मुझे एक्शन पसंद है, असल जिंदगी में कॉप होती तो आई.पी.एफ. जैसी : ​शिल्पा शेट्टी

punjabkesari.in Saturday, Jan 20, 2024 - 11:38 AM (IST)

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। अजय देवगन, अक्षय कुमार और रणवीर सिंह के बाद रोहित शेट्टी के कॉप यूनिवर्स में कई नए नाम जुड़ गए हैं। अब यह यूनिवर्स समय के साथ और बड़ा हो गया है, ऐसे में बड़े पर्दे से निकलकर जल्द ही यह ओ.टी.टी. पर दमदार दस्तक देने जा रहा है। रोहित शेट्टी की पहली वेब सीरीज 'इंडियन पुलिस फोर्स' 19 जनवरी को प्राइम वीडियो पर रिलीज होने जा रही है। इसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा, विवेक ओबेरॉय के साथ कॉप यूनिवर्स की पहली फीमैल कॉप के रूप में शिल्पा शेट्टी नजर आएंगी। इस शो के बारे में शिल्पा शेट्टी और विवेक ओबेरॉय ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/ हिंद समाचार से खास बातचीत की। 

 

SHIPLA SHETTY

Q. रोहित शेट्टी के कॉप यूनिवर्स में पहली फीमैल कॉप बनने पर आपका कैसा रिएक्शन था?
- मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे साथ कोई मजाक कर रहा है। मेरे पास पहले उनकी टीम से किसी का फोन आया कि रोहित एक सीरीज में पुलिस के रोल से रिलेटेड आपसे बात करना चाहते हैं, तब मैंने बात को सीरियसली नहीं लिया। एक घंटे बाद खुद रोहित ने मुझे फोन किया। खुशी भी थी और टैंशन भी हुई। मुझे लगा कि शायद नहीं हो पाएगा, क्योंकि मैं 'सुखी' के लिए शूट पर निकल रही थी। इसके बाद जब वियान के चेहरे पर मैंने इसके लिए एक्साइटमैंट देखा तो मैं इस रोल के लिए और ज्यादा पुख्ता हो गई। वह बोला कि मां कुछ भी हो जाए यह रोल तो आपको करना ही है। शुरूआत में मुझे मुश्किल इसलिए लग रहा था कि मैं पहले से एक फिल्म कर रही हूं, एक रियलिटी शो भी है और इसके बीच में एक बड़ा प्रोजैक्ट कैसे कर पाऊंगी। इस रोल की तैयारी करने के लिए टाइम भी बहुत कम था। बावजूद इसके मैंने 'सुखी' और 'इंडियन पुलिस फॉर्स' दोनों की शूटिंग साथ की।

Q.  तैयारी का समय कम था, ऐसे में आपने पुलिस के रोल के लिए खुद को कैसे तैयार किया?
-मेरे हिसाब से आप लोगों ने ‘सुखी’ के चेहरे पर जो थकावट देखी, वह इसलिए थी, क्योंकि मैं इधर से उधर ज्यादा जा रही थी। यहां तारा शेट्टी में गुस्सा दिख रहा था, वह सारा 'सुखी' का फ्रस्ट्रेशन था, जो निकल रहा था। दोनों ही किरदार में सब कुछ उभर कर सामने आया। यह मेरी 90 के दशक की ट्रेनिंग थी समझो, क्योंकि हमने उस दौरान बहुत काम किया है। मुझे याद है एक समय में मैंने दो-दो शिफ्ट की है।

Q.  सेट पर आपको सब कुछ पहले से तैयार मिलता था या आप अपने कुछ विचार भी शामिल करती थीं?
- दूसरों का पता नहीं, लेकिन मुझे खुद की राय देना अच्छा लगता है। मेरी जितनी भी फिल्में हैं मैंने उसमें यह किया भी है। डायरैक्टर के साथ मिलकर हम रिसर्च करते थे। फिर ऐसी फिल्में भी की, जिसमें डायरैक्टर का खुद का विजन होता है। वह बहुत क्लीयर होते हैं कि मुझे इस सीन में यही चीजें चाहिए। रोहित भी कुछ ऐसे ही हैं, क्योंकि जब आप उनके कॉप वर्स में आते हैं तो उनके किरदारों को उनसे अच्छा दूसरा कोई नहीं जान सकता। मुझे लगता है कि उनके कंधों पर एक जिम्मेदारी है कि किस तरह पुलिस को दिखाना है।

