Liger Review: विजय देवरकोंडा की बॉलीवुड में ब्लास्टिंग एंट्री

punjabkesari.in Friday, Aug 26, 2022 - 01:16 PM (IST)

फिल्म : लाइगर (Liger)
निर्देशक : पुरी जगन्नाध (Puri Jagannadh)
कलाकार : विजय देवरकोंडा (Vijay Deverkonda), अनन्या पांडे (Ananya Panday), राम्या कृष्णन (Ramya Krishnan), रोनित रॉय (Ronit Roy)
रेटिंग : 4/5

Liger movie review : साउथ के सुपरस्टार विजय देवरकोंडा 'लाइगर' फिल्म के जरिए हिंदी फिल्मों में कदम रख चुकें हैं। इसमें उनके साथ बॉलीवुड एक्ट्रेस अनन्या पांडे हैं। 'लाइगर' सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। तमिल, तेलुगु, हिंदी, कन्नड़ और मलयालम भाषा में इसे पेन इंडिया रिलीज किया गया है। फिल्म को पुरी जग्गनाथ (Puri Jagannadh) ने डायरेक्ट किया है। पुरी इससे पहले सलमान खान की वॉन्टेड की ऑरिजनल साउथ फिल्म पोकरी का निर्देशन कर चुके हैं।

कहानी
फिल्म में एक मां बालमणि (राम्या कृष्णन) और बेटे लाइगर (विजय देवरकोंडा) की अनोखी बॉन्डिंग दिखाई गई है। बालमणि चाहती है कि उसका बेटा लाइगर हर हाल में एमएमए (मार्शल आर्ट्स) की दुनिया में नाम कमाए क्योंकि ये उसके मरे हुए पति की आखिरी इच्छा होती है। लेकिन लाइगर को अपने हक्लेपन की वजह से कई बार मजाक का पात्र बनना पड़ता है। यहां मां काफी स्ट्रॉन्ग होती है और वह अपने बेटे को भी मजबूत बनाना चाहती है। वह हमेशा अपने बेटे का हौसला बढ़ाती है और कहती है कि वो किसी से कम नहीं है। 

वहीं एक बेहतरीन फाइटर बनने के लिए लाइगर देश के बेस्ट कोच (रोनित रॉय) से फाइटिंग सीखना चाहता है। लेकिन पैसों की तंगी की वजह से वह सीख नहीं पाता है। उसकी चाह उसे उसकी मंजील तक पहुंचा देती है। वह कोच के इंस्टीट्यूट में झाड़ू-पोछा करना शुरू कर देता है। इस दौरान कोच की नजर उसकी फाइटिंग स्किल पड़ जाती है और वह उसे ट्रेंड करने के लिए भी तैयार हो जाता है। ऐसे में लाइगर अपनी कड़ी मेहनत से कोच का दिल जीतने में कामयाब रहता है। वहीं ट्रेनिंग के दौरान कोच उसे वॉर्निंग देता है कि वह अपना पूरा ध्यान मार्शल आर्ट पर दे और लड़कियों से दूर रहे। लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। लाइगर की लाइफ में सोशल मीडिया सेलिब्रिटी तान्या (अनन्या पांडे) की एंट्री हो जाती है जिसपर वह दिल हार बैठता है। अब करियर और प्यार के बीच लाइगर किसे चुनता है, यह जानने के लिए आपको सिनेमाघरों तक जाना पड़ेगा....

एक्टिंग
फिल्म में विजय देवरकोंडा ने शानदार परफॉरमेंस दी है। एक हकले के किरदार में वो खूब जम रहे हैं। वहीं राम्या भी मां के किरदार में जच रहीं हैं। वहीं अनन्या का काम भी ठीक ठाक है।

डायरेक्शन

लाइगर देखते वक्त फैंस थिएटर में सीटियां न बजाएं ऐसा हो नहीं सकता। पूरी फिल्म का चार्म विजय देवरकोंडा है। टैरेफिक एक्शन आपको हिलने नहीं देगा। स्टंट्स और डायरेक्शन सब कुछ अच्छा है। राम्या कृष्णन एक सरप्राइज पैकेज हैं, फिल्म की कहानी और स्क्रीनप्ले ठीक- ठाक है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyotsna Rawat

Recommended News

Related News