60 के दशक के प्यार, रोमांस और ब्रेकअप की कहानी है The Archies : जोया अख्तर

Thursday, Dec 07, 2023 - 03:42 PM (IST)

नई दिल्ली,टीम डिजिटल। बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान की डैब्यू फिल्म 'द आर्चीज़' 7 दिसम्बर से नैेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम करेगी। जोया अख्तर निर्देशित इस फिल्म में 60 के दशक के प्यार और ब्रेकअप की कहानी दिखाई गई है। स्टार किड्स से सजी इस फिल्म में शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान के अलावा अमिताभ बच्चन की नाती अगस्त्य नंदा और बोनी कपूर की बेटी खुशी कपूर लीड रोल में नजर आएंगी। 'द आर्चीज़' के बारे में डायरैक्टर जोया अखतर ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की।  

Q. हमने कई बार बायोपिक और इतिहास से जुड़ी फिल्में देखी हैं। लेकिन एक कॉमिक पर पहली बार कोई फिल्म बनी है। तो इसका आइडिया आपको कैसे आया? 
A-ये आइडिया आर्ची कॉमिक्स और नेटफ्लिक्स को आया था कि इस पर फिल्म बनानी चाहिए। जिसके बाद उन्होंने नेटफ्लिक्स इंडिया से बात की और नेटफ्लिक्स इंडिया ने इस फिल्म को बनाने को लेकर मुझसे बात की थी जो मेरे लिए एक तरह से गुडलक हो गया। वहीं इस पर मेरा जो पहला रिएक्शन था वो उत्साह था क्योंकि बचपन से ये मेरी फेवरेट कॉमिक थी और उसके बाद पैनिक भी हुआ कि कैसे करूं और कैसे होगा।    

Q. क्या आपने इस प्रोजेक्ट के लिए पहले से यह स्टारकास्ट सोची हुई थी? 
A-नहीं, मैंने पहले से ऐसा नहीं सोचा था क्योंकि पहले हम फिल्म के कैरेक्टर के बारे में सोचते हैं, फिर उनके लिए किसे लेना है ये सोचते हैं। फिर उसके बाद हमने स्क्रिप्ट लिखी तो हमने सोचा कि इस फिल्म में 17 साल के बच्चे चाहिए। हमें बिल्कुल न्यूकमर चाहिए थे जो इसी उम्र के हों क्योंकि कोई स्टार 17 साल का होगा नहीं और हमें ऐसे नए कलेक्टर के लिए नए चेहरे चाहिए थे इसलिए हमने करीब एक साल तक कई बच्चों के ऑडिशन लिए, जिसके बाद इनका सिलेक्शन किया।      

Q. आपने हमेशा अनुभवी कलाकारों के साथ काम किया है तो अब एकदम नए बच्चों के साथ काम करने का एक्सपीरियंस कैसा रहा? 
A-पहले मैंने सोचा कि क्या मेरे लिए ये कठिन होगा? क्या इसके लिए मुझे ज्यादा काम करना पड़़ेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई तो उन्होंने एक्टिंग वर्कशॉप, डांङ्क्षसग, स्केटिंग, साइकिङ्क्षलग इन सब की ट्रेनिंग ली। इसके बाद जब वो मेरे पास रिहर्सल के लिए आए तो पहले ही प्रोफेशनल हो चुके थे और जब सैट पर शूटिंग के लिए आए तो वो एक्सपीरियंस कलाकारों की तरह ही काम कर रहे थे। वह सातों बच्चे बहुत ही मेहनती हैं और कभी ऐसा लगा नहीं कि उन्हें एक्सपीरियंस नहीं है।   

Q. आज के समय में एक्शन, लव ट्राएंगल, थ्रिल को पसंद करने वाले युवाओं को ये फिल्म किस आधार पर पसंद आएगी? 
A-आजकल हम दुनिया से जुड़ रहे हैं, हम स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म पर कई देशों के शो, फिल्में देख रहे हैं। लोग कोरियन, टर्की जैसे देशों के शो देख रहे हैं। वहां के कल्चर को जान रहे हैं। ऐसे ही अगर में एंग्लो इंडियंस की बात करूं तो वह तो हमारा ही एक समुदाय है। लोगों को उसके बारे में भी और जानना चाहिए, जिनका रहन-सहन हमने फिल्म में दिखाने की कोशिश की है। इस फिल्म का यूनीक कंटेंट ही इसे खास बनाता है। इस फिल्म में 60 के दशक के प्यार और ब्रेकअप की कहानी दिखाई गई है।    

Q. फिल्म में काल्पनिक हिल स्टेशन, एंग्लो इंडियन समुदाय हमारे दर्शकों को कितना आकर्षित करेगा? 
A-ये एक बचपन की कहानी है, हमारे बचपन की कहानी है, जब हमारे पास आज की जनरेशन की तरह इतने साधन नहीं होते थे। आज हम घर बैठे देश-विदेश की सभी चीजें जान सकते हैं। ऐसे में उस समय हमारे लिए आर्ची कॉमिक बहुत जरूरी था। वह जो समय था, हमारे पास साधन कम थे लेकिन हम ज्यादा खुश थे। यह उस समय की कहानी है। हमने कहानी को आज की जनरेशन के अनुसार मॉडर्न किया है। हमने सभी किरदारों को उस तरह से दिखाया जिसमें आज की जनरेशन उस समय की वैल्यू को समझ सके।  

Q. आपने बॉलीवुड को कई हिट फिल्में दी हैं। गली बॉय, जिंदगी न मिलेगी दोबारा, तलाश। तो इस नए विचार की फिल्म से आपको क्या उम्मीदें हैं? 
A-यह मेरी पहली फिल्म है, जो पूरी तरह से बच्चों के लिए है जिसे आप पूरे परिवार के साथ एंजॉय कर सकते हैं। मेरी बाकी फिल्मों की तरह इसमें किसी तरह की कोई हिंसा या अडल्ट कंटेंट नहीं है। मुझे नेटफ्लिक्स से एक ऐसा मौका मिला कि मैं एक ऐसी फिल्म बनाऊं जो पूरा परिवार घर पर एक साथ बैठ कर देख सके। मेरी यही उम्मीद है कि आप देखो और सोचो कि ऐसा भी समय था।  द आर्चीज़ में आपने दोस्ती, फैमिली, पर्यावरण जैसे कई मैसेज दिए हैं। 

Q. एक कॉमिक फिल्म के माध्यम से इतने सोशल मैसेज देना आपको कितना जरूरी लगा? 
A-मुझे अपनी किसी भी फिल्म में कोई न कोई मैसेज देना बहुत जरूरी लगता है। मुझे लगता है कि अगर मेरे पास लोगों को कुछ अच्छा मैसेज देने के लिए एक प्लेटफार्म है तो मैं कुछ ऐसा करूं जैसे मेरे लिए महिलाओं का मुद्दा जरूरी है, जो मैंने अपनी कई फिल्मों में उठाया है। वहीं, इस फिल्म में मैंने पर्यावरण का मुद्दा हमारी जनरेशन को मैसेज देने के लिए उठाया है।

Jyotsna Rawat

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