गोवा विधानसभा ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी
punjabkesari.in Friday, Jul 22, 2022 - 04:41 PM (IST)
पणजी, 22 जुलाई (भाषा) गोवा विधानसभा ने द्रौपदी मुर्मू को भारत की 15वीं राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई देते हुए शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित किया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक दाजी कृष्ण साल्कर ने विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन सदन में यह प्रस्ताव पेश किया। विपक्ष के नेता माइकल लोबो समेत सभी विधायकों ने इसका समर्थन किया।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस प्रस्ताव को लेकर कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जो अपने कार्यकर्ताओं को देश के सर्वोच्च पद पर चुने जाने का अवसर और मंच देती है।
सावंत ने कहा कि भाजपा की नीति के कारण ही वह पार्टी के एक सामान्य कार्यकर्ता से गोवा के मुख्यमंत्री बन सके हैं।
मुख्यमंत्री ने मुर्मू को ऐतिहासिक अंतर से चुनाव जीतने पर बधाई दी।
सावंत ने यह भी बताया कि विपक्षी दल के तीन विधायकों ने उनके पक्ष में क्रॉस वोट किया, जो उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है। उन्होंने तीनों विधायकों को उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया।
विधानसभा अध्यक्ष रमेश तावड़कर ने कहा कि यह गर्व की बात है कि एक आदिवासी महिला को इस सर्वोच्च पद पर चुना गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह तभी संभव है जब देश का नेतृत्व सर्व समावेशी हो।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक दाजी कृष्ण साल्कर ने विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन सदन में यह प्रस्ताव पेश किया। विपक्ष के नेता माइकल लोबो समेत सभी विधायकों ने इसका समर्थन किया।
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस प्रस्ताव को लेकर कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जो अपने कार्यकर्ताओं को देश के सर्वोच्च पद पर चुने जाने का अवसर और मंच देती है।
सावंत ने कहा कि भाजपा की नीति के कारण ही वह पार्टी के एक सामान्य कार्यकर्ता से गोवा के मुख्यमंत्री बन सके हैं।
मुख्यमंत्री ने मुर्मू को ऐतिहासिक अंतर से चुनाव जीतने पर बधाई दी।
सावंत ने यह भी बताया कि विपक्षी दल के तीन विधायकों ने उनके पक्ष में क्रॉस वोट किया, जो उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है। उन्होंने तीनों विधायकों को उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया।
विधानसभा अध्यक्ष रमेश तावड़कर ने कहा कि यह गर्व की बात है कि एक आदिवासी महिला को इस सर्वोच्च पद पर चुना गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह तभी संभव है जब देश का नेतृत्व सर्व समावेशी हो।’’
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