टीबी से मुक्ति पाने के भारत के लक्ष्य में मोाबाइल ऐप कर रहा स्वास्थ्यकर्मियों की मदद
Sunday, Jan 22, 2023 - 10:31 AM (IST)
अहमदाबाद, 22 जनवरी (भाषा) वर्ष 2025 तक टीबी को समाप्त करने के केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के तहत एक मोबाइल ऐप हजारों स्वास्थ्यकर्मियों के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, जनवरी 2022 में पेश किए गए ‘नि-क्षय सेतु’ ऐप के शुरुआती संस्करण ने जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अग्रिम पंक्ति के 17,000 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य कर्मचारियों को निदान और उपचार सहित बीमारी के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानने और डिजिटल मॉड्यूल के माध्यम से प्रशिक्षण का आकलन करने की सुविधा प्रदान की है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, भारत में 2021 में टीबी के रोगियों की कुल संख्या (नए और पुनरावर्ती) 19,33,381 थी, जो 2020 की तुलना में 19 प्रतिशत अधिक है।
केंद्र सरकार ने अपने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत सतत विकास लक्ष्यों से पांच साल पहले 2025 तक देश में टीबी को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
‘नि-क्षय सेतु’ ऐप को गांधीनगर स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ ने विकसित किया है। इस संस्थान में टीबी परियोजना के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. हर्ष शाह ने कहा, “नि-क्षय सेतु ऐप का उद्देश्य बीमारी के बारे में ज्ञान की कमी को दूर करके स्वास्थ्यकर्मियों को रोगियों के इलाज में अधिक सक्षम बनाना है।” शाह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस महीने की शुरुआत में ऐप के दूसरे और अद्यतन संस्करण के जारी होने के बाद से यह प्रति सप्ताह लगभग एक हजार उपयोगकर्ताओं को आकर्षित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि 35 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में स्वास्थ्यकर्मियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऐप का उपयोग लगातार बढ़ रहा है।
गुजरात राज्य टीबी प्रशिक्षण और प्रदर्शन केंद्र के अतिरिक्त निदेशक डॉ. पंकज निमावत ने कहा कि बीमारी के निदान और उपचार के संबंध में जानकारी देने में ऐप विशेष रूप से कारगर है।
निमावत के मुताबिक, “स्वास्थ्यकर्मियों को पता चल जाता है कि दवा के प्रतिकूल प्रभावों से पीड़ित मरीजों को कहां रेफर करना है और मामले से कैसे निपटा जा सकता है।” डब्ल्यूएचओ की ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2021 के अनुसार, 2020 में भारत में टीबी के सभी स्वरूपों के मामलों की संख्या प्रति 100,000 लोगों पर 188 थी। वहीं, 2021 के दौरान टीबी के रोगियों की कुल संख्या (नए और पुनरावर्ती) 19,33,381 दर्ज की गई थी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, जनवरी 2022 में पेश किए गए ‘नि-क्षय सेतु’ ऐप के शुरुआती संस्करण ने जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अग्रिम पंक्ति के 17,000 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य कर्मचारियों को निदान और उपचार सहित बीमारी के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानने और डिजिटल मॉड्यूल के माध्यम से प्रशिक्षण का आकलन करने की सुविधा प्रदान की है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, भारत में 2021 में टीबी के रोगियों की कुल संख्या (नए और पुनरावर्ती) 19,33,381 थी, जो 2020 की तुलना में 19 प्रतिशत अधिक है।
केंद्र सरकार ने अपने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत सतत विकास लक्ष्यों से पांच साल पहले 2025 तक देश में टीबी को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
‘नि-क्षय सेतु’ ऐप को गांधीनगर स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ ने विकसित किया है। इस संस्थान में टीबी परियोजना के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. हर्ष शाह ने कहा, “नि-क्षय सेतु ऐप का उद्देश्य बीमारी के बारे में ज्ञान की कमी को दूर करके स्वास्थ्यकर्मियों को रोगियों के इलाज में अधिक सक्षम बनाना है।” शाह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस महीने की शुरुआत में ऐप के दूसरे और अद्यतन संस्करण के जारी होने के बाद से यह प्रति सप्ताह लगभग एक हजार उपयोगकर्ताओं को आकर्षित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि 35 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में स्वास्थ्यकर्मियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऐप का उपयोग लगातार बढ़ रहा है।
गुजरात राज्य टीबी प्रशिक्षण और प्रदर्शन केंद्र के अतिरिक्त निदेशक डॉ. पंकज निमावत ने कहा कि बीमारी के निदान और उपचार के संबंध में जानकारी देने में ऐप विशेष रूप से कारगर है।
निमावत के मुताबिक, “स्वास्थ्यकर्मियों को पता चल जाता है कि दवा के प्रतिकूल प्रभावों से पीड़ित मरीजों को कहां रेफर करना है और मामले से कैसे निपटा जा सकता है।” डब्ल्यूएचओ की ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2021 के अनुसार, 2020 में भारत में टीबी के सभी स्वरूपों के मामलों की संख्या प्रति 100,000 लोगों पर 188 थी। वहीं, 2021 के दौरान टीबी के रोगियों की कुल संख्या (नए और पुनरावर्ती) 19,33,381 दर्ज की गई थी।
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