विश्वास है ''जनहित में जारी'' देखने के बाद आएगा बदलाव और कंडोम बनेगा एक आम शब्द

punjabkesari.in Thursday, Jun 09, 2022 - 01:52 PM (IST)

टीम डिजिटल। परिवार इतना बड़ा भी ना हो जाए कि साथ बैठकर फिल्म ना देख सकें, इस वजह से यह फिल्म बनाई गई है। जय बसंतु सिंह की कॉमिडी ड्रामा फिल्म 'जनहित में जारी' जो आपको हंसाने के साथ - साथ कई सोशल मैसेज भी देगी। इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक लड़की कैसे अपनी जिंदगी और घर चलाने के लिए कंडोम तक बेच सकती है। फिल्म का निर्देशन डेब्यूटेंट डायरेक्टर जय बसंतू सिंह ने किया है जिसमें नुसरत ने एक बार फिर अपना जादू चला ही दिया है। इसके इलावा फिल्म में नुसरत के ऑपोजिट अनुद सिंह हैं जो इस फिल्म से हिन्दी फिल्मों में डेब्यू कर रहे हैं, इनके अलावा फिल्म में विजय राज, परितोष त्रिपाठी, टीनू आनंद, बिजेंद्र कला, नेहा सराफ के साथ कई और शानदार कास्ट हैं। फिल्म को लेकर जनहित में जारी के एक्टर , प्रोडूसर और डायरेक्टर ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबानी/हिन्द समाचार से ख़ास बातचीत की। पेश हैं इसके मुख्य अंश।

1 - पहले ड्रीम गर्ल जैसे नायाब टॉपिक के साथ आप आए और अब जनहित में जारी, कैसे इतना अलग सोच लेते हैं ?

इसका जवाब देते हुए राज शांडिल्य कहते हैं, ऊपर वाले ने मुझे यही काम दिया है कि मैं अपनी कहानियों में कुछ ऐसा लेकर आंऊ जो इंट्रेस्टिंग , एंटेरटेनिंग और यूनिक भी हो। कुल मिलाकर फिल्म ऐसी हो की 2 घंटे में लोग कहीं भी बोर ना हो और हमें जो अपनी बात बोलनी है वो सही ढंग से कह भी सकें। वैसे यह विचार मुझे 2017 में आया था जब मैंने देखा कि हर जगह भीड़ बहुत बढ़ती जा रही है, बहुत पापुलेशन है, ये सब हो कैसे रहा है ? कहां से आ रहे हैं ये लोग ? कौन कर रहा है ये सब चीज़ें ? फिर पता लगा कि ये तो हम लोग करोड़ों में बढ़ रहें हैं , जिससे समस्याएं भी काफी ज़्यादा बढ़ रही हैं जैसे , शिक्षा और  बेरोज़गारी , क्राइम रेट भी बहुत बढ़ रहा है। बहुत सी चीज़ें पापुलेशन से जुडी हुई हैं, तो फिर ऐसा सोचा गया कि क्यों ना इस मुद्दे पर फिल्म बनाई जाए।

2 - आपको नहीं लगता कि ये फिल्म कोविड से थोड़ा टाइम पहले रिलीज़ होनी चाहिए थी जिससे ज़्यादा असर पड़ता ?

राज शांडिल्य हंसते हुए कहते हैं ये तो पार्टीशन से पहले होनी चाहिए थी। क्या करें जब जिस चीज का समय होता हैस वो काम तभी होता है।

3  - आगे आने वाले सालों में हम नुसरत को क्या-क्या अलग करते हुए देखंगे ?

इस पर नुसरत कहती हैं कि इंडस्ट्री में मेरी शुरुआत ही दर्शकों के स्पोर्ट से हुई थी , मैं कभी टिपिकल हिरोइन के मोड में फिट नहीं हुई बैठी। मुझे कोई उस तरह से कास्ट कर भी नहीं रहा था। दरअसल मैंने फिल्मों को चूज़ नहीं किया था फिल्मों ने मुझे चुना है। मैं आज जहां हूं वो दर्शकों की वजह से हूं। मैंने कभी नहीं सोचा कि में ये करुंगी या वो नहीं करूंगीं। मैं हमेशा दर्शकों के पॉइंट ऑफ़ व्यू से फिल्म का नरेशन और स्टोरी सुनती हूं, कि क्या मैं खुद इस फिल्म को देखने के टिकट खरीदकर थिएटर में जाऊंगी ? क्या ये फिल्म मुझे उतना एक्साइट और एंटरटेन कर रही है ? और अगर हां तो मैं उस फिल्म का हिस्सा बन जाती हूं।
 

4 - अब आप इंडस्ट्री में टॉप एक्ट्रेसेज में शुमार हैं, तो क्या कुछ सोचती हैं कि ऐसा करूंगी और ऐसा नहीं या कुछ लीग से हटके आपने सोचा है ?

