मिशन ग्रे हाऊस , अंत तक सस्पेंस और अबीर खान की नेचुरल ऐक्टिंग ने बनाया फ़िल्म को मस्ट वॉच

punjabkesari.in Friday, Jan 17, 2025 - 09:55 AM (IST)

फ़िल्म रिव्यु : मिशन ग्रे हाउस
कलाकार :  अबीर खान, पूजा शर्मा, राजेश शर्मा, किरण कुमार, कमलेश सावंत, निखत खान, रजा मुराद
निर्माता: रफत फिल्म्स एंटरटेनमेंट
निर्देशक: नौशाद सिद्दीकी
राइटर : ज़ेबा के.
रेटिंग : 3 स्टार्स

सस्पेंस थ्रिलर फिल्में दर्शकों को हमेशा पसन्द आती रही हैं। इस सप्ताह सिनेमाघरों में रिलीज हुई फ़िल्म मिशन ग्रे हाउस एक ऐसी ही क्लासिक थ्रिलर जॉनर की पिक्चर है जिसके माध्यम से नवोदित अबीर खान ने बॉलीवुड में शानदार एंट्री मारी है।

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फ़िल्म मिशन ग्रे हाउस की कहानी काफी रोचक और रोमांचक है।  कबीर (अबीर खान) को बचपन से ही पुलिस अधिकारी बनने की इच्छा है। उसकी दोस्त कियारा (पूजा शर्मा) उसका साथ देती है। वह अपने पिता से कबीर को पुलिस अधिकारी बनने में मदद करने की विनती करती है। आईजी उसे बुलाकर ग्रे हाउस का मिशन दे देते है। इस ग्रे हाउस में जितने भी मर्डर हो रहे है वो कौन और क्यों कर रहा है? इसका पता लगाने की जिम्मेदारी अब कबीर की है। वह ग्रे हाउस जाता है, क्या वह हत्यारे को ढूंढ पाता है? इस बीच उसे किन चुनौतियों और परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, फ़िल्म के क्लाइमेक्स में क्या होता है, इसके लिए आपको फ़िल्म देखनी होगी।

फ़िल्म में जहां तक अदाकारी का मामला है। अबीर खान ने कबीर राठौड़ के रूप में जबरदस्त एक्टिंग की है। ऐसा प्रतीत नहीं होता कि यह इनकी पहली फ़िल्म है। इसके पीछे इनकी तैयारी, मेहनत नजर आती है। एक्शन हो या इमोशन, डायलॉग डिलीवरी हो या चेहरे का एक्सप्रेशन अबीर ने अपनी गहरी लकीर खींच दी है।

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कियारा के रूप में पूजा शर्मा भी ठीक लगी हैं। 
राजेश शर्मा, किरण कुमार, आमिर खान की बहन निखत खान, कमलेश सावंत और रज़ा मुराद ने भी अपनी अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है।

जहां तक डायरेक्शन का सवाल है। नौशाद सिद्दीकी ने सटीक निर्देशन किया है। उन्होंने फिल्म में सस्पेंस, थ्रिल, एक्शन, इमोशन का बढ़िया तालमेल बिठाया है। सभी कलाकारों से बेहतर काम निकलवाया है विशेषरूप से अबीर खान के लिए एक परफेक्ट लांच पैड सिनेमा क्रिएट किया है।

लेखिका ज़ेबा के. ने कसी हुई कथा लिखी है जो दर्शकों को इंगेज रखती है। एक के बाद एक रहस्य रोमांच पैदा करती घटनाक्रम दर्शकों की रुचि को जगाए रखती है।

फ़िल्म में हालांकि दो ही गाने हैं मगर इसका म्युज़िक बेहतर है। शान की आवाज़ में यारियां गीत याद रह जाता है वहीं सुखविंदर सिंह की आवाज़ में सिचुएशनल सॉन्ग लहू आवाज़ देता है भी प्रभावित करता है। फ़िल्म का बैकग्राउंड म्युज़िक एक थ्रिलर फिल्म की मांग के अनुसार दिया गया है।

सस्पेंस थ्रिलर पसन्द करने वाले सिनेप्रेमियों के लिए मिशन ग्रे हाउस एक दर्शनीय सिनेमा है। अबीर खान की असरदार अदाकारी, नौशाद सिद्दीकी का कुशल निर्देशन और आखरी शॉट तक जिज्ञासा बरकरार रखने वाली कहानी- यह सभी खूबियां मिशन ग्रे हाउस को देखने लायक बनाती हैं।


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Content Editor

Diksha Raghuwanshi

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