Exclusive Interview: अनकहे रिश्ते को दिखाती है ''फोटोग्राफ''

Saturday, Mar 16, 2019 - 11:00 AM (IST)

नई दिल्ली। लव स्टोरीज हमेशा से बॉलीवुड का अहम हिस्सा रही हैं जिसमें अलग-अलग ट्विस्ट के साथ तड़के लगते रहे हैं लेकिन इस बार सिनेमाघरों में एक ऐसी फिल्म रिलीज हुई है जिसकी लव स्टोरी बाकी सब से बिल्कुल ही जुदा है। ये लव स्टोरी एक फोटो से शुरू होती है। इसकी खास बात ये है कि इसे कोई नाम देने की कोशिश नहीं की गई है।

फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी और सान्या मल्होत्रा मुख्य किरदार में नजर आ रहे हैं। इस फिल्म को डायरेक्ट किया है दर्शकों को 'लंचबॉक्स' जैसी बेहतरीन फिल्म दे चुके डायरेक्टर रितेश बत्रा ने। रितेश और सान्या ने दिल्ली में फिल्म प्रमोशन के दौरान पंजाब केसरी/ नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/ हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश...

मेरे जैसी है 'मिलोनी' : सान्या मल्होत्रा
मैं इस किरदार से काफी हद तक रिलेट कर सकती हूं। पहले मुझे लगता था कि मैं बहुत बातें करती हूं लेकिन ये किरदार करने के बाद पता चला कि उसकी तरह मैं अपनी ही दुनिया में खोई रहती हूं। मुझे ये रोल प्ले करना बहुत ही अच्छा लग रहा था और 45 दिन की शूटिंग में मुझे यही लगता रहा कि असल में मैं मिलोनी ही हूं। अब जब मैं फिल्म देखती हूं तो खुद को पहचान नहीं पाती हूं कि ये मैं ही हूं।

शूटिंग के दौरान स्क्रिप्ट में हुए काफी बदलाव
फिल्म की जो हमने शूटिंग की है स्क्रिप्ट उससे काफी अलग थी। शूटिंग के दौरान ही ये बदलाव किए गए। शूट पर जाने से पहले मैंने कई सारी वर्कशॉप की। ये वर्कशॉप मेरे लिए बहुत मददगार साबित हुई और इनसे मैंने बहुत कुछ सीखा। इसके साथ ही मुझे इस किरदार के लिए गुजराती भी सीखनी पड़ी।

नवाज के साथ शूट करने से पहले लगा था डर
नवाज के साथ काम करना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। वो बहुत ही अच्छे एक्टर हैं। शूटिंग शुरू करने से पहले उनके साथ काम में मैं बहुत डर रही थी। लेकिन जब मैंने शूटिंग शुरू की तब मेरा सारा डर खत्म हो गया क्योंकि उस वक्त वो मेरे लिए रफी थे, ना की नवाजुद्दीन सिद्दीकी। उनकी सबसे खास बात ये है कि वो अपने कैरेक्टर में पूरी तरह से ढल जाते हैं।

किरदार से निकलने में लगता है वक्त
अभी मैं नई हूं एक्टिंग में तो मुझे अभी किरदारों से निकलने में समय लगता है। इस रोल को करते हुए मैं बिल्कुल ऐसी ही हो गई थी, सिर्फ खुद में रहती थी। वक्त के शायद मैं सीख जाउंगी किरदारों को अलग रखना।

अनडिफाइन रिलेशनशिप इस फिल्म की खूबसूरती : रितेश बत्रा
हमारी जिंदगी में बहुत से रिश्ते ऐसे होते हैं जिन्हें डिफाइन नहीं किया जा सकता। कुछ समय पहले मुझे इस फिल्म की एक खास बात पता लगी और वो ये थी कि फिल्म के दोनों ही किरदारों के बीच जो चल रहा है वो अनडिफाइन है जो इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती है। ये एक वजह है जिसके कारण मुझे ये फिल्म और भी ज्यादा पसंद आने लगी है।

इसलिए नवाज और सान्या बने पहली पसंद
इस फिल्म में नवाज को चुनने के लिए एक खास वजह थी। उनके साथ मैं पहले भी काम कर चुका हूं, स्क्रिप्ट सुनते ही मेरे दिमाग में नवाज का चेहरा आया। वो इस किरदार की तरह ही हैं, यूपी के छोटे से गांव के एक बहुत ही नेक और भोले किस्म के इंसान। सान्या को मैंने दंगल फिल्म में देखा था और मुझे उनका काम बहुत पसंद आया था। मुझे इस रोल के लिए वो परफेक्ट लगीं। सान्या की खास बात ये है कि वो बिना बोले भी बहुत कुछ कर सकती हैं।

हर रिश्ते का नाम नहीं होता
मैं ये नहीं कह सकता कि ये फिल्म एक लव स्टोरी है। हमारी जिंदगी में कुछ रिलेशनशिप ऐसे होते हैं जिन्हें हम नाम नहीं दे सकते। मेरा मानना है कि जब कोई फिल्म देखता है थिएटर में तो वो वहां नहीं खत्म होनी चाहिए बल्कि उनके साथ उनके दिल और दिमाग में उनके घर जानी चाहिए।  

Chandan

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