विश्व के स्टार खिलाड़ी मैसी का सपना रह गया अधूरा

Monday, Jun 27, 2016 - 07:13 PM (IST)

नई दिल्ली: लगभग एक दशक तक फुटबाल के मैदान पर अपने करिश्मे से दुनियाभर के प्रशंसकों के दिलों पर राज करने वाले अर्जेंटीना के स्टार फारवर्ड लियोनल मैसी ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय फुटबाल से संन्यास की घोषणा कर दी। कोपा अमेरिका के फाइनल मुकाबले में चिली के हाथों मिली हार के साथ ही उनका राष्ट्रीय टीम के साथ बड़ी ट्राफी जीतने का सपना भी अधूरा ही रह गया।   
 
अर्जेंटीना के रोसारियो में 24 जून 1987 को जन्मे मैसी ने पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं कहावत को चरितार्थ करते हुए बचपन से ही प्रतिभा का प्रदर्शन करना शुरु कर दिया था। साल 2000 में 13 वर्ष की उम्र में ही वह बार्सिलोना क्लब से जुड़ गए थे। उनकी प्रतिभा को देखते हुए कोच फ्रेंक रिजकार्ड ने तीन वर्ष बाद 16 वर्ष की उम्र में उन्हें सीनियर टीम में शामिल कर दिया और वह पोर्ट के खिलाफ एक दोस्ताना मुकाबले में खेलने उतरे।   
 
मैसी ने वर्ष 2005 के विश्व यूथ चैंपियनशिप के फाइनल में नाइजीरिया के खिलाफ दो पेनल्टी स्कोर करते हुए अर्जेंटीना को 2-1 से चैंपियन बना दिया। इसी वर्ष 2005 के अगस्त में हंगरी के खिलाफ मैत्री मैच में उन्हें अर्जेंटीना की राष्ट्रीय टीम की तरफ से खेलने का अवसर मिला। बतौर स्थानापन्न खिलाड़ी मैदान में गए मैसी एक मिनट से भी कम समय में विपक्षी खिलाड़ी से उलझने की वजह से वापिस आ गए। उन्हें 2006 के विश्वकप में खेलने का मौका मिला जहां अर्जेंटीना की टीम क्वार्टरफाइनल में जर्मनी के खिलाफ हार कर बाहर हो गई थी। 
 
इसके बाद मैसी ने वर्ष 2008 के बीजिंग ओलंपिक खेलों में अर्जेंटीना को स्वर्ण पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2010 के विश्वकप में वह फार्म के लिए जूझते रहे। इस विश्वकप के क्वार्टरफाइनल में भी अर्जेंटीना को जर्मनी के हाथों 4-0 से पराजय झेलनी पड़ी। चोट से प्रभावित सत्र के बाद उन्होंने अपनी कप्तानी में अर्जेंटीना को वर्ष 2014 के विश्वकप के फाइनल तक पहुंचाया लेकिन यहां भी जर्मनी के जिन्न ने पीछा नहीं छोड़ा और अर्जेंटीना 0-1 से हार गया।
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