एक बेहतरीन मर्डर मिस्ट्री फ़िल्म है ज़ी5 पर रिलीज़ हुई ''इंटरोगेशन''
punjabkesari.in Tuesday, Jun 03, 2025 - 10:08 AM (IST)

कलाकार : मनु सिंह, दर्शन ज़रीवाला अभिमन्यु सिंह, यशपाल शर्मा, राजपाल यादव, गिरीश कुलकर्णी, ऋतुजा शिंदे कुंवर प्रागी आर्य
निर्देशक : अजॉय वर्मा राजा
निर्माता : पीयूश दिनेश गुप्ता, कुंवर प्रगी आर्य, इंदरवीर
लेखक : सानिल कोकाटे, हर्ष शाह, अजॉय वर्मा राजा
रेटिंग : 4 स्टार
मुंबई। मर्डर मिस्ट्री और सस्पेंस थ्रिलर फ़िल्मों का हमेशा से एक अच्छा ख़ासा दर्शक वर्ग रहा है जो ना सिर्फ़ ऐसी जॉनर की फ़िल्मों की रिलीज़ होने का इंतज़ार करता है बल्कि रहस्य रोमांच से भरपूर अच्छी फ़िल्मों को पूरे रस के साथ देखता भी है और उनकी सराहना भी ख़ूब करता है. बेहद पॉपुलर ओटीटी प्लेटफार्म पर ज़ी5 पर आज रिलीज़ हुई मर्डर मिस्ट्री फ़िल्म 'इंटरोगेशन भी रहस्य रोमांच से भरपूर ऐसी ही एक उम्दा फ़िल्म जो अंत तक दर्शकों की दिलचस्पी फ़िल्म में बनाए रखती है और परत दर परद अपने ख़ुलासों से चौंकाती है.
अजॉय वर्मा राजा के सशक्त निर्देशन में बनी फ़िल्म 'इंटरोगेशन' की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है. एक रिटायर्ड जज की संदिग्थ परिस्थितियों में हत्या कर दी जाती है. जाहिर है सबसे पहले उनके करीबी और उनके लिए काम करने वाले तमाम लोग ही शक के घर में आते हैं. मगर ग़ौर करने वाली बात ये है कि पूर्व जज की हत्या की जांच के दौरान जज के चाल-चलन को लेकर ऐसे ऐसे रहस्यों का ख़ुलासा करने का दावा उनके लिए काम करने वाले लोग करते हैं कि कहानी जल्द ही दिलचस्प मोड़ लेती है और फिर इस तहकीकात के दौरान चौंका देने वाले ऐसे राज़ का ख़ुलासा होता है कि जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की होगी.
अक्सर इस तरह की सस्पेंस थ्रिलर और मर्डर मिस्ट्री में रची-बसी फ़िल्मों में आपने देखा होगा कि कैसे शक के घेरे में आने वाला हरेक शख़्स अपने आप को बेकसूर बताने में कोई कसर नहीं छोड़ता है. लेकिन फ़िल्म 'इंटरोगेशन' इस मामले में अलग साबित होती है क्योंकि इस फ़िल्म में तहकीकात के दौरान देखने को मिलता है कि हरेक व्यक्ति ख़ुद को बेकसूर ठहराने की बजाय ख़ुद को हत्यारा बताता है जिससे मामला और उलझता जाता है.
'इंटरोगेशन' से फ़िल्मीं दुनिया में क़दम रखने वाले मनु सिंह, दर्शन ज़रीवाला अभिमन्यु सिंह, यशपाल शर्मा, राजपाल यादव, गिरीश कुलकर्णी, ऋतुजा शिंदे कुंवर प्रागी आर्य सभी ने इस फ़िल्म में बढ़िया अभिनय किया है. यह कहना ग़लत नहीं होगा कि सभी कलाकारों ने अपने उम्दा अभिनय से फ़िल्म 'इंटरोगेशन' को और भी देखने लायक बना दिया है. फ़िल्म में मनु सिंह का सशक्त अंदाज़ देखकर कहीं से भी इस बात का आभास नहीं होता है कि एक एक्टर के रूप में पहली बार किसी फ़िल्म में काम कर रहे हैं. एक अभिनेता के तौर पर उनकी जितनी तारीफ़ की जाए कम ही होगी.
रहस्य और रोमांच से भरपूर इस मर्डर मिस्ट्री फ़िल्म की सबसे बड़ी ख़ासियत ये है कि इस फ़िल्म की कहानी, पटकथा, संवाद को इस क़दर दिलचस्प तरीके से प्रस्तुत किया गया है कि दर्शक रहस्य रोमांच की दुनिया में पूरी तरह से डूब तो जाता ही है मगर अंत तक यह अंदाज़ा लगा नहीं पाता है कि रिटायर्ड जज का क़ातिल आख़िर है तो कौन है? फ़िल्म के अंत में असली क़ातिल का ख़ुलासा होने पर दर्शन हैरान हुए बग़ैर नहीं रह पाएंगे.
फ़िल्म का कैमरावर्क भी उम्दा है और फ़िल्म के मूड के हिसाब से बढ़िया है. फ़िल्म का प्रोडक्शन वैल्यू फ़िल्म को वास्तविकता के करीब ले जाता है. हां, इसमें कोई दो राय नहीं है कि फ़िल्म के गीत-संगीत और बेहतर तरीकेबसे पेश किया जा सकता था और फ़िल्म को और भी चुस्त तरीके से एडिट करने की भरपूर संभावना थी. लेकिन अपनी तमाम ख़ामियों के बावजूद 'इंटरोगेशन' एक बेहद सशक्त मर्डर-मिस्ट्री फ़िल्म है जिसे ओटीटी के छोटे पर्दे पर ही सही, एक बार ज़रूर देखा जाना चाहिए.