फिल्म ट्रेड की नई कसौटी: मस्ती 4 में रूही सिंह Ruhi Singh की चमक

punjabkesari.in Saturday, Nov 22, 2025 - 06:57 PM (IST)

बॉलीवुड में हर साल कई फ़िल्में आती हैं, कुछ बड़ी हिट होती हैं, कुछ फ्लॉप। मगर कुछेक फ़िल्में ऐसी होती हैं जो बॉक्स ऑफ़िस का इतिहास नहीं, बल्कि भविष्य का इतिहास लिख जाती हैं। मिलाप झवेरी के निर्देशन में बनी, दिग्गज़ अभिनेताओं से भरी मस्ती 4 Mastiii 4 शायद इस साल की सबसे बड़ी कॉमेडी हिट न बने, और न ही इसे सिनेमाई उत्कृष्टता के लिए याद रखा जाएगा। लेकिन एक बात निश्चित है: यह फ़िल्म हमें एक सितारा दे गई है—रूही सिंह Ruhi Singh.

जहां फ़िल्म की कहानी और पटकथा को लेकर दर्शकों की राय बंटी हुई है, वहीं रूही की स्क्रीन प्रेज़ेंस और कॉमिक टाइमिंग ने हर किसी को चौंकाया है। एक फ़्रैंचाइज़, जो पहले से ही स्थापित अभिनेताओं के कंधों पर टिकी थी, रूही ने वहाँ अपनी जगह बनाई और अपने हर सीन को पूरी कमांड के साथ निभाया। यह उनका 'ब्रेकआउट' मोमेंट है, जिसने साबित कर दिया कि वह सिर्फ़ ‘ग्लैमर’ नहीं, बल्कि अभिनय की गहरी खान हैं।

कश्यप की मुहर: टैलेंट की सबसे बड़ी गारंटी
किसी कलाकार की प्रतिभा पर उद्योग में सबसे बड़ी मुहर लगती है, जब उसे किसी बड़े निर्देशक का समर्थन मिलता है। रूही को निर्देशक अनुराग कश्यप का समर्थन मिला है। कश्यप, जो ख़ुद एक संस्थान हैं, वह हमेशा उस मिट्टी को पहचानते हैं जिससे भविष्य के महान कलाकार निकलते हैं। उनका ट्रैक रिकॉर्ड किसी भविष्यवाणी से कम नहीं है।

गौर करने वाली बात है कि एक समय था जब कश्यप ने नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी पर अपना दांव लगाया था, जब नवाज़ सिर्फ़ एक साइड आर्टिस्ट थे। उन्होंने मनोज बाजपेयी को उनके सबसे शानदार किरदारों में गढ़ा। उन्होंने राजकुमार राव को पहचान दी और विनीत सिंह को मुक्काबाज़ में चमकाया। ये सभी वो कलाकार हैं जो आज अपने काम के महारथी हैं, और उनके करियर को हमेशा 'अनुराग कश्यप के पसंदीदा' होने का फ़ायदा मिला।

कश्यप ने रूही को भी एक 'शानदार और मेहनती अभिनेत्री' कहा था, जब वह ओटीटी पर रनअवे लुगाई जैसी गंभीर भूमिकाओं में थीं। अब, मस्ती 4 के साथ, यह बात पत्थर की लकीर बन गई है: कश्यप की पारखी नज़र एक बार फिर सही साबित हुई है।

नवाज़ से रूही का सफ़र: एक्टर-स्टार बनने की कहानी
रूही सिंह का सफ़र एक दिलचस्प मोड़ पर है। उन्होंने कैलेंडर गर्ल्स के साथ ग्लैमरस शुरुआत की—यह उनका 'पहचान का शुरुआती मोमेंट' था। लेकिन उनका ओटीटी काम (जिसके लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर ओटीटी नॉमिनेशन भी मिला) उनकी अभिनय क्षमता का प्रमाण है।
ठीक उसी तरह, जैसे नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने शुरुआती दौर में कमर्शियल सिनेमा में छोटी भूमिकाएं करते हुए अपनी जगह बनाई, रूही ने एक बड़े, व्यावसायिक फ़्रैंचाइज़ को चुना। यह क़दम उन्हें सिर्फ़ 'ग्लैमरस स्टार' से 'एक्टर-स्टार' की श्रेणी में ले जाता है। उन्होंने साबित किया है कि वह बिकिनी अपील और ज़बरदस्त कॉमेडी, दोनों को एक साथ निभा सकती हैं। अब समय आ गया है कि रूही सिंह को 'एक्टिंग' के लिए जाना जाए, न कि सिर्फ़ 'स्क्रीन प्रेज़ेंस' के लिए।

रूही सिंह ने अपना काम कर दिया है। उन्होंने थियेट्रिकल सर्किट में ख़ुद को न सिर्फ़ स्थापित किया है, बल्कि अपनी अभिनय क्षमता का प्रमाण भी दिया है। बॉलीवुड के बड़े निर्देशकों और स्टूडियोज़ को अब यह समझना चाहिए कि उनके हाथ में एक ऐसा हाइब्रिड टैलेंट है, जिसे सिर्फ़ कॉमेडी या ग्लैमर तक सीमित नहीं किया जा सकता।

रूही को रनअवे लुगाई की तरह जटिल, गहरी और सशक्त स्क्रिप्ट की ज़रूरत है। उन्हें वो फ़िल्में चाहिए जो उनकी रेंज को चुनौती दें। एक एक्टर-स्टार को गढ़ने के लिए ज़रूरी है कि इंडस्ट्री उसे सही मौके दे। अगर बॉलीवुड ने देर की, तो यह एक और असाधारण प्रतिभा को गंवाने जैसा होगा। रूही सिंह ने स्टारडम के दरवाज़े पर दस्तक दे दी है, अब इंडस्ट्री के बड़े बैनर के साथ बेहतर स्क्रिप्ट वाले प्रोजेक्ट में उन्हें काम मिलने की संभावना है।


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Content Editor

Reetu sharma

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