पूर्व डीजीपी श्रीकुमार ने 2002 दंगा मामले में लोगों को फंसाने की साजिश रची थी : एसआईटी

Tuesday, Jul 26, 2022 - 09:33 AM (IST)

अहमदाबाद, 25 जुलाई (भाषा) गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर बी श्रीकुमार एक ‘‘असंतुष्ट’’ अधिकारी थे जो 2002 के गुजरात साम्प्रदायिक दंगा मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने की ‘‘वृहद साजिश’’ का हिस्सा थे। एक विशेष जांच दल ने यहां अदालत में इसकी जानकारी दी ।
अहमदाबाद अपराध शाखा ने श्रीकुमार के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। गुजरात पुलिस की एसआईटी ने श्रीकुमार और सीतलवाड़ को पिछले महीने गिरफ्तार किया था, और उन्होंने जमानत की अर्जी दी है।

श्रीकुमार की जमानत याचिका पर अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश डी डी ठक्कर की अदालत के समक्ष दायर हलफनामे में एसआईटी ने हाल में कहा कि वह एक ‘‘असंतुष्ट सरकारी अधिकारी थे, जिन्होंने गुप्त प्रयोजनों के लिए गुजरात के निर्वाचित प्रतिनिधियों, नौकरशाही और पुलिस प्रशासन पर दोषारोपण के लिए प्रक्रिया का दुरुपयोग किया।’’
अदालत श्रीकुमार और सह-आरोपी सीतलवाड़ की जमानत याचिकाओं पर मंगलवार को अपना आदेश सुना सकती है। ये सभी न्यायिक हिरासत में हैं।

एसआईटी ने कहा कि उसकी संक्षिप्त जांच से उनके तथा अन्य द्वारा ‘‘वृहद साजिश’’ के आरोपों के समर्थन में पर्याप्त सबूत मिले हैं।
हलफनामे में कहा गया है कि श्रीकुमार ने शुरुआत से ही साजिश के तहत काम करना शुरू कर दिया था क्योंकि गोधरा अग्निकांड के कुछ दिनों बाद ही उन्होंने सीतलवाड़ से मुलाकात की थी।
एसआईटी ने दावा किया कि श्रीकुमार, सीतलवाड़ और भट्ट समेत आरोपियों ने कांग्रेस अध्यक्ष के तत्कालीन राष्ट्रीय सलाहकार और सांसद दिवंगत अहमद पटेल के इशारे पर ‘‘राजनीतिक उद्देश्यों’’ के कारण यह वृहद साजिश रची थी।

जांच दल ने गवाहों के बयान के हवाले से कहा कि श्रीकुमार ने गवाहों पर दबाव भी डाला था।


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PTI News Agency

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