पूर्व कप्तान का खुलासा- रेप के डर से खिलाड़ी बन जाती थी लेस्बियन!(Pics)

Friday, May 06, 2016 - 06:57 PM (IST)

वाराणसीः भारतीय महिला फुटबाल टीम की पूर्व कप्तान सोना चौधरी ने हाल ही में अपनी नॉवेल ''गेम इन गेम'' काशी में रिलीज की। इस नॉवेल में उन्हाेंने टीम मैनेजमेंट, कोच और सेक्रेटरी द्वारा प्लेयर्स के उत्पीड़न को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। 

रेप के डर से खिलाड़ी बन जाती थी लेस्बियन
एक समाचारपत्र के साथ बातचीत में सोना चौधरी ने बताया कि इस नॉवेल में खिलाडि़याें के साथ हाेने वाली बदसलूकी की 90 फीसदी घटनाएं सच्ची है। सोना के मुताबिक टीम के कोच और सेक्रेटरी महिला खिलाड़ियों को कॉम्प्रोमाइज करने के लिए मजबूर करते थे। सोना ने बताया, टीम मैनेजमेंट का कोई सदस्य रेप न कर दे, इस डर से प्लेयर्स आपस में लेस्बियन अफेयर कर लेती थीं। स्टेट टीम हो या नेशनल टीम, कई लड़कियों को कॉम्प्रोमाइज करने के लिए मेंटली टॉर्चर किया जाता है।

प्लेयर्स के साथ हाेती थी राजनीति
1994 में करियर शुरू करने वालीं साेना मूलतः हरियाणा की रहने वाली है। वह हरियाणा की बेस्ट प्लेयर थीं। सोना कहती हैं, हरियाणा पुलिस ने मुझे काफी सपोर्ट किया। वे अपना ग्राउंड खेलने के लिए देते थे। हरियाणा में प्लेयर्स के साथ होने वाले पॉलिटिक्स से परेशान होकर 1995 में यूपी आकर बस गईं। 1995 में ही उन्हाेंने भारतीय महिला फुटबॉल टीम में एंट्री की और महज एक साल बाद ही टीम की कैप्टन बन गईं। उन्होंने 1996-97 तक कप्तानी संभाली।

एक चोट से खत्म हुआ करियर
सोना को फुटबॉल से प्यार 1989 में स्कूलिंग के दौरान हुआ था। वो राइट बैक पोजिशन से खेलती थीं। 1998 में एशियन गेम्स के दौरान उन्हें घुटने और बैकबोन में चोट लगी थी। उस चोट ने उनका फुटबॉल करियर खत्म कर दिया था। ऑपरेशन के बाद सोना 6 महीने तक व्हीलचेयर और बेड रेस्ट पर रहीं। 2002 में शादी के बाद वो वाराणसी आकर बस गईं।

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