महादेई नदी संबंधी कर्नाटक की योजना अटक जाएगी: गोवा के मंत्री
punjabkesari.in Sunday, Feb 12, 2023 - 08:27 PM (IST)

पणजी, 12 फरवरी (भाषा) गोवा के मंत्री सुभाष शिरोडकर ने रविवार को कहा कि दो बांध बनाकर महादेई नदी की धारा मोड़ने की कर्नाटक की योजना वन और वन्यजीव मंजूरी के अभाव में अटक जाएगी।
दोनों राज्यों के बीच नदी जल के बंटवारे को लेकर विवाद है और गोवा अक्सर कर्नाटक पर आपसी समझौतों की अनदेखी करके एकतरफा ढंग से परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश करने का आरोप लगाता रहा है।
शिरोडकर ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (दो बांधों के लिए) के लिए केंद्र द्वारा कर्नाटक को दी गई मंजूरी सिर्फ शुरुआत है। यह पहला कदम है तथा उन्हें (कर्नाटक) को 100 और कदम उठाने होंगे। मुद्दा (विवाद) 22 साल से चल रहा है। मुझे यकीन है कि महादेई की धारा मोड़ने की कर्नाटक की योजना विफल हो जाएगी।’’
शिरोडकर ने कहा कि गोवा सरकार ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कर्नाटक को पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है क्योंकि नदी की धारा मोड़ने से महादेई वन्यजीव अभयारण्य प्रभावित होगा, जो नीचे की ओर स्थित है।
जल संसाधन मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि कर्नाटक इस अड़चन से नहीं निपट सकेगा। वन्यजीव या वन मंजूरी के अभाव में परियोजना को बंद कर दिया जाएगा। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय नदी की धारा मोड़ने की अनुमति नहीं देगा।"
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
दोनों राज्यों के बीच नदी जल के बंटवारे को लेकर विवाद है और गोवा अक्सर कर्नाटक पर आपसी समझौतों की अनदेखी करके एकतरफा ढंग से परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश करने का आरोप लगाता रहा है।
शिरोडकर ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (दो बांधों के लिए) के लिए केंद्र द्वारा कर्नाटक को दी गई मंजूरी सिर्फ शुरुआत है। यह पहला कदम है तथा उन्हें (कर्नाटक) को 100 और कदम उठाने होंगे। मुद्दा (विवाद) 22 साल से चल रहा है। मुझे यकीन है कि महादेई की धारा मोड़ने की कर्नाटक की योजना विफल हो जाएगी।’’
शिरोडकर ने कहा कि गोवा सरकार ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कर्नाटक को पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है क्योंकि नदी की धारा मोड़ने से महादेई वन्यजीव अभयारण्य प्रभावित होगा, जो नीचे की ओर स्थित है।
जल संसाधन मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि कर्नाटक इस अड़चन से नहीं निपट सकेगा। वन्यजीव या वन मंजूरी के अभाव में परियोजना को बंद कर दिया जाएगा। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय नदी की धारा मोड़ने की अनुमति नहीं देगा।"
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