गोवा ने नया मोटर वाहन कानून लागू करने का फैसला टाला
punjabkesari.in Friday, Apr 09, 2021 - 10:47 AM (IST)
पणजी, नौ अप्रैल (भाषा) गोवा सरकार ने मोटर वाहन कानून के तहत नए बदलावों को एक मई से लागू करने के अपने फैसले को टालने का निर्णय लिया हैं। इन नए बदलावों में यातायात उल्लंघनों के लिए भारी जुर्माना लगाना शामिल है।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों को बताया कि केंद्रीय कानून मोटर वाहन चलाने वालों के लिए सख्त है और महामारी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने इसके कार्यान्वयन पर फिलहाल रोक लगाने का फैसला किया है।
परिवहन मंत्री मौविन गोडिन्हो ने इस हफ्ते घोषणा की थी कि नया मोटर वाहन कानून एक मई से लागू किया जाएगा।
सावंत ने बृहस्पतिवार को कहा कि कानून को लागू करने की नयी तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम अपने फैसले के बारे में केंद्र और उच्चतम न्यायालय को सूचित करेंगे।’’
गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सदानंद तानावडे ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार से कोविड-19 महामारी की स्थिति पर विचार करते हुए इस कानून को लागू करने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।
तानावडे ने कहा कि लोग महामारी के कारण पहले ही वित्तीय दबाव से जूझ रहे हैं और यातायात उल्लंघनों के लिए भारी जुर्माना वसूलने से उन पर और असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि भारी जुर्माना लगाने से सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता आएगी। इसके बजाय सरकार को यातायात नियमों और उनका पालन करने की जरूरत के बारे में जनता को जागरूक करना चाहिए।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों को बताया कि केंद्रीय कानून मोटर वाहन चलाने वालों के लिए सख्त है और महामारी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने इसके कार्यान्वयन पर फिलहाल रोक लगाने का फैसला किया है।
परिवहन मंत्री मौविन गोडिन्हो ने इस हफ्ते घोषणा की थी कि नया मोटर वाहन कानून एक मई से लागू किया जाएगा।
सावंत ने बृहस्पतिवार को कहा कि कानून को लागू करने की नयी तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम अपने फैसले के बारे में केंद्र और उच्चतम न्यायालय को सूचित करेंगे।’’
गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सदानंद तानावडे ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार से कोविड-19 महामारी की स्थिति पर विचार करते हुए इस कानून को लागू करने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।
तानावडे ने कहा कि लोग महामारी के कारण पहले ही वित्तीय दबाव से जूझ रहे हैं और यातायात उल्लंघनों के लिए भारी जुर्माना वसूलने से उन पर और असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि भारी जुर्माना लगाने से सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता आएगी। इसके बजाय सरकार को यातायात नियमों और उनका पालन करने की जरूरत के बारे में जनता को जागरूक करना चाहिए।
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