शफाली वर्मा और जेमिमा रोड्रिग्ज़ की अनसुनी क्रिकेट जर्नी, टू मच विद काजोल एंड ट्विंकल में खुली बातें''
punjabkesari.in Wednesday, Nov 26, 2025 - 05:13 PM (IST)
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। काजोल और ट्विंकल ने विश्व कप चैंपियंस शफाली वर्मा और जेमिमा रोड्रिग्ज़ का स्वागत किया टू मच विद काजोल एंड ट्विंकल के एक खास एपिसोड में, जो सीधे दिल में छू जाता है। बचपन की मेहनत से लेकर बड़े मैच के प्रेशर और जीत के रोमांच तक उन्होंने ऐसी कहानियाँ साझा कीं जो मज़ेदार, भावुक और प्रेरणादायक थीं। यह जुनून, हौसले और भारत में महिला क्रिकेट की अटूट प्रगति का रंगीन जश्न है!
ताज़ा जीत के बाद, जेमिमा ने 52 साल बाद विश्व कप जीतने की भावना को यूं बयां किया, 'यह सिर्फ हमारा नहीं, बल्कि हर भारतीय का सपना है। और हम बहुत खुश हैं कि हम ये कर पाए। हमने पहले भी बात की थी कि ये वर्ल्ड कप सिर्फ हमारा नहीं है, बल्कि उन सभी पीढ़ियों का है जिन्होंने हमारे लिए नींव रखी जिससे आज हम क्रिकेट खेल पा रहे हैं। इसलिए यह सबका कप है।” आखिरी विकेट को याद करते हुए उन्होंने कहा, “वो जब आखिरी विकेट गया और हम जीत गए, हम सब हैरी दी की तरफ भागे, जिन्होंने आखिरी कैच लिया। लेकिन किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा था। समझ नहीं आ रहा था कि ये सच में हुआ है या सपना है। क्योंकि हम जिंदगी भर से इस पल का सपना देख रहे थे।'
जेमिमा ने वह दिलचस्प मोड़ भी साझा किया जब वह क्रिकेट छोड़कर लगभग हॉकी चुनने वाली थीं। “मैंने हॉकी से पहले क्रिकेट खेलना शुरू किया था। हम भांडुप से बांद्रा शिफ्ट हुए क्योंकि बहुत ट्रैवलिंग होती थी। और बांद्रा में रहना बहुत महंगा है हम मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं। वहां एक अंकल ने मुझे हॉकी स्टिक दी और कहा, ‘जाकर खेलो, मेरी बेटी भी खेलती है।’ मैंने खेलना शुरू किया और हॉकी में भी अच्छा करने लगी। मजेदार बात ये है कि मुझे स्टेट हॉकी टीम में क्रिकेट से पहले चुना गया! तो मेरे दोस्त सोचते थे कि जेमी इंडिया के लिए हॉकी ही खेलेगी।' आखिरकार दोनों में से चुनने के समय उन्होंने क्रिकेट क्यों चुना? “उस लेवल पर, क्रिकेट में मैं हॉकी से ज़्यादा आगे बढ़ चुकी थी, इसलिए हमने क्रिकेट चुना। पर मेरा सपना आज भी है कि दोनों खेलों में भारत के लिए खेलूँ।'
शफाली ने अपने क्रिकेट सफर की अनोखी शुरुआत का ज़िक्र किया, 'मेरे भाई को एक टूर्नामेंट में जाना था और वो बीमार हो गया। पापा सर को फोन कर रहे थे कि बेटा नहीं आ पाएगा। मैंने कहा, ‘पापा फोन काटो, मैं भी जा सकती हूँ, मेरी भी अच्छी प्रैक्टिस हो जाएगी।’ मेरे बाल भी बॉय-कट थे और चेहरा भी भाई जैसा ही। मैं खेलने गई और वहीं ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज़’ बनी। तब मेरी उम्र 11 साल थी। और मैं भाई की ‘साहिल’ लिखी जर्सी पहनकर खेल रही थी।'
अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए, जेमिमा ने बताया, “जब मैंने क्लब में खेलना शुरू किया, तब लड़कियों का क्रिकेट इतना जाना-पहचाना नहीं था। लड़कियों के लिए अलग नेट्स नहीं थे, तो पापा ने मुझे लड़कों वाली अकादमी में डाल दिया। वहाँ लगभग 400 लड़के थे और मैं अकेली लड़की। वॉर्म-अप में जब कंधे पर हाथ रखकर लेग-मोबिलिटी करते थे, तो कोई लड़का मेरे पास नहीं आता था। अगर कोई आता भी, तो उसके दोस्तों की चिढ़ाने की वजह से बाद में कोई बात नहीं करता। लेकिन मैं कभी डरती नहीं थी। उन्होंने हमें टफ बनाया। सोचो, एक लड़की अगर लड़के को बाउंड्री या छक्का मार दे, तो उनकी ईगो हर्ट होती है तो अगली बॉल वो और तेज़ फेंकते थे। इससे हमारा गेम और बेहतर हुआ।”
अपनी ‘कम्फर्ट मूवी’ के बारे में शफाली ने बताया, 'मैं जब भी डाउन होती हूँ, मैं हमेशा दंगल देखती हूँ। सच बताऊँ तो, मैं हरियाणा से हूँ और उस फिल्म की बहुत सी चीजें मेरी लाइफ से मैच करती हैं। इसलिए जब भी मैं नीचे महसूस करती हूँ, दंगल देखकर अपने आप पंप्ड अप हो जाती हूँ।'
टीम DJ का टाइटल क्यों मिला, जेमिमा ने बताया, “मुझे पर्सनली स्लो और फील-गुड बॉलीवुड गाने पसंद हैं। स्टेट टीम में जाते वक्त मैं सिर्फ इंग्लिश गाने सुनती थी। लेकिन शफाली बॉलीवुड गाने बजाती थी। इससे टीम भी ज़्यादा बॉन्ड होती थी। अब मैं ज़्यादा बॉलीवुड सुनती हूँ। लेकिन DJ वाली बात हो डांस वाली तो फिर पंजाबी!
बनिजय एशिया द्वारा कॉन्सेप्ट और प्रोड्यूस किया गया यह अनोखा टॉक शो, ओप्पो द्वारा प्रस्तुत और कोह्लर, कल्याण ज्वेलर्स और फेवी क्विक द्वारा को-प्रेज़ेंटेड है। टू मच विद काजोल एंड ट्विंकल का यह स्पेशल एपिसोड अब प्राइम वीडियो पर दुनिया के 240 से अधिक देशों और क्षेत्रों में स्ट्रीमिंग पर उपलब्ध है।
