गोवा नगर निकाय चुनाव: अदालत ने वार्डों के आरक्षण संबंधी अधिसूचना दरकिनार की
punjabkesari.in Monday, Mar 01, 2021 - 12:40 PM (IST)
पणजी, एक मार्च (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ ने 11 में से से पांच नगर निकाय के विभिन्न वार्डों को आरक्षित रखने के राज्य सरकार के नगरपालिका प्रशासन निदेशालय की अधिसूचना सोमवार को निरस्त कर दी।
गोवा में 11 नगरपालिका परिषदों और पणजी नगर निगम के लिए 20 मार्च को चुनाव होंगे।
अदालत ने गोवा सरकार को आदेश दिया कि वह मडगांव, मोरमुगांव, मापुसा, सांगुएम और क्वेपेम की पांच नगरपालिका परिषद के वार्डों को आरक्षित रखने की प्रक्रिया फिर से करे।
पीठ ने कहा कि अन्य नगर पालिकाओं में चुनाव प्रक्रिया राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) द्वारा घोषित तिथियों के अनुसार जारी रहनी चाहिए।
नगरपालिका प्रशासन निदेशालय ने आगामी चुनाव के लिए इन पांच नगर निकायों के विभिन्न वार्डों को आरक्षित रखने की अधिसूचना चार फरवरी, 2021 को जारी की थी।
विपक्षी कांग्रेस और गोवा फोरवर्ड पार्टी इस मामले के नौ याचिकाकर्ताओं में शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि वार्डों का आरक्षण राजनीति से प्रेरित है और ऐसा बिना किसी तर्क के किया गया है।
इन चुनाव में करीब ढाई लाख लोग मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।
गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता दिगम्बर कामत ने अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘माननीय उच्च न्यायालय ने नगर पालिका परिषद में वार्डों के आरक्षण संबंधी चार फरवरी 2021 की डीएमए की अधिसूचना को रद्द कर दिया है, जो गोवा में भाजपा के जुमला राज और चुनावों में जोड़-तोड़ के अंत की शुरुआत है।’’
गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया, ‘‘सत्यमेव जयते।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
गोवा में 11 नगरपालिका परिषदों और पणजी नगर निगम के लिए 20 मार्च को चुनाव होंगे।
अदालत ने गोवा सरकार को आदेश दिया कि वह मडगांव, मोरमुगांव, मापुसा, सांगुएम और क्वेपेम की पांच नगरपालिका परिषद के वार्डों को आरक्षित रखने की प्रक्रिया फिर से करे।
पीठ ने कहा कि अन्य नगर पालिकाओं में चुनाव प्रक्रिया राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) द्वारा घोषित तिथियों के अनुसार जारी रहनी चाहिए।
नगरपालिका प्रशासन निदेशालय ने आगामी चुनाव के लिए इन पांच नगर निकायों के विभिन्न वार्डों को आरक्षित रखने की अधिसूचना चार फरवरी, 2021 को जारी की थी।
विपक्षी कांग्रेस और गोवा फोरवर्ड पार्टी इस मामले के नौ याचिकाकर्ताओं में शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि वार्डों का आरक्षण राजनीति से प्रेरित है और ऐसा बिना किसी तर्क के किया गया है।
इन चुनाव में करीब ढाई लाख लोग मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।
गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता दिगम्बर कामत ने अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘माननीय उच्च न्यायालय ने नगर पालिका परिषद में वार्डों के आरक्षण संबंधी चार फरवरी 2021 की डीएमए की अधिसूचना को रद्द कर दिया है, जो गोवा में भाजपा के जुमला राज और चुनावों में जोड़-तोड़ के अंत की शुरुआत है।’’
गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया, ‘‘सत्यमेव जयते।’’
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