राइटिंग ही किसी भी शो की आत्मा होती है, वही ‘महारानी’ की सबसे बड़ी ताकत है- विपिन शर्मा

punjabkesari.in Thursday, Nov 06, 2025 - 11:25 AM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। वेब सीरीज ‘महारानी’ ने अपने हर सीजन में दर्शकों को पॉलिटिक्स, इमोशन और पावर गेम्स का जबरदस्त मिश्रण दिखाया है। अब इसका चौथा सीजन चर्चा में है जहां कहानी बिहार से निकलकर देश की सत्ता के दिल यानी दिल्ली तक पहुंच चुकी है। इस सीज़न में कई नए चेहरे जुड़े हैं, जिनमें शार्दुल भारद्वाज का नाम खास है। इस सीरीज में हुमा कुरैशी, श्वेता बसु प्रसाद, अमित सियाल, विपिन शर्मा, सोहम शाह, विनीत कुमार, कनी कुश्रुति, शार्दुल भारद्वाज और प्रमोद पाठक शामिल हैं। यह सीरीज 7 नवंबर को ओटीटी प्लेटफॉर्म सोनी लिव  पर रिलीज होगी। सीरीज महारानी 4 के बारे में एक्टर शार्दुल भारद्वाज और विपिन शर्मा ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश... 

शार्दुल भारद्वाज

प्रश्न: ‘महारानी’ जैसे बड़े शो के चौथे सीजन में आपका हिस्सा बनना कितना एक्साइटिंग है? दर्शक आपसे क्या एक्सपेक्ट करें?

उत्तर : बहुत-बहुत धन्यवाद! सच कहूं तो अपने रोल के बारे में खुद से बताना मुश्किल है। लेकिन हां, इस सीरीज की सबसे बड़ी ताकत है इसकी बेहतरीन राइटिंग। कोई भी एक्टर तभी अच्छा दिखता है जब राइटिंग मजबूत हो। ‘महारानी 4’ में जो स्क्रिप्ट है वो बेहद ग्राउंडेड, डिटेल्ड और रिसर्च्ड है। मैं सुभाष सर, नंदन और उमाकांत को इसका पूरा श्रेय दूंगा। यह सीजन गहरा है लेकिन साथ ही बेहद एंटरटेनिंग भी।

प्रश्न: सीजन 4 से दर्शकों की उम्मीदें बहुत बढ़ चुकी हैं। स्केल और इमोशंस दोनों का स्तर पहले से बड़ा दिख रहा है। आप कैसे देख रहे हैं?

उत्तर: बिलकुल! इस बार कहानी का स्कोप बहुत बड़ा हो गया है। ट्रेलर से भी साफ है कि स्टोरी अब दिल्ली तक पहुंच चुकी है। यानी कहानी अब देश के पॉलिटिकल सेंटर में जा रही है। इसलिए सीरीज़ का कैनवास बड़ा हो गया है। इसे एक बड़े टाइम फ्रेम और लार्जर विज़न के साथ लिखा गया है। दर्शकों को इस बार विजुअल्स और इमोशन्स दोनों का और गहरा असर देखने को मिलेगा।

प्रश्न: आपके किरदार जयप्रकाश भारती के बारे में कुछ बताइए। कौन है जय और वो इस कहानी में क्या जोड़ने वाला है?

उत्तर: मैं रानी भारती का मंझला बेटा जयप्रकाश भारती का किरदार निभा रहा हूं। मुझसे बड़ी बहन रोशनी (श्वेता बसु प्रसाद) हैं और छोटा भाई (दर्शील सफारी) है। जय का सफर बेहद दिलचस्प है। सीरीज़ सिर्फ पॉलिटिक्स नहीं बल्कि फैमिली ड्रामा भी है। यह दिखाता है कि बड़े परिवारों में रिश्ते कितने पेचीदा और भावनात्मक होते हैं। जय अपने परिवार के लिए अच्छा करना चाहता है, लेकिन परिस्थितियां उसे किस दिशा में ले जाती हैं ये दर्शक देखकर जानेंगे।

प्रश्न: जब कोई एक्टर किसी हिट सीरीज में बाद में जुड़ता है, तो क्या उसे एक्सपेक्टेशन्स का प्रेशर महसूस होता है?

