एक प्रभावशाली टीनेज रोमांस की कहानी है ''गर्ल्स विल बी गर्ल्स'', पढ़ें रिव्यू

punjabkesari.in Friday, Dec 20, 2024 - 11:02 AM (IST)

फिल्म : गर्ल्स विल बी गर्ल्स (Girls will be Girls)
रेटिंग : 3
स्टारकास्ट : Preeti Panigrahi (प्रीति पाणिग्रही), Kani Kusruti (कानी कुसरुति) और Kesav Binoy Kiron (केसव बिनॉय किरण)

निर्देशक : Shuchi Talati (शुचि तलाती)
निर्माता : Ali Fazal (अली फज़ल) , Richa Chadha (ऋचा चड्ढा)  

गर्ल्स विल बी गर्ल्स: किशोरावस्था से बालिग होने तक लड़कियों में भी लड़कों के तरह विपरीत सेक्स के कई इच्छाएं जागृत होती हैं और उन बदलावों का उनके स्वयं के जीवन, परिवार और उनके स्कूल के फ्रेंड सर्किल पर क्या असर पड़ता है ये दिखाया गया है शुचि तलाती द्वारा लिखित और निर्देशित फिल्म गर्ल्स विल बी गर्ल्स में , जो 18 दिसंबर 2024 को अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हो चुकी है। फिल्म का प्रीमियर 2024 सनडांस फिल्म फेस्टिवल में हुआ जिसने फेस्टिवल के प्रतियोगिता खंड में भाग लिया। गर्ल्स विल बी गर्ल्स एक 2024 इंडो-फ्रेंच कमिंग-ऑफ-एज ड्रामा फिल्म है। इसमें प्रीति पाणिग्रही, कानी कुसरुति और केसव बिनॉय किरण मुख्या भूमिकाएं निभा रही हैं। यह फिल्म निर्देशक तलाती की पहली फीचर फिल्म है, और पाणिग्रही और किरण की पहली फिल्म है।

कहानी
फिल्म की कहानी हिमालय की तलहटी में एक बोर्डिंग स्कूल पर आधारित है और किशोर नायक मीरा के एक आकर्षक नए छात्र के साथ रोमांस, उसके बाद की यौन जागृति और कभी-कभी उसकी सुरक्षात्मक मां के साथ तनावपूर्ण रिश्ते पर केंद्रित है। मीरा ( प्रीति पाणिग्रही) अपने स्कूल के हेड प्रीफेक्ट है। बच्चों को अनुशासन में रखना उसका काम है। विदेश से उनके स्कूल में श्री ( केशव बिनॉय) पढ़ने आता है, और मीरा को श्री अच्छा लगने लगता है। मीरा की मां अनिला (कनि कसरुति) चाहती है कि बेटी बस पढ़ाई पर ध्यान दे। दोनों मां बेटी के रिश्ते भी कुछ खास अच्छे नहीं हैं। इधर श्री की मीरा की मां से भी दोस्ती होती है फिर मीरा और श्री का रिश्ता क्या रंग लेता है और मां बेटी का रिश्ता कैसे आगे बढ़ता है, टीनेज रोमांस को बड़ी खूबसूरती से दिखाती है ये फिल्म।

एक्टिंग
इस फिल्म में सभी कलाकारों ने शानदार काम किया है। कानी कुसरुति ने मीरा की मां का किरदार बखूबी निभाया है है। उन्होंने शानदार एक्सप्रेशन दिए हैं और डायलाग भी कमाल के बोले हैं। प्रीति ने जिस तरह से एक टीनेज लड़की की किरदार निभाया है, उसे देखकर लगा नहीं कि वो नई एक्ट्रेस हैं। केशव बिनॉय किरण का काम भी शानदार है, एक ऐसा लड़का जो हर किसी को अपनी बातों से अपना मुरीद बना लेता है। ऐसे लड़के हमारे स्कूल कॉलेज में अक्सर होते हैं और केशव ने ये किरदार बड़ी शिद्दत से निभाया है।

डायरेक्शन
शुचि तलाती ने फिल्म लिखी और डायरेक्टर की है और वो इस फिल्म की नायिका हैं। उनकी राइटिंग और डायरेक्शन दोनों परफेक्ट हैं। टीनेज रोमांस को इससे अच्छे तरीके से शायद नहीं दिखाया जा सकता। फिल्म के डायलाग भी शानदार हैं फिल्म पर उनकी पकड़ मजबूत रही और वो जो कहना चाहती थी वो कहने में पूरी तरह से कामयाब रहीं। ये फिल्म कमाल की है, अगर आप 90 के दशक में पैदा तो ये फिल्म आपको उसी दौर में ले जाएगी क्योंकि ये उसी दौर की कहानी है जब मोबाइल नहीं आए थे और मिस्ड कॉल वाला रोमांस चलता है। फिल्म में टीनेज रोमांस है और कुछ ऐसे सीन हैं जिन्हें आप बोल्ड कह सकते हैं । मां बेटी के रिश्ते को भी ये फिल्म बड़ी खूबसूरती से दिखाती है और बताती है कि मां बाप को टीनेज में बच्चों का दोस्त बन जाना चाहिए और उन्हें समझना चाहिए। कुल मिलकर कहा जा सकता है की यह फिल्म किसी वर्ग विशेष के लिए नहीं अपितु सभी के लिए है ।


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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