गैरकानूनी फोन एक्सचेंज ने सरकार का चार करोड़ रुपये का नुकसान कराया
Tuesday, Jan 11, 2022 - 03:52 PM (IST)
अहमदाबाद, 10 जनवरी (भाषा) गुजरात के अहमदाबाद शहर के नवरंगपुरा इलाके में करीब एक महीने पहले अवैध रूप से चल रहे टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ किया गया था जिसने गैरकानूनी तरीके से 43 लाख अंतरराष्ट्रीय कॉल को सेशन इनिशिएशन प्रोटोकॉल (एसआईपी) का इस्तेमाल कर स्थानीय कॉल में तब्दील किया था और इससे सरकार को करीब चार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अपराध शाखा के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) चैतन्य मांडलिक ने बताया कि करीब एक महीने की जांच में पता चला कि बांग्लादेशी नागरिक जिसकी पहचान शेरियार के तौर पर हुई है, इस पूरे गिरोह के सरगनाओं में शामिल है और इस समय संयुक्त अरब अमीरात में रह रहा है।
मांडलिक ने कहा, ‘‘हम शेरियार के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कराने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं जो इस पूरे गिरोह के कई मास्टरमाइंड में से एक है। यह पहली बार है जब देश में एसआईपी का इस्तेमाल कर एंड-टू-एंड संचार प्रणाली के आधार पर गैर कानूनी तरीके से चल रहे टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ हुआ है।’’
पुलिस उपायुक्त ने बताया, ‘‘करीब डेढ़ महीने की अवधि में गैर कानूनी एक्सचेंज ने करीब 43 लाख अंतरराष्ट्रीय कॉल को स्थानीय जीएसएम कॉल में तब्दील किया और इससे सरकार के राजस्व में चार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।’’
पुलिस के मुताबिक खुफिया सूचना के आधार पर अपराध शाखा की टीम ने दूरसंचार विभाग के अधिकारियों के साथ नवरंगपुरा के वाणिज्यिक परिसर में चार दिसंबर को छापेमारी की कार्रवाई की थी और गैरकानूनी एक्सचेंज का भंडाफोड़ किया था। इस मामले में मौके से तबरेज कटारिया निवासी सरखेज को गिरफ्तार किया गया था।
शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी एसआईपी लाइन, विभिन्न क्लाउड आधारित सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के साथ राउटर का इस्तेमाल दूसरे देशों से आने वाले वीओआईपी कॉल को जीएसएम या स्थानीय कॉल में तब्दील करने में करते थे और इससे देश को राजस्व के मद में भारी नुकसान होता था।
छापेमारी की कार्रवाई के कुछ दिन बाद अहमदाबाद की अपराध शाखा ने द्वायने परेरा और उसके साथ रियाज शेख को गिरफ्तार किया जो महाराष्ट्र के पुणे निवासी हैं और वे उस कंपनी से जुड़े हुए थे जो संचार हेतु तकनीकी मदद मुहैया कराती थी। पुलिस विज्ञप्ति के मुताबिक दोनों ने पैसा कमाने के लिए कोडिनार निवासी फरजान अली कादरी की मदद एसआईपी लाइन लेने में ली और बाद में इससे गैरकानूनी टेलीफोन एक्सचेंज खोला। इन्होंने कादरी के सहयोगी तबरेज के नाम पर लाइन लीज पर ली।
विज्ञप्ति के मुताबिक इसके बाद दोनों ने पूरी साजिश में केरल के रहने वाले रफीक बाबू और बांग्लादेशी नागरिक शेरियार को शामिल किया जो संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अन्य खाड़ी देशों से आने वाले वाली कॉल को इस एक्सचेंज की मदद से स्थानीय कॉल में तब्दील करते थे। बाबू और शेरियार दोनों इस समय यूएई में हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) चैतन्य मांडलिक ने बताया कि करीब एक महीने की जांच में पता चला कि बांग्लादेशी नागरिक जिसकी पहचान शेरियार के तौर पर हुई है, इस पूरे गिरोह के सरगनाओं में शामिल है और इस समय संयुक्त अरब अमीरात में रह रहा है।
मांडलिक ने कहा, ‘‘हम शेरियार के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कराने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं जो इस पूरे गिरोह के कई मास्टरमाइंड में से एक है। यह पहली बार है जब देश में एसआईपी का इस्तेमाल कर एंड-टू-एंड संचार प्रणाली के आधार पर गैर कानूनी तरीके से चल रहे टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ हुआ है।’’
पुलिस उपायुक्त ने बताया, ‘‘करीब डेढ़ महीने की अवधि में गैर कानूनी एक्सचेंज ने करीब 43 लाख अंतरराष्ट्रीय कॉल को स्थानीय जीएसएम कॉल में तब्दील किया और इससे सरकार के राजस्व में चार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।’’
पुलिस के मुताबिक खुफिया सूचना के आधार पर अपराध शाखा की टीम ने दूरसंचार विभाग के अधिकारियों के साथ नवरंगपुरा के वाणिज्यिक परिसर में चार दिसंबर को छापेमारी की कार्रवाई की थी और गैरकानूनी एक्सचेंज का भंडाफोड़ किया था। इस मामले में मौके से तबरेज कटारिया निवासी सरखेज को गिरफ्तार किया गया था।
शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी एसआईपी लाइन, विभिन्न क्लाउड आधारित सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के साथ राउटर का इस्तेमाल दूसरे देशों से आने वाले वीओआईपी कॉल को जीएसएम या स्थानीय कॉल में तब्दील करने में करते थे और इससे देश को राजस्व के मद में भारी नुकसान होता था।
छापेमारी की कार्रवाई के कुछ दिन बाद अहमदाबाद की अपराध शाखा ने द्वायने परेरा और उसके साथ रियाज शेख को गिरफ्तार किया जो महाराष्ट्र के पुणे निवासी हैं और वे उस कंपनी से जुड़े हुए थे जो संचार हेतु तकनीकी मदद मुहैया कराती थी। पुलिस विज्ञप्ति के मुताबिक दोनों ने पैसा कमाने के लिए कोडिनार निवासी फरजान अली कादरी की मदद एसआईपी लाइन लेने में ली और बाद में इससे गैरकानूनी टेलीफोन एक्सचेंज खोला। इन्होंने कादरी के सहयोगी तबरेज के नाम पर लाइन लीज पर ली।
विज्ञप्ति के मुताबिक इसके बाद दोनों ने पूरी साजिश में केरल के रहने वाले रफीक बाबू और बांग्लादेशी नागरिक शेरियार को शामिल किया जो संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अन्य खाड़ी देशों से आने वाले वाली कॉल को इस एक्सचेंज की मदद से स्थानीय कॉल में तब्दील करते थे। बाबू और शेरियार दोनों इस समय यूएई में हैं।
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