‘वृषभ’ रिव्यू: पौराणिक फैंटेसी के साथ भावनाओं की गहराई दिखाती एक संतुलित फिल्म

punjabkesari.in Thursday, Dec 25, 2025 - 01:05 PM (IST)

फिल्म: वृषभ (Vrusshabha)
निर्देशक: नंदा किशोर (Nanda Kishore)
कलाकार: मोहनलाल (Mohanlal), समरजीत लंकेश (Samarjit Lankesh), रागिनी द्विवेदी(Ragini Dwivedi), नयन सारिका (Nayan Sarika), अजय (Ajay), नेहा सक्सेना (Neha Saxena)सहित अन्य
रेटिंग: 3.5*


Vrusshabha: ‘वृषभ’ एक ऐसी फैंटेसी फिल्म है जो पौराणिक तत्वों को सिर्फ भव्यता तक सीमित नहीं रखती, बल्कि उन्हें कहानी और भावनाओं की नींव बनाती है। यह फिल्म तेज़ रफ्तार मसालेदार मनोरंजन से अलग हटकर जिम्मेदारी, त्याग और आत्मिक संघर्ष जैसे विषयों को गंभीरता से पेश करती है। शानदार स्टार कास्ट और मजबूत कहानी के चलते ‘वृषभ’ पहले से ही चर्चा में बनी हुई है।

कहानी और निर्देशन
फिल्म की कहानी धीरे-धीरे आगे बढ़ती है और किरदारों के भीतर चल रहे द्वंद्व को प्रमुखता से सामने लाती है। इसमें अनावश्यक ट्विस्ट या बेवजह की तेजी नहीं है, बल्कि भावनात्मक विकास पर फोकस किया गया है। जिम्मेदारी और बलिदान जैसे विषय कहानी की आत्मा बनते हैं। कन्नड़ निर्देशक नंद किशोर ने न सिर्फ फिल्म का निर्देशन किया है बल्कि इसकी कहानी भी खुद लिखी है। उनका निर्देशन सधा हुआ और गंभीर है, जो फिल्म के भावनात्मक प्रभाव को मजबूत बनाता है। पौराणिक फैंटेसी, ड्रामा और एक्शन का संतुलन फिल्म को खास बनाता है।

अभिनय
फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष इसके मुख्य कलाकार हैं। मोहनलाल अपने शांत, संयमित और प्रभावशाली अभिनय से किरदार में गहराई और विश्वसनीयता लाते हैं। उनकी मौजूदगी फिल्म को एक ठोस आधार देती है। वहीं समरजीत लंकेश नई ऊर्जा के साथ नजर आते हैं। उनका अभिनय नियंत्रित, स्पष्ट और भावनात्मक रूप से सटीक है, जो कहानी के साथ मजबूती से जुड़ता है। सहायक कलाकार भी फिल्म की दुनिया को जीवंत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं और कहानी को सपोर्ट करते हैं।

तकनीकी पक्ष
फिल्म का तकनीकी स्तर मजबूत है। बैकग्राउंड स्कोर भावनाओं के उतार-चढ़ाव को प्रभावी ढंग से उभारता है और दृश्यों के साथ मेल खाता है। एक्शन और ड्रामा बिना अतिरिक्त शोर के असर छोड़ते हैं।


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Content Editor

Mansi

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