अनुभव सिन्हा ने कैसे चुनी IC 814: The Kandahar Hijack की स्टारकास्ट, जानें उनकी जुबानी
punjabkesari.in Saturday, Sep 21, 2024 - 03:11 PM (IST)
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। अनुभव सिन्हा के निर्देशन में बनीं 'आईसी 814 द कंधार हाइजैक' सीरीज आ चुकी है। सीरीज 29 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है। सीरीज 1999 के कंधार प्लेन हाईजैक घटना पर आधारित है। वह घटना जब काठमांडू से दिल्ली के लिए रवाना हुए एक इंडियन विमान को हाइजैक कर लिया गया था और सात दिनों तक यात्रियों को बंधक बनाकर रखा गया। इसमें नसीरुद्दीन शाह, विजय वर्मा, पंकज कपूर और कुमुद मिश्रा जैसे कई सितारे नजर आएं। 'आईसी 814 द कंधार हाइजैक' सीरीज के बारे में डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश...
सवाल- ट्रेलर को लेकर आपको कैसा रिस्पॉन्स मिला?
हमें तो अच्छा ही रिस्पॉन्स मिला। लोग बुरा तो बोलते नहीं हैं और ज्यादातर कमेंट्स भी सकारात्मक ही हैं। जब ट्रेलर रिलीज़ होता है तो मैं कमेंट्स पढ़ता हूं। कभी-कभी ऐसा होता है कि ट्रेलर का रिस्पॉन्स कुछ और होता है और मूवी के लिए कुछ और। ट्रेलर का काम ही है लोगों को इनवाइट करना।
सवाल- सीरीज में स्टार कास्ट काफी बड़ी है तो आपने इतनी बड़ी स्टार कास्ट के बारे में कैसे सोचा?
ऐसा कभी नहीं सोचा था कि स्टार कास्ट इतनी बड़ी होगी। किरदार बनते गए और हमने सोचा कि उनके पास जाना चाहिए। मैं वाकई में उन सभी का शुक्रगुजार हूं जिनसे मैंने संपर्क किया और उन्होंने हमारा ऑफर स्वीकार कर लिया। देखते-देखते मुझे एहसास हुआ कि इतने सारे लोग जुड़ गए।
सवाल- कास्टिंग कैसे करते हैं? क्या पहले से ही तय होता है?
कास्टिंग की शुरुआत बातचीत से होती है। डायरेक्टर और राइटर साथ बैठकर चर्चा करते हैं। जैसे-जैसे रोल बनते हैं, आपको एक स्पष्ट तस्वीर दिखने लगती है, जिससे लिखना आसान हो जाता है। फिल्म के अधिकांश किरदारों पर पहले ही चर्चा हो चुकी होती है लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। हमें केवल यह पता था कि हमें 9 लोगों की जरूरत होगी लेकिन ये 9 किरदार इतने महत्वपूर्ण बन जाएंगे इसका हमें अंदाजा नहीं था।
सवाल- अगर 'तुम बिन' आज के समय में बनती तो क्या उतना ही प्रभाव डालती?
लोग नहीं बदलते हालात बदलते हैं। इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। मुझे लगता है कि आधे लोगों को फिल्म समझ में नहीं आई लेकिन अगर आज भी 'तुम बिन' आती है तो और बड़ी हिट हो जाएगी। मैं वही लिखता हूं जो मुझे पता है और जैसा मैंने लिखा था वैसे ही बनाने के लिए चल पड़ता हूं।
सवाल- 'एंग्री यंग मेन' में एक डायलॉग है, "It takes guts to stay loyal to your scripts," आप इस बात से कितना सहमत हैं?
जो सलीम साहब कह रहे हैं वो एक राइटर के नजरिए से कह रहे हैं। मैं एक राइटर-डायरेक्टर हूं और मैं वही लिखता हूं जो मुझे पता है कि शूट करना है। अगर किसी और ने कुछ लिखा है और मुझे बहुत पसंद आया तब भी मैं स्क्रिप्ट से वफादार रहूंगा।
सवाल- हर डायरेक्टर की कोई न कोई यूएसपी होती है। आपकी यूएसपी क्या है, और आपकी फिल्मों से क्या सीखने को मिलता है?
मेरी कोई यूएसपी नहीं है। मैं अभी सीख रहा हूं। मेरे अंदर ये है कि हम कुछ नया करें। वैसे मैं खुद को इतना गंभीरता से नहीं लेता। 'थप्पड़' एक अच्छी फिल्म थी, जो बहुत से लोगों की कहानी थी। उस फिल्म को देखने के बाद मुझे औरतों के फोन तो आइ लेकिन कई पुरुषों के फोन भी आए। जिन्होंने कभी न कभी अपनी मां या बहन को देखा था और बहुतों ने शुक्रिया कहने के लिए फोन किया था।
सवाल- सीरीज में सबसे मुश्किल सीन कौन सा था, जिसे शूट करने में आपको दिक्कत आई?
वैसे तो कोई सीन मुश्किल नहीं था लेकिन कभी-कभी हंसने या रोने के सीन में जब एक ही सीन में कई लोग होते हैं तो सभी को एक ही समय पर समान इमोशन में लाना थोड़ा मुश्किल होता है।
सवाल- इस घटना को कैसे दिलचस्प और मनोरंजक बनाया कि लोग इसे देखना चाहें?
जब मैंने इस सीरीज को बनाने की सोची तो लगा कि इसके बारे में सबको पहले से ही सब पता है। लेकिन जब मुझे कुछ नया पता चला तो मेरे रिएक्शन अलग थे। इसलिए जब लोग इसे देखेंगे तो वो कहेंगे कि अच्छा ये भी हुआ था।
सवाल- ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने वाले समय में किस तरह का कंटेंट देखने को मिलेगा?
मुझे लगता है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर और भी नई चीजें आनी चाहिए। हमारे देश में ऐसी कई चीजें हैं जो लोगों को नहीं पता हैं और ओटीटी एक अच्छा माध्यम है।