भाजपा या आप में शामिल होने पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया : हार्दिक पटेल

punjabkesari.in Thursday, May 19, 2022 - 09:10 PM (IST)

अहमदाबाद, 19 मई (भाषा) कांग्रेस से इस्तीफा देने के एक दिन बाद पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्होंने अपने जीवन के तीन साल ऐसी पार्टी में बर्बाद कर दिए, जो ‘‘जाति की राजनीति’’ करती है। साथ ही, कहा कि अभी उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है।
पटेल (28) ने यहां संवाददाता सम्मेलन के दौरान, अयोध्या मामले में भाजपा की भूमिका की सराहना की और अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त करने के लिए भी पार्टी (भाजपा) की प्रशंसा की।

हालांकि, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने यह कदम इसलिए उठाया कि उन्हें डर था कि उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामलों में उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। विपक्षी दल ने यह भी दावा किया कि पटेल भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
गुजरात में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और पटेल ने कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व के कामकाज की आलोचना करते हुए बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह भारतीय जनता पार्टी या आप में शामिल हो सकते हैं, पटेल ने बृहस्पतिवार को कहा, “मैंने अभी तक किसी राजनीतिक दल में शामिल होने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है चाहे वह भाजपा हो या आप। मैं जो भी फैसला लूंगा, जनता के हितों को देखते हुए लूंगा।”
पटेल के अनुसार, कांग्रेस से उनकी सबसे बड़ी शिकायत यह थी कि जुलाई 2020 में पार्टी की प्रदेश इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के बावजूद उन्हें कोई सार्थक भूमिका नहीं दी गई।
उन्होंने कहा, “यह सच है कि कांग्रेस को 2017 विधानसभा चुनाव में पाटीदार आरक्षण आंदोलन (जिसका नेतृत्व पटेल ने किया था) के कारण बहुत फायदा हुआ था। लेकिन (प्रदेश इकाई का) कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के बावजूद मुझे कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। मुझे पार्टी की अहम बैठकों में भी नहीं बुलाया जाता था। पार्टी ने तीन साल में मेरी एक प्रेस वार्ता तक आयोजित नहीं की।”
पटेल ने कहा, ‘‘सात-आठ नेता पिछले 25 वर्षों से गुजरात में शो चला रहे हैं। दूसरी श्रेणी के नेताओं को कोई महत्व नहीं दिया गया। पार्टी उपयोग करो और फेंकने के सिद्धांत में यकीन करती है। पिछले सात साल में करीब 122 कांग्रेस नेताओं ने पार्टी छोड़ दी जिनमें 30 विधायक और करीब 40 पूर्व विधायक हैं। ’’
कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी कभी हिंदुओं के मुद्दों, जैसे कि संशोधित नागरिकता कानून(सीएए) या वाराणसी की मस्जिद में मिले (कथित) शिवलिंग आदि पर कुछ नहीं बोलती।
पटेल ने कहा, “अयोध्या मामले में सत्तारूढ़ भाजपा के प्रयासों की सराहना की जानी चाहिए। मैंने उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया था और मेरे परिवार ने राम मंदिर निर्माण के लिए 21 हजार रुपये दान भी दिए थे। भाजपा ने अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाकर भी अच्छा काम किया। जो अच्छा है उसे अच्छा कहने में मुझे कोई संकोच नहीं।”
पटेल ने कहा कि गुजरात कांग्रेस में जातीय राजनीति बहुत ज्यादा होती है और इसी आधार पर चुनाव में टिकट वितरण तथा पार्टी के पदाधिकारियों की नियुक्ति होती है।

पाटीदार नेता विट्ठल रडाडिया और नरहरी अमीन जैसे पाटीदार नेताओं का जिक्र करते हुए पटेल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने समुदाय के नेताओं के साथ सदा अन्याय किया और जब वे शक्तिशाली हो गये उन्हें दरकिनार कर दिया।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के पास कोई ‘विजन’ नहीं है और पार्टी ‘अडानी एवं अंबानी’ की तरह गुजराती लोगों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित है।
पटेल ने राजस्थान में हुए कांग्रेस के हालिया चिंतन शिविर का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी को चिंतन के बजाय चिंता करनी चाहिए क्योंकि उसके पास चुनाव जीतने की कोई दूरदृष्टि नहीं है।
वहीं, राजकोट में संवाददाताओं से बात करते हुए कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रमुख जगदीश ठाकोर ने आरोप लगाया कि पटेल ने दिन में संवाददाता सम्मेलन के दौरान जो कुछ भी कहा और जो कुछ उनके त्याग पत्र में लिखा था, उसका मजमून सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा तैयार किया गया था।


ठाकोर ने दावा किया, “हार्दिक को डर था कि कांग्रेस में रहने पर उन्हें देशद्रोह के मामलों में जेल भी जाना पड़ सकता है। इसलिए, संभावित सजा से खुद को बचाने के लिए, उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया और वे भाजपा में भी शामिल हो सकते हैं।”

कभी आरक्षण के लिए पाटीदार समुदाय के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले पटेल गुजरात में लगभग 25 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें अहमदाबाद और सूरत में राजद्रोह के आरोप में दर्ज एक-एक प्राथमिकी शामिल हैं।


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