उत्तर: हां, थोड़ा नर्वसनेस तो रहती है। पर ये अच्छी किस्म की बेचैनी होती है। सुभाष सर ने मुझसे कहा था कि रोल तो लिखा हुआ है, अब देखो तुम इसमें अपने लिए क्या ढूंढ पाते हो और यही मेरा फोकस था। टीम ने मुझे बहुत सपोर्ट किया। श्वेता, हुमा, कनी जैसे शानदार एक्टर्स के साथ काम करना एक लर्निंग एक्सपीरियंस रहा। हम सबने एक परिवार की तरह शूट किया, चाहे सुबह 4 बजे की कॉल टाइम हो या देर रात तक शूट। ये एनर्जी बहुत पॉजिटिव थी।

प्रश्न: आपके किरदार में बिहार का टच और डायलेक्ट है। ऐसे रोल के लिए आपकी तैयारी कैसी रही?

उत्तर: मैंने एसटीआई से पढ़ाई की है और हमेशा यही सीखा कि कोई तय फॉर्मूला नहीं होता। स्क्रिप्ट ही सब कुछ तय करती है। ‘महारानी’ की राइटिंग इतनी मजबूत है कि वो आपको सांस लेने तक का वक्त नहीं देती। मेरे लिए असली तैयारी थी अपने किरदार के रिश्तों को समझना। उसकी मां, बहन, भाई से क्या संबंध हैं, कैसे बदल रहे हैं। बिहार का टोन लाने की भी कोशिश की लेकिन फोकस था किरदार को असली और संवेदनशील दिखाना।

प्रश्न: इतने सारे टैलेंटेड एक्टर्स के साथ काम करना कैसा रहा? क्या कभी इनसिक्योरिटी होती है या सिर्फ एनर्जी शेयर करने का अनुभव रहता है?

उत्तर: कभी इनसिक्योरिटी नहीं हुई। अच्छे एक्टर्स के साथ काम करना हमेशा इंस्पायरिंग होता है। एक्टिंग तो रिएक्शन का गेम है अगर सामने से श्वेता या हुमा जैसा एक्टर परफॉर्म कर रहे हैं तो आप खुद-ब-खुद बेहतर करने लगते हैं। हमारी टीम एक परिवार की तरह थी चाहे डायरेक्टर हों, सिनेमैटोग्राफर हों या प्रोड्यूसर। शूटिंग के दौरान जो ऑफ-स्क्रीन बॉन्डिंग बनी, वही ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री में भी झलकती है।

विपिन शर्मा

प्रश्न:  ‘महारानी 4’ का टीज़र रिलीज़ होते ही चर्चा में है। आपकी एक्साइटमेंट लेवल क्या है इस नए सीजन को लेकर?

उत्तर: बहुत-बहुत धन्यवाद! मैं वाकई बहुत एक्साइटेड हूं क्योंकि मुझे एक शानदार रोल निभाने का मौका मिला है। निर्देशक सुभाष भाई के साथ मैं कई सालों से काम करना चाहता था और अब जाकर वो सपना पूरा हुआ है। ह्यूमा से मेरी पुरानी दोस्ती है, हम गैंग्स ऑफ वासेपुर के समय से एक-दूसरे को जानते हैं। साथ ही शार्दुल, श्वेता, कावेरी, प्रमोद और विनीते जैसे बेहतरीन एक्टर्स के साथ काम करने का मौका मिला। पूरी टीम बहुत एनर्जेटिक थी तो यह प्रोजेक्ट मेरे लिए बेहद खास रहा।

प्रश्न: ‘महारानी 4’ में दर्शक क्या एक्सपेक्ट करें?

उत्तर: दर्शक बहुत सारा ड्रामा, गहराई और शानदार कहानी की उम्मीद रख सकते हैं। ये शो हर सीजन के साथ और बेहतर होता गया है। हर किरदार को अपनी अलग पहचान और जगह मिली है। यह सीरीज़ इसलिए खास है क्योंकि इसमें कोई भी किरदार छोटा या बड़ा नहीं लगता। सभी की अपनी स्टोरी, अपनी जर्नी है। राइटिंग और सिनेमेटोग्राफी दोनों ही लाजवाब हैं, इसलिए मुझे पूरा भरोसा है कि ‘महारानी 4’ भी दर्शकों का दिल जीत लेगी।

प्रश्न: आपके किरदार की झलक ट्रेलर में काफी इंटेंस लगी। क्या आप थोड़ा बता सकते हैं कि आपका रोल क्या है?

