गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने आर्सेलर मित्तल निप्पॉन की याचिका से खुद को अलग किया

Tuesday, Jul 28, 2020 - 07:45 PM (IST)

अहमदाबाद, 28 जुलाई (भाषा) गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जी आर उधवानी ने मंगलवार को आर्सेलर मित्तल निप्पन स्टील लिमिटेड (एएमएनएसआईएल) की गुजरात सरकार और एस्सार बल्क टर्मिनल लिमिटेड के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया।
एएमएनएसआईएल ने इस याचिका के जरिए हजीरा बंदरगाह लाइसेंस को अपने नाम हस्तांतरित करने की मांग की है। इस मामले को न्यायामूर्ति उधवानी की अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था।
उन्होंने एक मौखिक आदेश में कहा, ‘‘इस अदालत के समक्ष नहीं।’’ हालांकि, उन्होंने इस मामले से हटने के लिए कोई कारण नहीं बताया।
न्यायमूर्ति उधवानी ने कहा, ‘‘इस अदालत के समक्ष नहीं। इस मामले को उचित अदालत के समक्ष रखने के लिए कागजात को 29 जुलाई 2020 तक माननीय मुख्य न्यायाधीश को भेज दिया जाएगा।’’
एक दिवालाशोधन प्रक्रिया के तहत एस्सार स्टील को खरीदने के चंद दिनों के भीतर, एएमएनएसआईएल ने गुजरात मैरीटाइम बोर्ड को एक आवेदन किया था, जिसमें अनुरोध किया गया था कि लाइसेंस उसे हस्तांतरित किया जाए। हालांकि, सरकार को इस मामले पर अभी फैसला करना बाकी है।
इसबीच एएमएनएसआईएल ने अदालत से गुहार लगायी कि एस्सार बल्क टर्मिनल लिमिटेड (ईबीटीएल) एक नॉमिनी या ट्रस्टी के रूप में कैप्टिव लाइसेंस रखती है। आर्सेलर मित्तल निप्पॉन ने अनुच्छेद 226 के तहत यह याचिका दायर की है।
एस्सार स्टील के पास गुजरात के हजीरा में एक करोड़ टन प्रति वर्ष क्षमता का इस्पात संयंत्र है। इसे बंदरगाह पर निर्मित निजी इस्तेमाल वाले घाट (जेट्टी) से सुविधाएं प्राप्त होती है।


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PTI News Agency

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