जी-20: महिला प्रतिनिधियों ने लैंगिक असमानता की खाई को पाटने के लिए वित्तीय, डिजिटल समावेशन पर जोर दिया
punjabkesari.in Monday, May 08, 2023 - 05:52 PM (IST)

पणजी, आठ मई (भाषा) गोवा में जी-20 की बैठक में हिस्सा ले रही महिला प्रतिनिधियों ने सोमवार को लैंगिक असमानता की खाई को पाटने के लिए दुनिया भर में महिलाओं के वित्तीय और डिजिटल समावेशन पर जोर दिया।
ये महिला प्रतिनिधि गोवा में होने वाले जी-20 के तीसरे विकास कार्यसमूह की बैठक से पहले आयोजित एक पैनल चर्चा में भाग ले रही थीं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की पूर्व अध्यक्ष मारिया फर्नांडा एस्पिनोसा ने ‘महिला-नेतृत्व वाला विकास’ विषय पर एक चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि महिलाएं आज भी खुद को साबित करने का प्रयास करती हैं। उन्होंने कहा कि नेतृत्व वाले पदों पर महिलाओं को इन रूढ़ियों को तोड़ने के लिए उदाहरण पेश करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ऐसे संस्थानों और प्रणालियों को तैयार करने की जरूरत है, जो महिला नेतृत्व को अनुमति दे और उसका स्वागत करे।
चर्चा में भाग लेते हुए दक्षिण अफ्रीका के एक गैर-लाभकारी संगठन ''गर्लहाइप-वीमेन हू कोड'' की संस्थापक और सीईओ, बरतांग मिया ने कहा कि बड़ी मात्रा में डिजिटल विषय-वस्तु (कंटेंट) के उपयोगकर्ताओं के तौर पर महिलाओं को इस विषय-वस्तु को उत्पन्न करने वाले एल्गोरिदम को आगे बढ़ाने और उन आधारों को पूरी तरह से समझने की आवश्यकता है, जिन पर इन्हें तैयार किया जाता है।
उन्होंने कहा कि तकनीकी साक्षरता आज रोजगार बाजार में महिलाओं की भागीदारी के लिए एक महत्वपूर्ण बाधा है।
एविओम इंडिया हाउसिंग फाइनेंस की संस्थापक और सीईओ काजल इल्मी ने कहा कि सांस्कृतिक रूप से महिलाओं का धन प्रबंधन और वित्त की समझ के साथ एक बहुत ही जटिल रिश्ता है।
उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को सक्षम बनाने के लिए, सामाजिक-आर्थिक स्तर पर महिलाओं के बीच यह समझ पैदा करना बदलाव के मूल आधार में होना चाहिए।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
ये महिला प्रतिनिधि गोवा में होने वाले जी-20 के तीसरे विकास कार्यसमूह की बैठक से पहले आयोजित एक पैनल चर्चा में भाग ले रही थीं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की पूर्व अध्यक्ष मारिया फर्नांडा एस्पिनोसा ने ‘महिला-नेतृत्व वाला विकास’ विषय पर एक चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि महिलाएं आज भी खुद को साबित करने का प्रयास करती हैं। उन्होंने कहा कि नेतृत्व वाले पदों पर महिलाओं को इन रूढ़ियों को तोड़ने के लिए उदाहरण पेश करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ऐसे संस्थानों और प्रणालियों को तैयार करने की जरूरत है, जो महिला नेतृत्व को अनुमति दे और उसका स्वागत करे।
चर्चा में भाग लेते हुए दक्षिण अफ्रीका के एक गैर-लाभकारी संगठन ''गर्लहाइप-वीमेन हू कोड'' की संस्थापक और सीईओ, बरतांग मिया ने कहा कि बड़ी मात्रा में डिजिटल विषय-वस्तु (कंटेंट) के उपयोगकर्ताओं के तौर पर महिलाओं को इस विषय-वस्तु को उत्पन्न करने वाले एल्गोरिदम को आगे बढ़ाने और उन आधारों को पूरी तरह से समझने की आवश्यकता है, जिन पर इन्हें तैयार किया जाता है।
उन्होंने कहा कि तकनीकी साक्षरता आज रोजगार बाजार में महिलाओं की भागीदारी के लिए एक महत्वपूर्ण बाधा है।
एविओम इंडिया हाउसिंग फाइनेंस की संस्थापक और सीईओ काजल इल्मी ने कहा कि सांस्कृतिक रूप से महिलाओं का धन प्रबंधन और वित्त की समझ के साथ एक बहुत ही जटिल रिश्ता है।
उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को सक्षम बनाने के लिए, सामाजिक-आर्थिक स्तर पर महिलाओं के बीच यह समझ पैदा करना बदलाव के मूल आधार में होना चाहिए।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।