उत्तर: ज़्यादा कुछ तो नहीं बता सकता क्योंकि वो सीरीज़ का सरप्राइज़ है, लेकिन हां, जो आपने ट्रेलर में देखा है, वो पावर डायनैमिक्स सही दिशा में है। रानी भारती (हुमा कुरैशी) और मेरे किरदार के बीच सत्ता का एक गहरा खेल है, और वही कहानी की जान है। बस इतना कहूंगा कि दर्शकों को मेरा किरदार देखकर मजा आएगा।

प्रश्न: कई एक्टर्स का कहना है कि ‘महारानी’ जैसी सीरीज की सबसे बड़ी ताकत इसकी राइटिंग है। आप कितने सहमत हैं?

उत्तर: पूरी तरह सहमत हूं। राइटिंग ही किसी भी शो की आत्मा होती है। अगर टेक्स्ट स्ट्रॉन्ग है, तो आधा काम आसान हो जाता है। हॉलीवुड में भी राइटर्स और डायरेक्टर्स को बराबर इज़्ज़त और भुगतान दिया जाता है, क्योंकि वही नींव रखते हैं। मैं हमेशा कहता हूं अगर टेक्स्ट को आप सही समझ लें और उसका जस्टिफिकेशन कर दें, तो मैजिक अपने आप हो जाता है। ‘महारानी’ की स्क्रिप्ट इतनी गहराई लिए हुए है कि एक्टर को बस ईमानदारी से उसे जीना होता है। 

प्रश्न: आपके डायलॉग डिलीवरी की तारीफ हर कोई करता है। जब आप बोलते हैं तो लगता है कि ये आपके अपने शब्द हैं। ऐसा नेचुरल असर कैसे लाते हैं?

उत्तर: मेरा ज्यादातर ध्यान डायलॉग्स पर होता है। वो ही माध्यम है जो मुझे दर्शकों से जोड़ते हैं। मैं टेक्स्ट को बार-बार पढ़ता हूं हर शब्द का मतलब और इमोशन समझने की कोशिश करता हूं। मेरा फोकस हमेशा ये रहता है कि मैं अपनी लाइनों के साथ कितना न्याय कर पा रहा हूं। बाकी की चीज़ों जैसे मैनरिज्म, बॉडी लैंग्वेज पर मैं ज़्यादा काम नहीं करता। मेरे लिए टेक्स्ट ही सबसे अहम है।

प्रश्न: आपने कहा कि आपकी असली स्ट्रगल ‘तारे ज़मीन पर’ के बाद शुरू हुई। यह कैसे दिलचस्प है ?

उत्तर: हां लोग सुनकर हैरान हो जाते हैं लेकिन ये सच है। ‘तारे ज़मीन पर’ बहुत बड़ी फिल्म थी, लेकिन उसके बाद मुझे बार-बार एक जैसे रोल मिलने लगे। मैं उन्हें मना करता था क्योंकि खुद को दोहराना मुझे पसंद नहीं था। इस वजह से काम के मौके भी कम हुए। वो वक्त मुश्किल था पैसे की दिक्कत, रोल्स की कमी और इंतज़ार। लेकिन मैंने एक बात हमेशा याद रखी अगर तुम अपने काम से प्यार करते हो, तो करते रहो। अच्छा काम करो, बुरा काम मत करो। वही सोच मुझे आगे बढ़ाती रही।

प्रश्न: क्या आज भी वही पैशन और हंगर आपके अंदर बरकरार है?

उत्तर: बिलकुल! मैं आज भी नए किरदारों की तलाश में रहता हूं। मेरा सपना था एक महिला किरदार निभाने का और वो पूरा हुआ ‘मंकी मैन’ और ‘नाइट क्वीन’ जैसी फिल्मों में। ऐसे रोल्स बहुत चैलेंजिंग होते हैं। मैं डॉक्टर, गैंगस्टर या पॉलिटिशियन की कल्पना कर सकता हूं, लेकिन एक लड़की की भावना को समझना एक अलग ही अनुभव है। वो मेरे लिए सबसे बड़ा चैलेंज और संतोषजनक अनुभव रहा।


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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