WhatsApp छोड़ Arattai पर जाने से पहले जान लें ये बड़ी बात, चैट सिक्योरिटी और डेटा लीक का खतरा!
punjabkesari.in Tuesday, Sep 30, 2025 - 05:09 PM (IST)

टेक डेस्क : स्वदेशी इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप Arattai कुछ ही दिनों में तेजी से लोकप्रिय हो गया है। ऐप Apple App Store और Google Play Store पर नंबर-1 भी बन चुका है। इसे Zoho कंपनी ने तैयार किया है और यह WhatsApp का डायरेक्ट राइवल माना जा रहा है। हालांकि, एन्क्रिप्शन की सुरक्षा के लिहाज से Arattai अभी WhatsApp से पीछे नजर आता है।
Arattai और WhatsApp में एन्क्रिप्शन का अंतर
WhatsApp में एंड टू एंड एन्क्रिप्शन (E2EE) होता है। इसका मतलब है कि मैसेज आपके फोन से एन्क्रिप्ट होकर रिसीवर तक जाता है। WhatsApp के सर्वर पर भी मैसेज कोड में रहता है और कंपनी इसे पढ़ नहीं सकती। वहीं, Arattai में सामान्य चैट्स एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड नहीं हैं, केवल कॉलिंग और “सीक्रेट चैट” फीचर के लिए यह सुविधा उपलब्ध है।
Arattai पर चैट की सुरक्षा
Arattai की सामान्य चैट्स Zoho के सर्वर तक ऐसी फॉर्म में पहुंचती हैं जिसे तकनीकी रूप से कंपनी एक्सेस कर सकती है। यदि सरकार या कोई एजेंसी डेटा मांगती है, तो Arattai इसे प्रदान करने की स्थिति में है। इससे हैकिंग और डेटा लीक का जोखिम बढ़ जाता है।
कॉलिंग और डेटा स्टोरेज
Arattai की वेबसाइट के अनुसार, वॉयस और वीडियो कॉल्स एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड हैं। डेटा स्टोरेज भी एन्क्रिप्टेड रहता है। हालांकि सामान्य चैट्स में किस एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल का उपयोग हो रहा है, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई। FAQ पेज पर भी क्रिप्टोग्राफिक विवरण नहीं दिया गया।
WhatsApp का Signal Protocol
WhatsApp Signal Protocol का उपयोग करता है, जिसे दुनिया का गोल्ड स्टैंडर्ड एन्क्रिप्शन माना जाता है। यह ओपन-सोर्स है और किसी भी ऑडिट के लिए उपलब्ध है। Signal Protocol को विश्वभर के रिसर्चर्स और क्रिप्टोग्राफर्स ने कई बार ऑडिट किया है और इसे सबसे भरोसेमंद एन्क्रिप्शन सिस्टम माना गया है।
विशेषज्ञों की राय
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि Arattai कॉलिंग और सीक्रेट चैट फीचर्स में सुरक्षित है, लेकिन सामान्य चैट्स की सुरक्षा में WhatsApp से पीछे है। इसलिए यूजर्स को व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी साझा करते समय सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।