नुसरत मुस्कुराते हुए जवाब देती हैं कि मुझे ऐसा लगता है कि सिनेमा में एक मैजिक क्रिएट होता है, वो मैजिक आप पहले से सोच कर, डिज़ाइन करके या प्लान करके नहीं कर सकते। क्योंकि वो होता है या तो नहीं होता। किसी एक दायरे में बंधकर आप अच्छा काम नहीं कर सकते।

5 - बहुत खूबसूरत आपकी शुरुआत हुई आपका टेकऑफ ही इतने अच्छे स्टार कास्ट के साथ हुआ है , कैसा रहा अपना अनुभव ?

अनुद बताते हैं मेरे जैसे एक्टर की इससे बेहतर शुरुआत हो ही नहीं सकती थी। जितनी बड़ी ये स्टार कास्ट है उतनी ही अच्छी और लविंग भी है। जय सर ने कभी फील नहीं करवाया कि मेरी ये पहली फिल्म है , कई बार राज सर ने बोला कि एक ही टेक मिलेगा जो हो गया सो हो गया। बस फिर क्या मैं तो दिन भर कोने में स्क्रिप्ट लेकर घूमता रहता था। ऐसे ही हंस्ते हंसाते शूटिंग हुई। मुझे बहुत ठोक- पीट कर टेस्ट लेकर इस फिल्म में लिया गया। स्क्रीन टेस्ट के लिए मुझे ऑफिस भी बुलाया था।

6 - नुसरत और अनुद को साथ में लेने का क्या कारण रहा ?

जय बसंतु सिंह कहते हैं 'ड्रीम गर्ल' में राज और नुसरत साथ में काम कर चुके थे। इसमें नुसरत को कास्ट राज ने ही किया , जब कहानी नुसरत को सुनाई तो पहली लाइन सुनते ही नुसरत ने कहा कि मैं ये फिल्म कर रहीं हूं और अनुद तो लास्ट मोमेंट पर इसमें लिए गए। जब मेरी पहली मुलाकात अनुद से हुई तो मैंने उससे पूछा कि तुम्हें डांस आता है ? तो इन्होंने ऑलमोस्ट एक घंटा डांस किया। अनुद में बहुत पेशेंस है, जो कि आजकल के लोगों में नहीं होता। आजकल लोगों को रातों रात स्टार बनना होता है।

7 -जहां कंडोम पर लोग खुलकर बात भी नहीं करते उसपर इतनी बड़ी मूवी बन रही है , उसे बनाने से पहले मन में कैसे विचार आए ?

विनोद भानुशाली कहते हैं कि जय ने टीवी का काम बहुत किया है इनमें मुझे कुछ करने की चाह दिखी। मैंने 27 साल काम किया है, लेकिन प्रोड्यूस पहली पिक्चर कर रहा हूं। लेकिन हम ये बात कह सकते है कि इस फिल्म को बनाने में हमने पैसा नहीं देखा इंटेंशन देखी। लोगों के लिए गिफ्ट ये है कि हम शुक्रवार को 100 रूपये में पिक्चर दिखाएंगे।

8 - क्या आपको लगता है कि इस फिल्म को देखने के बाद लोगों का नज़रिया बदलेगा ?

जय कहते हैं कि 3 मिनट के ट्रेलर से ही काफी अच्छा रिस्पॉन्स आया है तो सोचो 3 घंटे की फिल्म में क्या होगा ? हमारी पूरी टीम को विश्वास है कि फिल्म को देखने के बाद बदलाव आएगा और कंडोम एक आम शब्द बनेगा।

9 - इस किरदार में उतरने के लिए कोई ख़ास आपने तैयारी की ?

इस पर अनुद कहते हैं कि मैंने तो ट्रेन ही भागते हुए पकड़ी है , मुझे बिलकुल लास्ट मोमेंट पर कास्ट किया गया है। मैं तो सिर्फ 2 काली और 2 सफेद टी-शर्ट के साथ वहां पहुंचा था। मुझे सिर्फ ये कहा गया था कि तुम सिर्फ तैयार रहो कि जो स्क्रिप्ट आ रही है उसमें परफॉर्म कर पाओ।


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Content Writer

Jyotsna Rawat

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