द बंगाल फाइल्स उस सच्चाई को उजागर करेगी जिसे हमारी पीढ़ियों से छुपाया गया: मिथुन चक्रवर्ती
punjabkesari.in Saturday, Aug 23, 2025 - 02:24 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। विवेक रंजन अग्निहोत्री एक बार फिर एक ऐसी फिल्म लेकर आ रहे हैं जिसकी कहानी शायद ही किसी को पता हो। कश्मीर फाइल्स और ताशकंद फाइल्स के बाद अब आ रही है द बंगाल फाइल्स। इस फिल्म को विवेक रंजन अग्निहोत्री ने डायरेक्ट किया है। यह फिल्म 5 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार,सौरव दास,अनुपम खेर,पुनीत इस्सर, शाश्वत चटर्जी, दिव्येंदु भट्टाचार्य और राजेश खेड़ा नजर आने वाले हैं। फिल्म द बंगाल फाइल्स को लेकर अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश...
मिथुन चक्रवर्ती
प्रश्न: आपकी आने वाली फिल्म द बंगाल फाइल्स का ट्रेलर देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। बताइए, यह फिल्म दर्शकों को क्या दिखाने वाली है?
जवाब: देखिए, यह फिल्म उस सच्चाई को उजागर करेगी जिसे हमारी पीढ़ियों से छुपाया गया। नोआखाली और ग्रेट कोलकाता किलिंग जैसी घटनाएं हमारी इतिहास का हिस्सा हैं लेकिन हममें से अधिकांश को इनका सही सच कभी नहीं बताया गया। हमारी कई जनरेशन को इसके बारे में नहीं पता है कि आखिर नोआखली में हुआ क्या था। नोआखली में लाखों हिंदुओं का नरसंहार हुआ मगर इन दर्दनाक घटनाओं को इतिहास से लगभग मिटा दिया गया। द बंगाल फाइल्स दर्शकों को उसी सच से रूबरू कराएगी।
प्रश्न: इतनी सेंसिटिव और डार्क हिस्ट्री वाली फिल्में अक्सर विवादों में घिर जाती हैं। आप इसे कैसे देखते हैं?
जवाब: कंट्रोवर्सी क्यों होती है? क्योंकि सच्चाई चुभती है। अगर कोई झूठ बोले तो विवाद होना चाहिए, लेकिन जब सच्चाई सामने आती है तो उसमें विवाद की गुंजाइश क्यों? असल में जो लोग खुद को सेक्युलर या इंटेलेक्चुअल कहते हैं, वही लोग कंट्रोवर्सी खड़ी करते हैं। असली सवाल ये है कि हम आज़ादी के इतने साल बाद भी अपनी असली कहानी क्यों नहीं जान पाए?
प्रश्न: ट्रेलर में आपको संविधान की बातें करते हुए दिखाया गया है और सवाल उठाते हुए। आपका किरदार आखिर क्या है?
जवाब: मेरा किरदार फिल्म में ‘मैड मैन’ यानी पागल कहा जाता है लेकिन असल में वो सच्चाई बोलने वाला इंस्पेक्टर है। उसकी ज़ुबान जला दी गई और शरीर पर जुल्म किए गए ताकि वह सच ना बोल सके। वह टूटी-फूटी आवाज में बोलता है कूड़े से खाना खाता है, लेकिन उसके दिल में संविधान और We the People की बात है। उसका मानना है कि तीन नहीं बल्कि चार स्तंभ हैं और चौथा स्तंभ है जनता। वो इसी तरह लोगों को बताने की कोशिश करता है।
प्रश्न: इस किरदार को निभाना कितना कठिन रहा?
जवाब: जब मैंने इस रोल के बारे में पढ़ा तो मैंने कहा कि मैं कैसे करूंगा ये तो बहुत मुश्किल है। मैंने बहुत प्रैक्टिस की और फिर कड़ी मेहनत के बाद हम इस कर पाए। इतने सालों में मैंने 350 से ज़्यादा फिल्में की हैं लेकिन यह रोल अलग तरह की चुनौती थी। इस कैरेक्टर की बॉडी लैंग्वेज, आवाज़ और दर्द को पकड़ना आसान नहीं था। कई बार तो मुझे लगता था मैं इसे कर ही नहीं पाऊंगा। लेकिन जब किरदार जमने लगा तो मुझे एहसास हुआ कि यह मेरी ज़िंदगी का सबसे चुनौतीपूर्ण और अहम रोल है। मैं हमेशा कोशिश करता हूं कि अपने हर रोल में नयापन लेकर आऊं।
प्रश्न: फिल्म करते समय आपका अनुभव कैसा रहा?
जवाब: मेरा सेट से एक्सपीरियंस बहुत अच्छा रहा। देखिए विवेक जब भी कोई फिल्म बनाते हैं तो मेरे लिए एक कैरेक्टर जरूर लिखते हैं क्योंकि हम दोनों को एक दूसरे के साथ काम करने में मजा आता है। जब विवेक ने इस कैरेक्टर को बनाया तो उसने कहा कि ये दादा रोल करेंगे उनके अलावा कोई और नहीं वरना मैं इस रोल को ही हटा दूंगा। तो हम बहुत अच्छा बॉन्ड शेयर करते हैं।
प्रश्न: दर्शकों को इस फिल्म से क्या टेकअवे मिलेगा?
जवाब: दर्शक यह समझकर बाहर निकलेंगे कि आखिर उनसे इतने सालों तक सच्चाई क्यों छुपाई गई। ये सवाल उन्हें भीतर से झकझोर देगा कि क्यों नहीं बताया गया? क्यों हमसे दूर रखा गया? यही सबसे बड़ा संदेश और टेकअवे है।
प्रश्न: अगर एक लाइन में कहें तो दर्शकों को द बंगाल फाइल्स से कैसी उम्मीद रखनी चाहिए?
जवाब: बस यही कि मेरे जन्म से पहले हमारे देश में ऐसा कुछ हुआ था जिसे मुझसे छुपाया गया तो चलो देखते हैं और जब आप देखोगे तो आपकोे लगेगा कि आखिर क्यों इसे हमसे छुपाया गया, क्यों नहीं बताया गया ? यह सोच दर्शकों को सिनेमाघर से बाहर ले जाएगी।