देख रहे हैं, और हम देखेंगे कि प्रतिस्पर्धा में कमी आएगी, यह मेरा विश्वास है।”

शर्मा ने कहा कि भारत के चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान’ और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अन्य यानों पर ले जाए जा रहे विदेशी पेलोड और अन्य देशों के साथ आंकड़ा साझा किए जाने से यह सहयोगात्मक प्रयास पहले ही स्पष्ट हो चुका है।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

PTI News Agency

Recommended News