Q.  आज के समय में किसी भी किरदार की तैयारी करना पहले की तुलना में कितना मुश्किल या आसान है?
- अब तैयारी करने की प्रक्रिया काफी बदल गई है। आज लोग रीडिंग्स पढ़ते हैं और वर्कशॉप्स करते हैं। पहले जब हम काम करते थे, तो उसका मैथ्ड ही अलग था। ईमानदारी से कहूं तो मैंने कहीं से ट्रेनिंग नहीं ली थी तो मेरे लिए मेरी फिल्मों का अनुभव ही मेरे लिए ट्रेनिंग राऊंड रहा। आज जब मैं अपनी शुरूआत की 15 फिल्में देखती हूं तो सोचती हूं पता नहीं लोगों ने मुझे कैसे इतना प्यार दिया। पता नहीं मैं क्या बोल रही थी? क्या कर रही थी? लोगों ने मुझे कैसे बर्दाश्त किया? क्योंकि मुझे कुछ नहीं आता था। यहां तक कि मुझे हिंदी भी ठीक से नहीं आती थी। मैंने अपने 30 साल के करियर में गलतियों से बहुत सीखा है। वहीं आज के एक्टर्स जब फिल्म इंडस्ट्री ज्वाइन करते हैं तो सब कुछ पहले से तैयार करके आते हैं।

Q.  तारा शेट्टी से खुद को कैसे रिलेट करती हैं?
- मेरे हिसाब से दोनों में कुछ चीजें काफी मेल खाती हैं। मुझे एक्शन बहुत पसंद है और मैंने इसे बहुत ज्यादा एंजॉय भी किया। अगर मैं असल जिंदगी में कॉप होती तो ऐसी ही होती। यह एक जिम्मेदारी है, जिसे तारा बहुत निस्वार्थ भाव से निभाती है। यही चीज मुझमें और तारा में एक जैसी है और सबसे बड़ी समानता यह है कि हम दोनों ही शेट्टी हैं।

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Q.  आपके हर किरदार को दर्शकों ने खूब प्यार दिया, रोहित शेट्टी के कॉप यूनिवर्स में एंट्री ले रहें है तो क्या उम्मीदें हैं ?
प्यार तो पहले ही बहुत मिल चुका है, टीम से भी और रोहित भाई से भी। अब भगवान करे हमने जो विक्रम बख्शी का किरदार निभाया है उसे ऑडियंस से भी प्यार मिले। वह एक रियल लाइफ हीरो हैं और अच्छे पुलिस अफसर भी हैं। मुझे पिता जी की फिल्म 'तेजाब' याद आती है, तब मैं स्कूल में था, मैं अपने कजन के साथ छुप-छुप के वह फिल्म देखने गया था उसमें जो पापा का किरदार था जब वह अनिल कपूर को बचाते हैं, बेल्ट से पीटते हैं तब थिएटर में सीटियां बजी थीं। मेरा भी इसमें कुछ वैसा ही किरदार है तो मैंने पापा को फोन किया वह इमोशनल मोमैंट था।

Q.  कितना अलग है रोहित शेट्टी का सेट दूसरे सेट्स के मुकाबले?
-रोहित शेट्टी पुलिस में पी.एच.डी. हैं उनके साथ काम करने में अलग ही मजा आता है। रोहित शेट्टी के सेट पर सब कुछ अलग है, यहां आपने आना है और अपना किरदार निभाना है बस। यूनिफार्म से लेकर बॉडी लैंग्वेज तक सब कुछ उन्हें पता होता है। हमारे लिए बहुत आसान हो गया था क्योंकि हमें सिर्फ परफॉर्मैंस पर फोकस करना है।  

Q. थोड़ा एक्शन के बारे में बताइए?
-यहां एक्शन को छोड़कर सब कुछ आसान था। रोहित की एक्शन टीम शानदार है। जब भी शूट होता है तो जिस तरह से सब कुछ टूट रहा होता है तो हर शूट के बाद हम अपने को-स्टार को पूछ रहे होते हैं कि आप ठीक हो? फिर देखते हैं कि रिटेक तो नहीं मांगेंगे। इसमें बहुत सारी एनर्जी लगती है और मुश्किल भी बहुत है। उस वक्त तो पता नहीं चलता, लेकिन शाम को जब घर जाकर नहा रहे होते हैं तब पता चलता है कि कहां-कहां लगी और कितना दर्द हुआ। इस बार मजा भी कुछ और था, क्योंकि पहली बार इस बार मेरे सेट पर मेरा बेटा आया।  एक तो वह रोहित भाई का बहुत बड़ा फैन है, उसको एक्शन बहुत पसंद है। बेटे को मजा आया, वह मुझे ही अलग तरीके से देख रहा था तो मुझे वह समय याद आया जब मैं पापा को देखता था।  

Q.  आपने इंडस्ट्री में 2 दर्शक से ज्यादा काम किया। ऐसा क्या है जो पहले था, लेकिन आज नहीं जिसे आप मिस करते हों?
-पॉजीटिव नैगेटिव दोनों ही हैं। जब हम आए थे, तब कई बार ऐसा भी हुआ था जब हम तैयारी करके सेट पर पहुंचते थे और वहां बोला जाता था कि आज यह शूट नहीं है आज कोई और है तो बहुत कन्फूजन होता था, लेकिन उस समय अपनापन बहुत था। एक विश्वास भी था और मीडिया के साथ भी एक अलग ही रिश्ता था, लेकिन आजकल सब कुछ बदल गया है। आजकल कैलकुलेशन बहुत होती है और इमोशन जीरो हो गया है।  

