मेलोडी सॉन्ग युवाओं को कर रहे अट्रैक्ट, कुछ इस तरह बनें शिवम सडाना म्यूजिकल स्टार

Thursday, Apr 21, 2022 - 04:12 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल।  भारत विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का केंद्र है जहा कला और विद्या के विभिन्न रूपों को संगीत के रूप में सबसे अच्छी तरह व्यक्त किया जाता है। भारतीय गानों में आजकल मेलोडी सॉन्ग युवाओं को काफी अट्रैक्ट कर रहा है। शिवम सडाना, जिन्हें शहंशाह के नाम से जाना जाता है, जिन्होंने संगीत की इस शैली में प्रवेश किया और इसे न्याय प्रदान किया। शिवम सडाना अपने हॉट अंदाज और मनमोहक आवाज से सुर्खियों में आए थे। उन्होंने 2018 में अपना पहला गीत "आ भी जाना" बनाया, उनके दूसरे गीत "चल हमसफ़र" ने टी-सीरीज़ से उनका ध्यान आकर्षित किया और उन्होंने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।"पावे गुच्ची", "लव स्ट्रगल", "तू मिला", आदि कुल 8 गाने पहले ही शिवम द्वारा उनके चैनल पर गाए और प्रकाशित किए जा चुके हैं। उन्होंने अपने प्रशंसकों के माध्यम से जो स्टारडम हासिल किया, वह उनके यूट्यूब चैनल पर उनकी पसंद और विचारों के माध्यम से देखा जा सकता है।


शिवम सडाना उर्फ शहंशाह का जन्म 15 जुलाई 1992 को हरिद्वार, उत्तराखंड में उनके माता-पिता प्रदीप सडाना और लीना सडाना के यहाँ हुआ था, शिवम का संगीत के प्रति जुनून तब विकसित हुआ जब उन्होंने स्कूल में पहली बार गिटार धारण किया। धीरे-धीरे और लगातार संगीत उनके अस्तित्व में आने लगा और वह और अधिक सीखते हुए विकसित होता रहा, उनके पिता याद करते हैं। अपनी शिक्षा के बाद, शिवम अपने पिता के साथ रीयलटर्स के पारिवारिक व्यवसाय में शामिल हो गए। शिवम का कहना है कि उन्होंने जिन संघर्षों का सामना किया है, अस्वीकृति और निंदाओं ने उन्हें वह बना दिया है जो वह आज हैं। शिवम अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता और परिवार को देते हैं।

 

संगीत ही धर्म 
शिवम अपनी अनूठी रचनाओं और गीतों के साथ और अधिक शैलियों को विकसित करने के लिए आज भी ध्यान देते है, जिसमें उनकी रुचि है। जब वह ध्यान केंद्रित करते है तो उसके विचारों पर सबसे अच्छा काम होता है और इसके लिए शिवम के पास सबसे अच्छी जगह उनका घर है। "संगीत मेरा धर्म है", शिवम कहते हैं। संगीत के प्रति दीवानगी के साथ ही उनका फैन बेस भी बढ़ता जा रहा है। उनके सभी गानों को हजारों लाखों व्यूज मिल चुके हैं।

Deepender Thakur

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