Murderbaad Review: 18 साल के निर्देशक अर्नब चटर्जी ने किया कमाल, क्राइम और थ्रिल से भरपूर है फिल्म
punjabkesari.in Friday, Jul 18, 2025 - 09:09 AM (IST)

फिल्म- मर्डरबाद (Murderbaad)
स्टारकास्ट- नकुल रोशन सहदेव (Nakul Roshan Sahdev), कनिका कपूर (Kanika Kapoor), शारिब हाशमी (Sharib Hashmi), मनीष चौधरी (Manish Choudhari) और सलोनी बत्रा (Saloni Batra)
डायरेक्शन- अर्नब चटर्जी (Arnab Chatterjee)
रेटिंग- 3.5*
Murderbaad: क्राइम, थ्रिल और इमोशन के दिलचस्प मेल के साथ अर्नब चटर्जी की फिल्म ‘मर्डरबाद’ 18 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। इस फिल्म को अर्नब ने न सिर्फ लिखा और डायरेक्ट किया है, बल्कि इसे प्रोड्यूस भी खुद किया है। ‘मर्डरबाद’ अपने रहस्यमयी प्लॉट और अनूठी कहानी के जरिए दर्शकों को एक ऐसा अनुभव देने की कोशिश करती है, जो अंत तक बांधे रखे। फिल्म की खास बात यह भी है कि इसका निर्देशन एक 18 साल के निर्देशक ने किया है। फिल्म मर्डरबाद में नकुल रोशन सहदेव, कनिका कपूर, शारिब हाशमी, मनीष चौधरी और सलोनी बत्रा मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। तो चलिए जानते हैं कैसी है फिल्म मर्डरबाद...
कहानी
फिल्म की कहानी जयेश नाम के एक रहस्यमयी लड़के के इर्द-गिर्द घूमती है, जो जयपुर में टूर गाइड होता है। वहीं उसकी मुलाकात होती है लंदन से आई इजाबेल से जिससे उसकी पहले दोस्ती और फिर प्यार हो जाता है। सब कुछ ठीक चल रहा होता है कि एक दिन उनके साथ टूर कर रही एक लड़की शैली अचानक गायब हो जाती है और कुछ समय बाद उसकी लाश जयेश के घर से मिलती है। वहीं जयेश भी लापता हो जाता है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, पता चलता है कि जयेश एक गंभीर मानसिक बीमारी ‘नेक्रोफीलिया’ से जूझ रहा है। अब इजाबेल और पुलिस की चुनौती है क्या वे जयेश को खोज पाएंगे? क्या वही शैली का कातिल है? इस सारे रहस्य का पर्दाफाश फिल्म के अंत में होता है, जो दर्शकों को चौंका देता है।
एक्टिंग
जयेश के किरदार में नकुल रोशन सहदेव ने गजब का अभिनय किया है। उनके चेहरे के हावभाव, तनाव और उलझन को उन्होंने बखूबी पेश किया है। कनिका कपूर ने इजाबेल की भूमिका में मासूमियत और मजबूती दोनों को बखूबी निभाया है। उनकी और नकुल की केमिस्ट्री भी स्क्रीन पर जमी है। शारिब हाशमी हमेशा की तरह अपने किरदार में फिट नजर आए और उन्होंने कहानी में गहराई जोड़ी। मनीष चौधरी और सलोनी बत्रा ने भी अपने प्रभावी किरदारों से फिल्म को मजबूती दी।
डायरेक्शन
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि ‘मर्डरबाद’ को 18 वर्षीय अर्नब चटर्जी ने निर्देशित किया है। इतनी कम उम्र में इस तरह की जटिल कहानी को परिपक्वता के साथ पेश करना वाकई काबिल-ए-तारीफ है। अर्नब ने कहानी में थ्रिल, इमोशन और मिस्ट्री को संतुलन के साथ मिलाया है। फिल्म दर्शकों को अंत तक जोड़े रखती है। फिल्म की न कहानी धीमी होती है, न सस्पेंस कमजोर पड़ता है। अर्नब का लेखन और प्रोडक्शन भी मजबूत है। सिनेमैटोग्राफी और बैकग्राउंड स्कोर फिल्म को और प्रभावी बनाते हैं। इस फिल्म के ज़रिए अर्नब चटर्जी ने साबित किया है कि नई पीढ़ी के फिल्ममेकर्स में जबरदस्त क्षमता है।