मेरे अंदर हमेशा से कम्पलीट आर्टिस्ट बनने का कीड़ा था: ध्वनि भानुशाली

punjabkesari.in Sunday, Sep 22, 2024 - 05:37 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सिंगर ध्वनि भानुशाली अपनी सिंगिंग  से अपना हुनर पहले ही दिखा चुकी हैं। अब उन्होंने अपना बॉलीवुड डेब्यू किया हैं। एक्ट्रेस 'कहां शुरू कहां खत्म' फिल्म में नजर आ रही हैं। फिल्म की कहानी शादी के इर्द-गिर्द घूमती है। 20 सितंबर को सिनेमाघरों में फिल्म रिलीज हो चुकी है। ध्वनि और आशिम के साथ सुप्रिया पिलगांवकर, राकेश बेदी, सोनाली सचदेव, राजेश शर्मा, अखिलेंद्र मिश्रा, चितरंजन त्रिपाठी, विक्रम कोचर, हिमांशु कोहली और विकास वर्मा सहित कई कलाकार हैं। फिल्म के बारे में पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश...

ध्वनि भानुशाली

सवाल- आप में सिंगिग करने के साथ-साथ एक्टिंग करने की इच्छा कब जागी?
मेरे अंदर हमेशा से एक कीड़ा था कि मुझे एक कम्पलीट आर्टिस्ट बनना है। एक्टिंग का कीड़ा थोड़े समय बाद आया। एक्टिंग या म्यूजिक के लिए भी कभी सोचा नहीं था। लोकडॉउन में फिर थोड़ा मैंने सीखना शुरु कर दिया और वो भी इसलिए कि म्यूजिक वीडियो में थोड़ी हेल्प हो जाए। फिर जब धीरे धीरे प्ले करना शुरु किया तो बहुत सारे एक्टर्स मिले उनके साथ समय बिताना शुरु किया। तब ऐसा लगने लगा कि थोड़ा और सीरीयस लिया जा सकता है। इसी दौरान कहां शुरु कहां खत्म शुरु हुई और मैं खुद को बहुत खुशनसीब मानती हूं कि मुझे यह मौका मिला। पहली बार लक्ष्मण सर के साथ काम करने पर मैं बहुत खुश हूं। मुझे उनके साथ काम करके बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होंने मुझ पर विश्वास दिखाया जो चीज समझ नहीं आती थी उसके लिए वो हमेशा तैयार रहते थे। मुझे इस अवसर को जाने नहीं देना था इसलिए मैंने काफी मेहनत और तैयारी की है। इस मौके का इस्तेमाल अपनी पूरी क्षमता के साथ करना जरुरी है। मैंने बस अपना काम रोका नहीं। जो मुझे कहा गया मैं करती गई।


सवाल- क्या रियल लाइफ में आप फिल्म की मीरा जैसी हैं?
मुझे नहीं लगता कि मीरा चुलबुली है पर मैं तो बहुत चुलबुली लड़की हूं। पर उसकी तरह फ्री मांइड और लाइफ मैं क्या करना है उसके हिसाब से फैसले करना। अपनी लाइफ अपने तरीके से जीना तो वो मैं पूरी तरह खुद से रिलेट करती हूं। क्योंकि मैंने हमेशा अपने फैसले ऐसे ही लिए हैं। मुझे हमेशा से अपने फैसले खुद लेने की इजाजत दी गई है। जो मीरा को नहीं दी गई है। अगर आपकी परिस्थितियां ठीक नहीं हैं आपकी मर्जी नहीं पूंछी जाती तो आप वहां नहीं रहना पंसद करेंगे। ऐसा ही मीरा के साथ है।


सवाल- क्या आपके पापा ने आपके एक्टिंग डेब्यू से पहले कोई टिप्स दीं।
कोई एक नहीं बहुत सारी सलाह दी हैं। अगर आपको कोई अवसर मिला है तो उसे बेकार मत जाने दो। उसमें अपने आपको प्रूफ करो वरना आप बुरे दिखोगे। उस वक्त मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा और न ही मैं बचा पाऊंगा। इसलिए बस अपना सर झुका कर काम करते जाओ। उन्होंने मुझे समय समय पर सही और गलत दोनों चीजों को समझाया है। मेरी परवरिश बहुत प्यार से हुई है लेकिन गलत चीजों पर बताया भी गया है कि ये गलत है नहीं करना।

