गोवा के राज्यपाल ने राजभवन की नयी इमारत योजना को लेकर गलत सूचनाओं पर निराशा जताई
Monday, May 30, 2022 - 06:14 PM (IST)
पणजी, 30 मई (भाषा) गोवा के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई ने सोमवार को कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ राजनीतिक दल राज्य में नए राजभवन परिसर के निर्माण के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं।
गोवा के 35वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नेताओं को ‘‘पढ़ना चाहिए और जनता को समझाना चाहिए।’’ राज्यपाल ने यह भी कहा कि ‘‘राजभवन के मुद्दे पर गोवा में कुछ नेताओं के बीच बुनियादी जानकारी की कमी है।’’
कई दल एक नए राजभवन परिसर के निर्माण की योजना का विरोध कर रहे हैं। कुछ दलों ने यह भी कहा है कि वर्तमान राजभवन को ध्वस्त कर दिया जाएगा।
जनता को उचित जानकारी देने की आवश्यकता पर बल देते हुए राज्यपाल ने 1952 में पत्रकारों के साथ देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बातचीत का हवाला दिया।
पिल्लई ने कहा कि मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि देश के 59 प्रतिशत लोगों के निरक्षर होने पर लोकतंत्र कैसे सफल होगा, नेहरू ने टिप्पणी की थी कि ‘‘नेताओं को जनता को शिक्षित करना होगा।’’
पिल्लई ने कहा, ‘‘गोवा में एक प्रस्ताव है (नए राजभवन भवन के लिए) और धन भी केंद्र से आ रहा है, उसी तरह जैसे मिजोरम राजभवन बनाया गया है। राष्ट्रपति (राजभवन के निर्माण में) बहुत रुचि रखते हैं और उन्होंने मुझे उस दिशा में आगे बढ़ने के लिए कहा है।’’
राजभवन की मौजूदा इमारत को गिरा दिया जाएगा या इसके स्वरूप में बदलाव को लेकर कुछ बयानों का हवाला देते हुए पिल्लई ने कहा कि यह संरचना एक राष्ट्रीय स्मारक है और कोई भी इसे नहीं छुएगा। लोगों को सही जानकारी देने पर जोर देते हुए पिल्लई ने कहा कि ‘‘झूठी खबरें फैलाना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
गोवा के 35वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नेताओं को ‘‘पढ़ना चाहिए और जनता को समझाना चाहिए।’’ राज्यपाल ने यह भी कहा कि ‘‘राजभवन के मुद्दे पर गोवा में कुछ नेताओं के बीच बुनियादी जानकारी की कमी है।’’
कई दल एक नए राजभवन परिसर के निर्माण की योजना का विरोध कर रहे हैं। कुछ दलों ने यह भी कहा है कि वर्तमान राजभवन को ध्वस्त कर दिया जाएगा।
जनता को उचित जानकारी देने की आवश्यकता पर बल देते हुए राज्यपाल ने 1952 में पत्रकारों के साथ देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बातचीत का हवाला दिया।
पिल्लई ने कहा कि मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि देश के 59 प्रतिशत लोगों के निरक्षर होने पर लोकतंत्र कैसे सफल होगा, नेहरू ने टिप्पणी की थी कि ‘‘नेताओं को जनता को शिक्षित करना होगा।’’
पिल्लई ने कहा, ‘‘गोवा में एक प्रस्ताव है (नए राजभवन भवन के लिए) और धन भी केंद्र से आ रहा है, उसी तरह जैसे मिजोरम राजभवन बनाया गया है। राष्ट्रपति (राजभवन के निर्माण में) बहुत रुचि रखते हैं और उन्होंने मुझे उस दिशा में आगे बढ़ने के लिए कहा है।’’
राजभवन की मौजूदा इमारत को गिरा दिया जाएगा या इसके स्वरूप में बदलाव को लेकर कुछ बयानों का हवाला देते हुए पिल्लई ने कहा कि यह संरचना एक राष्ट्रीय स्मारक है और कोई भी इसे नहीं छुएगा। लोगों को सही जानकारी देने पर जोर देते हुए पिल्लई ने कहा कि ‘‘झूठी खबरें फैलाना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।’’
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