Exclusive Interview: दो अजनबियों की प्रेम कहानी है ‘नोटबुक’

Wednesday, Mar 27, 2019 - 10:07 AM (IST)

नई दिल्ली। सुपरस्टार सलमान खान के प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले बनी फिल्म ‘नोटबुक’ से बॉलीवुड को दो नए चेहरे मिलने वाले हैं जिनका नाम है- प्रनूतन बहल और जहीर इकबाल। जहां प्रनूतन बॉलीवुड लीजेंड नूतन की पोती और मोहनीश बहल की बेटी हैं, वहीं दूसरी तरफ जहीर, सलमान के दोस्त के बेटे हैं।

बॉलीवुड में डेब्यू करने से पहले प्रनूतन ने वकालत की पढ़ाई की है, वहीं जहीर इकबाल रियल एस्टेट में सक्सेसफुल करियर बना चुके हैं। एक्टिंग में हाथ आजमाने से पहले जहीर ने एक प्रीमियम बिल्डिंग के लिए बतौर बिल्डर भी काम किया है। इतना ही नहीं, वह बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर भी काम कर चुके हैं।

‘नोटबुक’ 29 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। फिल्मी दुनिया में अपना सफर शुरू करने के लिए तैयार प्रनूतन और जहीर ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/ हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:

दो दिलों का गहरा रिश्ता: जहीर इकबाल
फिल्म ‘नोटबुक’ उस समय पर आधारित है जब इंटरनेट और सोशल मीडिया अधिक विकसित नहीं हुआ था। इस फिल्म के जरिए दो अजनबियों की रोमेंटिक कहानी में जादू बिखेरा गया है, जो एक ही नोटबुक के पृष्ठ हैं, वे एक-दूसरे से जुड़े तो हुए हैं लेकिन अलग-अलग हैं, फिल्म में दो दिलों का सबसे गहरा रिश्ता पेश किया गया है। कश्मीर की पृष्ठभूमि पर आधारित ‘नोटबुक’ दर्शकों को एक रोमेंटिक सफर पर ले जाएगी, जिसे देखकर आपके जहन में सवाल उमड़ पड़ेगा कि क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ प्यार में पड़ सकते हैं जिससे आप कभी मिले नहीं है? 

बहन की शादी में सलमान सर ने मुझे देखा
साल 2013 में मेरी बहन की शादी थी, मैं शादी में सलमान खान के गाने ‘फेविकोल’ पर परफॉर्म कर रहा था। उन्होंने जब मुझे डांस करते देखा, तो मुझे बुलाकर कहा, ‘सुन हीरो, हीरो बनेगा, कैमरे के सामने ऐसा ही डांस करेगा?’सलमान मेरे पापा के दोस्त हैं, वो बचपन से मुझे हीरो कहते आए हैं, तो मुझे लगा मजाक कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने सीरियसली मेरे पापा को बोला कि शादी का फंक्शन खत्म होते ही जहीर को मेरे पास भेज देना। कुछ दिन तक मैं सदमे में रहा, मुझे लग रहा था ये सब सपना है।

सलमान सर का ज्यादा है डर
मैंने अक्सर सुना है कि बड़े एक्टर्स के बच्चे जब काम करने सेट पर आते हैं, तो उनके बहुत नखरे होते हैं, लेकिन मैं जब पहली बार प्रनूतन से मिला, तो हैरान रह गया। ये वैसी बिल्कुल नहीं थीं। मैं और प्रनूतन बहुत अच्छे दोस्त हैं। वो बहुत ही सपोर्टिव हैं। हां बस एक डर रहता था कि हमारे किसी भी काम से सलमान सर निराश न हों। हमेशा लगता था कि हमारा काम उन्हें पसंद आए।


जिम्मेदारी की तरह रही फिल्म प्रनूतन बहल 

मैं लाइफ में किसी भी चीज को प्रेशर की तरह नहीं लेती बल्कि एक जिम्मेदारी मानती हूं। जब भी आप किसी काम को प्रेशर की तरह लेते हैं, तो आपके जहन में नकारात्मक ख्याल आने लगते हैं। पर जब मैं इसे एक जिम्मेदारी की तरह सोचती हूं तो मुझे लगता है कि मुझे एक मौका मिला है, खुद को साबित करने का और इसमें मैं जी जान लगा दूंगी। 

बहुत खुशकिस्मत हैं हम
हमें एक अच्छे डायरेक्टर मिले, अच्छा प्रोडक्शन हाऊस मिला, अच्छे मार्ग दर्शक मिले और अच्छा परिवार मिला। हम इतने लकी हैं वरना इतना सब किसे मिलता है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम सबकी उम्मीदों पर खरे उतरें। मैं वकालत को कभी अपना करियर नहीं बनाना चाहती थी। मैं हमेशा से ही एक एक्टर बनना चाहती थी।

Chandan

Advertising