सवाल- पहली फिल्म में जब को स्टार मंझे हुए एक्टर्स हों तो आपकी परफार्मेंस भी और अच्छी हो जाती है क्या कहेंगी इस पर?
पहले तो बहुत डर लगता है क्योंकि सभी पहुत सीनियर एक्टर हैं। लेकिन मुझे बहुत होमवर्क करवाया गया तो जब भी मेरे सीन होते थे तो हम इस बात का ख्याल रखते थे कि एक बार रिहर्सल कर लें। अगर मुझे दिक्कत होती तो मुझे फिर उस सीन के लिए और टाइम मिलता था। ऐसे फिर कुछ नया भी निकल कर आता था।

आशिम  गुलाटी

सवाल -फिल्म में आपका किरदार आपकी रियल लाइफ से कितना मिलता-जुलता या अलग है?
जहां तक शादियां क्रैश करने का सवाल है तो वो तो मैं नहीं करता। लेकिन जो उस किरदार का क्रैश करने का जो जोश है उसकी भावनाएं है कॉन्फिडेंस है जो उसके इंजॉय करने का तरीका है तो वो सारी चीजें मेरे अंदर भरपूर हैं वो सारी चीजें मेरे अंदर और उस किरदार में कॉमन हैं। उस किरदार की बहुत सारी क्वालिटी मुझे बहुत अच्छी लगी हैं और जिनके साथ मैंने कनेक्ट भी किया।  लेकिन उसका जो बचपन हैं और तब वो जो चाहता है उससे मैं कनेक्ट नहीं कर पाया वो चीजें मेरे अंदर नहीं हैं।

सवाल- इस फिल्म में काफी दिग्गज कलाकर है क्या कुछ सीखा उनसे और कैसा अनुभव रहा?
राकेश बेदी सर एक बच्चे  की तरह हैं बहुत स्वीट, क्यूट और नम्र स्वभाव के तो उनके साथ तो सीन करके ऐसा लगता था कि बस उन्हें देखते रहो। अपने करियर के इस स्टेज पर और इस उम्र में भी वह पूरे जुनून के साथ काम करते हैं। हर सीन, हर बार वह पूरी शिद्दत से काम करते थे। ऐसा जुनून देख के बहुत अच्छा लगता है। हर टेक या शॉट में वो दस वेरिएशन देते हैं। मुझसे कहते थे कि अपने आप से और ज्यादा कि उम्मीद रखो। वहां हर कोई माहिर है काम में और जब आस पास ऐसी एनर्जी होती है तो आप बहुत कुछ सीखते हो। ऐसे दिग्गज कलाकारों के साथ काम करते हैं तो सबकुछ बहुत आसान हो जाता है। सभी कोस्टार के साथ मेरा काम करने का अनुभव बहुत अच्छा रहा।


सवाल- स्क्रीन पर कॉमेडी करने में आपको कितना मजा आया और कितना चुनौतीपूर्ण रहा?
मैं बहुत टाइम से किसी फिल्म में कॉमेडी करना चाहता था। मेरा पास ऐसा कोई रोल आया नहीं था और जब इस फिल्म में कॉमेडी करने का मौका मिला तो मैं काफी एक्साइटेड था। जब मेरे पास ये फिल्म आई और मैंने अपना किरदार पढ़ा तो मुझे लगा कि इसमें वह सारी चीजें है, जो करके मुझे मजा आएगा। मेरे साथ एक चीज है अगर मुझे कोई काम करने में मजा नहीं आ रहा तो मैं खुश नहीं हो पता। लेकिन इस किरदार को जानने के बाद मैं समझ गया कि इसे करने में मुझे मजा आएगा। मैंने इस किरदार को करने में अपना बेस्ट दिया है तो लोगों को भी इसे देखने में मजा आएगा।


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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