इको-फ्रैंडली जैल आग लगने की घटनाओं को रोकने में है मददगार, इस तरह करता है काम

Monday, Nov 04, 2019 - 06:04 PM (IST)

गैजेट डेस्कः पूरा विश्व आज प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है। हाल में धरती के फेफड़े कहे जाने वाले अमेजन जंगल में आग लग गई थी। इससे ना केवल हवा में जहर घुला बल्कि बड़ी संख्या में पेड़ आग की भेंट चढ़ गए। लेकिन अब ऐसी घटनाओं से बचने के लिए शोधकर्ताओं ने ऐसा जैल बनाया है जिसके छिड़काव से जंगलों में आग लगने की घटनाओं में कमी आएगी। अग्निशमन कर्मचारियों के लिए भी यह राहत लेकर आया है।    

स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी किया है बनाने का दावा
कैलिफोर्निया के स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह जैल पूरी तरह से नॉनटॉक्सिक मैटीरियल पर आधारित सैलुलोज से बना है। इसका इस्तेमाल खाद्य पदार्थ, ड्रग, कॉस्मैटिक और कृषि उत्पादों में होता है। इसे मौजूदा अग्निरोधक रसायन में मिलाकर फायर फाइटिंग विमान से उन क्षेत्रों में इसका छिड़काव किया जा सकता है जहां आग लगने की ज्यादा संभावना रहती है।

क्या खास है जैल में
साधारण अग्निशमन रसायन पेड़ो से बारिश में आसानी से धुल जाते हैं या हवा के कारण उनका प्रभाव खत्म हो जाता है, चाहे उन्हें बेहद ही चिपचिपे जैल में मिला कर ही क्यों ने पेड़ों पर छिड़काव किया जाए। लेकिन नए जैल की यही खासियत है कि किसी भी विपरित मौसम में इसका प्रभाव कम नहीं होता है। यह पूरे फायर सीजन में जंगलों को आग से बचाव कर सकता है।  

इको-फ्रैंडली है यह जैल
यह जैल इको-फ्रैंडली है। इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता। साथ ही पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए यह बॉयोडिग्रेड हो जाता है। आग लगने के बाद बुझाने के लिए इस्तेमाल होने वाले रसायन से पर्यावरण को ज्यादा नुकसान होता है। इसलिए बेहतर है कि आग लगने की घटनाओं पर ही नियंत्रण किया जाए।  

 

Ravi Pratap Singh

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