मीठी प्रेम कहानी है फिल्म ''कुछ खट्टा हो जाए''

Friday, Mar 01, 2024 - 06:05 PM (IST)

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल । गुरु रंधावा और सई मांजरेकर की फिल्म ‘कुछ खट्टा हो जाए’ रिलीज़ हो चुकी है। जी. अशोक के निर्देशन में बनी ये फिल्म एक कॉमेडी जॉनर की फिल्म है। फिल्म को अमित और लवीना भाटिया ने प्रोड्यूस किया है। पंजाबी सिंगर गुरु रंधावा इसके जरिए एक्टिंग डेब्यू कर रहे हैं। गुरु और सई के अलावा फिल्म में अनुपम खेर और ईला अरुण जैसे कलाकार भी नजर आएंगे। सई की यह तीसरी हिंदी फिल्म है। फिल्म की कहानी बहुत मजेदार है। कुल मिलाकर एक मीठी प्रेम कहानी है फिल्म 'कुछ खट्टा हो जाए'। कहानी में आपको गुरु और सई की एक अनोखी लव स्टोरी देखने को मिल रही है। फिल्म के बारे में दोनों एक्टर्स ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। 

 

मजबूत महिला की भूमिका में हूं: सई 

Q. फिल्म में अनुपम खेर और ईला जी जैसे सीनियर एक्टर के साथ काम करने अनुभव कैसा रहा?
-मेरा इतने सीनियर एक्टर्स के साथ काम करने का अनुभव काफी अच्छा रहा क्योंकि उस समय हम देखते हैं कि वह कैसे काम कर रहे हैं। उनको देखकर हमें सीखने को मिलता है और हर समय वो आपको कुछ न कुछ गाइडेंस देते हैं। मैंने तो काफी कुछ नया सीखा अपने सभी सीनियर्स से।


Q. फिल्म में जिस तरह से आपको गुरु स्पोर्ट कर रहे हैं, ऐसे ही रियल लाइफ में आपका सपोर्ट सिस्टम कौन है?
-मुझे यहां तक आने के लिए बहुत लोगों ने सपोर्ट किया है। मेरे करियर के शुरुआती दिनों से लेकर अब तक मेरी लाइफ में कई ऐसे लोग हैं, जो मेरा सपोर्ट सिस्टम बने। मेरे पिता जी ने हमेशा हर समय मेरा साथ दिया। साथ ही मेरे चाचा भी मेरे लिए हमेशा सपोर्टिव रहे हैं। मेरे दोस्तों ने भी अच्छे-बुरे हर समय मेरा साथ दिया और मेरे साथ खड़े रहे हैं।


Q. फिल्म में महिला सशक्तिकरण को लेकर एक बहुत अच्छा मैसेज दिया है। क्या ये फिल्म करने की आपकी ये वजह भी थी?
-फिल्म की कहानी में जो लड़की है वो आई.ए.एस. बनना चाहती है और उसके लिए उसका पार्टनर उसका साथ देता है। फिल्म में महिला के काम करने, उनके आगे बढ़ने का संदेश दिया है। मैं बहुत खुश हूं कि मैं एक ऐसी भूमिका निभा रही हूं, जो एक मजबूत महिला है और लाइफ में कुछ हासिल करना चाहती है। साथ ही वह अपनी पढ़ाई के साथ फैमिली की बहू की भी जिम्मेदारी निभा रही है।

कैरेक्टर मेरे जैसा था इसलिए पसंद आई ​स्क्रिप्ट: गुरु

Q. कुछ मीठा हो जाए तो हमने सुना है लेकिन कुछ खट्टा हो जाए टाइटल क्यों?
-हमारी जिंदगी में कई बार ऐसी सिचुएशन आती रहती हैं, जिन्हें हम खट्टा कह सकते हैं। जैसे घर से निकलते हैं और बहुत ज्यादा ट्रैफिक हो तो हम कह सकते हैं कि खट्टा हो गया। इसी तरह लाइफ में हम काफी कुछ सीख कर उतार- चढ़ाव के साथ आगे बढ़ते हैं और वो उतार-चढ़ाव भी जरूरी होते हैं। जब तक लाइफ में खट्टा नहीं होगा, तब तक मीठे का भी मजा नहीं आएगा। हम हर दिन ऐसे दिन की तलाश में रहते हैं कि आज कुछ खट्टा नहीं होगा। इसी तरह फिल्म की कहानी में भी कई उतार-चढ़ाव हैं इसलिए फिल्म का टाइटल ‘कुछ खट्टा हो जाए’ है।


Q. आप सिंगिंग के गुरु तो हैं ही और अब एक्टिंग के गुरु बनने जा रहे हैं। ऐसे में ये फिल्म क्यों चुनी?
-ये फिल्म इसलिए चुनी क्योंकि एक तो इसमें सई थीं। जब मैंने सोचा कि मुझे फिल्म करनी है तो मेरे पास कई स्क्रिप्ट आईं और मुझे कुछ ऐसा करना था कि जिस तरह का मैं हूं उसमें मैं कंफर्टेबल रहूं। जब इसकी स्क्रिप्ट मुझे सुनाई गई तो मैं बहुत हंसा और मुझे काफी पसंद आई। मैंने खुद को इस कैरेक्टर की जगह रख कर भी देखा। मुझे स्टोरी पसंद आई और मैंने ये फिल्म करने के लिए हां बोल दिया।


Q. आपके लिए सिंगिंग के बाद एक्टिंग करना कितना मुश्किल रहा?
-मेरे लिए एक्टिंग करना मतलब जैसे 10th और 12th का एग्जाम होना। सिंगिंग जैसे 10वीं का एग्जाम हो और एक्टिंग मतलब सिंगिंग से और मुश्किल 12वीं का एग्जाम। तो मैं कह सकता हूं कि सिंगिंग के बाद एक्टिंग करना मुश्किल काम है। 


Q. गुरु, फिल्मों में आना आपके प्लान का ही हिस्सा था या ये अचानक हुआ?
-फिल्मों में आना और एक्टिंग करना ऐसा मेरा कोई प्लान नहीं था लेकिन मैं सिर्फ वह सब करता रहता हूं जो भगवान मुझसे करवाते रहते हैं। जिस तरह से उनकी मेरे ऊपर कृपा है, मैं बस काम करता रहता हूं। सब कुछ अपने आप होता चला जाता है। मैं बहुत सोचता हूं कि अपनी रियल लाइफ में कि मुझे कुछ बड़ा करना है लेकिन ये सब तभी संभव है, जब भगवान आपको वहां तक पहुंचाएं।

Jyotsna Rawat

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