Q. आपको क्या लगता है कि अब आप आगे ऐसा ही कंटेंट दोबारा चुन पाएंगे जो पारिवारिक हो ?
मुझे लगता है कि अगर एक्टर्स ने सिर्फ इसी तरह की कहानियां की जो सिर्फ मोरल वैल्यूज पर बेस्ड हैं एंटरटेनमेंट कुछ ना हो तो रामायण कैसे बनेगी रावण तो कोई बनेगा ही नहीं।  

Q. सेट पर आपके को-स्टार्स के साथ कैसा माहौल रहा ?
सिद्धार्थ बहुत शरीफ है और बहुत स्वीट भी है लेकिन उसका सेंस ऑफ ह्यूमर कमाल का है। जैसे कोई सीरियस शूट चल रहा होता है वो मेरे कान में कुछ बोल देता था  जिसके बाद मेरी हंसी छूट जाती थी और खुद वो हंसता भी नहीं है शांत रहता है। शिल्पा तो इंडस्टी में मेरी फेवरेट हैं मैं उन्हें 21 साल से जनता हूं। वो मेरी दोस्त भी है और पड़ोसी भी और हमारा एक बहुत ही अच्छा फॅमिली रिलेशन भी है। मैं तो उनके साथ उन्हीं के घर के जिम में जाकर वर्कआउट भी कर लेता हूं। उनके साथ जिम करने से इंस्पिरेशन मिलती है।  वो बहुत ही फिट हैं और बहुत सारे लोगों के लिए एक पॉजिटिव रोल मॉडल भी हैं।

Q. इंडस्ट्री में सर्वाइव करने का कोई ख़ास मंत्र ?
किसी भी इंडस्ट्री या फील्ड में सर्वाइव करना है तो एक चीज़ का ख्याल रखें , मेरे पिता जी ने मुझे बताया था कि हम बहुत सारी चीज़ों को बहुत पर्सनल ले लेते हैं हम सक्सेस को भी पर्सनली ले लेते हैं और फेलियर को भी और दोनों ही हमें इफ़ेक्ट करते हैं जिससे संतुलन बिगड़ जाता है।  पिता जी ने मुझे सिखाया कि सक्सेस हुए तो पीछे छोड़ दो फेलियर हुए तो भी पीछे छोड़ दो।  ज़िंदगी एक सड़क है जिसमें आप गाडी चला रहे हैं आप रिव्यु मिरर में देख कर गाडी नहीं चला सकते, एक्सीडेंट हो जाएगा।  बस आगे ही देखना है। 

पुलिस अधिकारी बिना शर्त के बलिदान देता है : रोहित

निर्माता रोहित शेट्टी ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि एक पुलिस अधिकारी बिना किसी शर्त के कितना बलिदान देता है, लेकिन उनके परिवार का बलिदान कुछ ऐसा है जिसके बारे में हर कोई नहीं जानता। मैं भारत के प्रत्येक पुलिस अधिकारी के परिवार को सलाम करता हूं। आप असली नायक हैं जो उनकी देखभाल करते हैं और उन्हें देश की सेवा करने के लिए प्रेरित करते हैं। हम आज राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर खड़े हैं जो 35,000 पुलिस कर्मियों के बलिदान को मान्यता देता है, न केवल हमने इन साहसी अधिकारियों के मूल्यवान जीवन को खो दिया है बल्कि उन 35,000 परिवारों ने भी अपने परिवार के एक सदस्य को खो दिया है। पुलिस बल की निस्वार्थ सेवा के महत्व को उजागर करना और उनकी वीरता और साहस को महत्व देना बहुत महत्वपूर्ण है।”

वर्दी पहनकर सम्मानित महसूस करता हूं : सिद्धार्थ 

सिद्धार्थ ने कहा कि मैं हमारे दिल्ली पुलिस से स्कूल और कॉलेज में मिलता था, लेकिन जब आप कॉलेज में होते हो, तब आप काफी अनजान होते हो। एक नागरिक के रूप में हम हमेशा चाहते हैं कि आपके अधिकारी और सरकार आपको बेहतर सेवा प्रदान करें। जीवन में एक निश्चित बिंदु तक पहुंचने और विभिन्न चीजों के बारे में जागरूकता हासिल करने के बाद अब मुझे लगता है कि पुलिस सेवा देश की सबसे कठिन नौकरियों में से एक है, मुझे लगता है कि आप प्रतिभाशाली हैं। एक अभिनेता के रूप में मैं बेहद सम्मानित महसूस करता हूं कि मुझे बड़े पर्दे पर वर्दी पहनने का मौका मिला, जैसा कि रोहित शेट्टी कहते हैं कि 'हम रील हीरो हैं, आप पुलिस अधिकारी असली हीरो हैं।


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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