हमारा पेशा असुरक्षित है इसलिए ज्योतिषी के पास जाना आम बात है: श्रेयष तलपड़े

punjabkesari.in Tuesday, May 14, 2024 - 11:02 AM (IST)

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। 'जब इंसान का खुद पर से भरोसा उठ जाता है तब वो ज्योतिष का सहारा लेता है'...ग्रह, नक्षत्र और ज्योतिष पर कई लोगों का यकीन होता है और कुछ का नहीं होता। इसी विषय पर​ निर्देशक सोहम पी शाह 'करतम भुगतम' नाम की एक फिल्म लेकर आ रहे हैं। इसमें श्रेयष तलपड़े, मधु शाह, विजय राज और  अक्षा परदासनी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। 'करतम भुगतम' 17 मई को सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है। ऐसे में फिल्म के बारे में श्रेयष तलपड़े, मधु शाह, अक्षा परदासनी और निर्देशक सोहम पी. शाह ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:

 

श्रेयष तलपड़े

Q. आप सीरियस और कॉमेडी दोनों तरह के किरदार इतनी अच्छी तरह से कैसे निभा लेते हैं?
- मुझे लगता है कि किसी भी तरह का रोल हो, उसमें एक्टर्स का पूरा पूरा क्रेडिट डायरैक्टर्स को जाता है। वो जिस तरह से लिखते हैं, उसको एक्सक्लूड करते हैं। उनके दिमाग में ये चीजें पहले से लिखी होती हैं कि ये एक्टर मुझे ऐसा चाहिए और जब हम स्क्रिप्ट पढ़ने लगते हैं तो आधी चीजें हमें दिखने लग जाती हैं कि ये कैसे होंगी। हमें थिएटर में ये चीजें सिखाई जाती हैं कि आप अकेले कुछ नहीं कर पाओगे, पूरी टीम आपके साथ है। कोई भी रोल हो उसमें खुद को ढालना भी एक टीम सपोर्ट के साथ ही संभव होता है। 


Q. श्रेयष, क्या असल जीवन में आपने कभी हाथ दिखाया है?
- हां बहुत बार... एक्टर्स का तो काम यही है। हमारा पेशा इतना असुरक्षित है कि कोई भी फिल्म रिलीज होने से पहले और काम न मिलने पर हम लोग ज्योतिषी के पास पहुंच जाते हैं कि यह फिल्म चलेगी कि नहीं या काम कब मिलेगा तो यह सब चलता रहता है। लेकिन इसके साथ मैं भगवान पर विश्वास करता हूं। जीवन में जो भी होगा, उसमें भगवान की मर्जी होगी।

 

अक्षा परदासनी

Q. क्या आपको किसी ज्योतिषी ने कभी कोई अजीब सलाह दी है?
- मुझे लगता है कि ज्योतिषी ही नहीं, आप हर दिन किसी न किसी से मिलते हो। खासकर हमारी इंडस्ट्री में तो आपको लोग अजीब सलाह देते ही रहते हैं। बिना मांगे भी राय देते हैं लेकिन ये आप पर निर्भर करता है कि आप कौन-सी चीजें इम्प्लीमैंट करना चाहते हो या फिर कौन-सी छोड़ना चाहते हो। इसके साथ ही आपके दिमाग का संतुलन सही होना चाहिए और आपकी फैमिली और अच्छे दोस्त ही आपको सही रास्ता दिखा सकते हैं, जिसे आप अपने जीवन में अपना सकते हैं।


Q. क्या आपने कभी हाथ दिखाया है या किसी ज्योतिषी ने बताया था कि आप एक्ट्रैस बनेंगी?
जैसा कि श्रेयष ने कहा कि हम इतने असुरक्षित पेशे में होते हैं कि पता नहीं होता कि हम कल काम पर जाएंगे या नहीं, स्क्रिप्ट मिलेगी या नहीं। इन कामों से आपको एक मान्यता मिलती है कि चलो, आपके ग्रहों में लिखा है तो हमें मिलेगा काम। बिल्कुल, केवल एक एक्टर ही नहीं बल्कि हम सभी अपने कमजोर समय पर सभी कुछ करते हैं। अपने बारे में जानना चाहते हैं। इंसान होने के नाते हम सबको अपना भविष्य जाने की उत्सुकता होती है लेकिन मैं इसमें ज्यादा विश्वास नहीं करती।

 

मधु शाह

Q. गृहों की चाल पर आप कितना यकीन करती हैं?
- मैं ज्योतिष में विश्वास नहीं करती हूं। मुझे यह लगता है कि जहां मैं विफल हो रही हूं और मुझे कोई उस समय पर यह बोले कि आप ऐसा कुछ कर लेना तो मैं उस कैटेगरी में नहीं जाना चाहती। मैं विफलता और सफलता दोनों खुद को लेकर मानती हूं। मैं अपने आप पर विश्वास करती हूं और भगवान पर विश्वास करती हूं। भगवान हर कदम पर आपके साथ होता ही है।


Q. 90 के दशक में आपका टफ कॉम्पिटिशन कौन था?
-उस समय सोशल मीडिया जैसी चीजें नहीं थीं। मैं अपना रोल करके निकल जाती थी। मुझे पता ही नहीं था दूसरे एक्टर्स क्या कर रहे हैं। मैंने किसी के साथ कंपीट नहीं किया। मैंने कई फिल्में की हैं, जिसमें कई को-स्टार थे। उस वक्त मेरे स्टाफ वाले बताते थे कि उसने ऐसा कर लिया है। फिर मुझे लगता था कि अच्छा उसने ऐसा किया है तो मुझे भी करना चाहिए। जरूर कॉम्पिटिशन तो होता होगा क्योंकि अगर आप अच्छा करना चाहते हो तो कोई उससे भी बेहतर करना चाहेगा।

 

सोहम पी. शाह

Q. जब कोई एक्टर निर्देशक भी होता है, तो उसे डायरैक्ट करना कितना मुश्किल होता है?
- इस फिल्म में मेरे और श्रेयष बीच ऐसी कोई समस्या नहीं हुई। हमारी बॉडिंग ही कुछ ऐसी थी और एक्टर के तौर पर मैं श्रेयष को करीब से जानता था। वो खुद से भी कई चीजों पर बारीकी से ध्यान देते थे। ऐसे में हमारे बीच किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई, बल्कि उन्होंने मेरी काफी मदद भी की।


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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