मेरी मम्मी ज़्यादा टिप नहीं देती लेकिन वो जैसी हैं उनका बर्ताव , उनका काम , उनको देख कर मैंने बहुत कुछ सीखा है - पलक तिवारी

punjabkesari.in Tuesday, May 06, 2025 - 03:43 PM (IST)

मुंबई। संजय दत्त की हॉरर-कॉमेडी फिल्म ‘द भूतनी' 1 मई 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है।  फिल्म में सनी सिंह, पलक तिवारी, मौनी रॉय और आसिफ खान  , संजय दत्त के साथ स्क्रीन शेयर करते नज़र आ रहे हैं और इस फिल्म का निर्देशन किया है सिद्धांत सचदेव ने। 'द भूतनी' में संजय और मौनी पहली बार एक साथ नज़र आए है और इसकी कहानी कॉलेज में एक आत्मा के इर्द-गिर्द घूमती है, जो हर वैलेंटाइन डे पर जागती है। 

इसी के चलते फिल्म की लीड एक्टर्स पलक तिवारी ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी, और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:
1 - द भूतनी ने आपको क्या सिखाया?
इस प्रोजेक्ट से ज़्यादा मेरा हमारे डायरेक्टर सिद्धांत सचदेव से मिलना बहुत जरूरी था।  ये फिल्म डेढ़ साल पहले शूट हुई थी लेकिन रिलीज़ अब हुई वीएफएक्स के कारण । वैसे तो ये उनका भी फर्स्ट प्रोजेक्ट है डायरेक्शन डेब्यू किया है उन्होंने इस फिल्म से लेकिन वो बहुत काम कर चुके हैं।  एक असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर उन्होंने कई फ़िल्में की हैं तो उनको बहुत एक्सपीरियंस है।  लेकिन एक बात ये भी है कि एक डायरेक्टर होना सिर्फ लोगों को शूट करना नहीं होता , डायरेक्टर के काम में बहुत गहराइयां होती हैं।  एक्टर को समझना डायरेक्टर को जरूरी है फिर ये भी जरूरी है कि एक्टर उस किरदार को समझे।  हमारे लिए ये शायद इसलिए भी ज़्यादा आसान हो गया क्यूंकि सिद्धांत सचदेव ने ये फिल्म लिखी भी है।  तो वो अपने किरदारों को जानते थे।  पता नहीं उन्होंने मुझे देख कर समझ लिया लेकिन जिस तरह से उन्होंने मुझे अच्छा करने के लिए प्रेरित किया है वैसे मुझे आज तक किसी ने पुश नहीं किया और मैं जानती हूं कि मेरा करियर बहुत लिमिटेड रहा है।  सबसे जरूरी कि आपका अपने डायरेक्टर पर भरोसा होना बहुत जरूरी है और मुझे उन पर पूरा भरोसा था।  
2 - 'द भूतनी' के सेट की वाइब कैसी थी? क्या सब फैमली बन गए थे?
दरअसल ये सेट फैमिली के बारे में है ही नहीं , ये सेट है मस्ती के बारे में और दोस्ती के बारे में।  ये बहुत यंग फिल्म है क्यूंकि बहुत यंग लोगों के लिए ये फिल्म बनाई गई है।  बहुत मस्ती वाली फिल्म थी और सेट भी बहुत मस्ती वाला था जहां कोई फ़ालतू ड्रामा हो ही नहीं सकता था।  बहुत बहुत प्यार करती हूँ हमारे को-स्टार्स को क्यूंकि वो बहुत ही ज़्यादा अच्छे और फनी हैं।  तो शूटिंग करते वक्त तो मुझे बहुत ही ज़्यादा मज़ा आया।  
3 - जब आप स्क्रिप्ट्स पढ़ती है तो कौनसा पॉइंट आपको नॉन नेगोशिएबल लगता है?
मैं 'प्रेरणा' की बेटी हूँ तो मुझे रोना बहुत पसंद है, जब स्क्रिप्ट में रोना दिखता है तो मैं कहती हूँ कि मैं ये करूंगी।  आंसू मुझे विरासत में मिले हैं।  वैसे अब तक मैंने ऐसे रोल कई कर लिए हैं जहां मैं स्टोरी में ज़्यादा कुछ ऐड नहीं करती हूँ लेकिन अब मैं कुछ ऐसा चाहती हूँ जहाँ मैं स्टोरी में कुछ ऐड कर पाऊं। और जब  पढ़कर मुझे लगता है कि मुझसे बेहतर ये रोल कोई और कर लेगा तो मैं इतनी अटैच होती ही नहीं उस रोल से, बेस्ट तो डायरेक्टर को ही पता है।  लेकिन जो देखते ही मुझे लगता है कि मैं ये कर लुंगी तो वो तो मैं जरूर करती हूँ।  
4 - आपकी मां श्वेता तिवारी ने ऐसी कौनसी गोल्डन टिप दी आपको जो आपको लगता है कि आप कभी नहीं छोड़ेंगी?
मम्मियां कभी टिप्स नहीं देती वो डांटती हैं मेरी मम्मी ज़्यादा टिप नहीं देती लेकिन वो जैसी हैं उनका बर्ताव , उनका काम , उनको देख कर मैंने बहुत कुछ सीखा है।  और सबसे जरूरी चीज़ जो मैंने मम्मी से सीखी है वो ये कि वो अपने काम की इज़्ज़त बहुत करती हैं।  उन्होंने मुझे सिखाया है कि काम ही पूजा है और पूजा काम है और इस चीज़ का मैं हमेशा ध्यान रखूंगी। 
5 - आगे कौन-कौन से प्रोजेक्ट आने वाले हैं जिनके बारे में आप बात कर सकती हैं?
ज़्यादा बात तो मैं नहीं कर सकती लेकिन हां मैं एक चीज़ पर काम कर रही हूँ जिससे मेरा दिल का जुड़ाव हो गया है , 'द भूतनी' में भी मुझे मेरे किरदार से प्यार हो गया था।  और अब इसके बाद भी जो मैं किरदार निभाने जा रही हूँ उससे भी मुझे बहुत ज़्यादा प्यार है और उससे भी ज़्यादा मुझे स्टोरी से प्यार है और स्टोरी से प्यार होना बहुत मुश्किल होता है।  जब मैंने पहली बार उसकी स्क्रिप्ट पढ़ी तो मैं रोने लग पड़ी थी।  उससे भी मुझे बहुत ज़्यादा उमीदें हैं।


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Content Editor

Diksha Raghuwanshi

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