कहानी उन लोगों से काफी रिलेटेबल है जिन्हें नहीं पता कि उनका बेटा बड़ा होकर क्या करेगा?- राजेश कुमार
punjabkesari.in Tuesday, Sep 16, 2025 - 12:59 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। संजय त्रिपाठी द्वारा डायरेक्टेड फिल्म मन्नू क्या करेगा ? 12 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म के जरिए दोनों मेन लीड ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की है। फिल्म में व्योम यादव, साची बिंद्रा, कुमुद मिश्रा, विनय पाठक , चारु शंक, राजेश कुमार, बृजेंद्र काला, नमन गोर, आयत मेमन , डिंपल शर्मा और लवीना टंडन नजर आ रहे हैं। फिल्म की कहानी एक ऐसे लड़के मन्नू की है जो अपने आने वाले कल में क्या करने को लेकर कंफ्यूज है। इसी कड़ी में फिल्म के निर्देशक संजय त्रिपाठी और स्टारकास्ट व्योम यादव, साची बिंद्रा, और राजेश कुमार ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश
राजेश कुमार
सवाल- इस फिल्म का हिस्सा बनना आपके लिए कैसा रहा?
जवाब- सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा है। अच्छी कहानियां मिल रही हैं और उनका हिस्सा बनने का मौका मिल रहा है। सच कहूं तो मन्नू क्या करेगा मेरे अलावा कोई और कर ही नहीं सकता था। डायरेक्टर साहब ने भी मुझे ही इस रोल के लिए चुना। इस फिल्म का सब्जेक्ट काफी रिलेटेबल है। आजकल कई लोगों का यही सवाल रहता है कि बड़ा होकर क्या करेगा। इसमें आप देखेंगे कि एक लड़का जो सब कुछ अच्छे से कर सकता है लेकिन उसमें उस एक चीज को खोजना।
सवाल- आपके लिए इस प्रोजेक्ट का सबसे अच्छा हिस्सा क्या रहा?
जवाब- इस फिल्म के युवा कलाकारों की ऊर्जा और पॉजिटिव वाइब्स। साथ ही एक सिंगल फादर का किरदार निभाना मेरे लिए चैलेंजिंग था। ये सिर्फ डायलॉग्स नहीं थे बल्कि रिश्तों की बारीकियों को समझ कर जीना था।
डायरेक्टर संजय त्रिपाठी
सावल- ये आइडिया कहां से आया और टाइटल “मन्नू क्या करेगा” कैसे फाइनल हुआ?
जवाब- कहानी मुझे सौरव (फिल्म एनिमल के डायलॉग राइटर) ने सुनाई थी। यह एक coming-of-age लव स्टोरी है जिसमें हीरो की ज़िंदगी में ट्रांसफॉर्मेशन होता है। टाइटल पर जब चर्चा हुई तो कई विकल्प सामने आए फुटबॉल से जुड़े टाइटल भी थे क्योंकि मन्नू एक अच्छा फुटबॉल प्लेयर है। लेकिन “मन्नू क्या करेगा” सबको कैची और सटीक लगा।
सवाल- आपने टीवी भी किया है और फिल्में बी तो आपको कौन सी ज्यादा अच्छी है?
जवाब- देखिए कुछ चीजे होती हैं जिन्हें लॉन्ग फॉर्म तकी जरूरत होती है। जैसे मैंने एक सीरीज बनाई थी जिसमें कुछ लेडिज मिलकर एक गांव की तकदीर बदलती हैं। यह डिपेंड करता है कुछ कहानियों को सीरीज में बता सकते हैं तो कुछ को दो घंटे की फिल्म से बता सकते हैं। मैं लिखना ज्यादा पसंद करता हूं तो जब मैं कहानी लिखता हूं तो उसे सामने देखता भी हूं। मैंने अपनी शुरुआत एक पत्रकार के रूप में की थी लेकिन मुझे कहानी कहना बहुत पसंद था तो वहां से ही मैं डायरेक्टर बना।
व्योम यादव
सावल- आप पहले फुटबॉल प्लेयर थे। फिर एक्टिंग की ओर कैसे शिफ्ट हुए?
जवाब- असल में मैंने बहुत पहले से नुक्कड़ नाटक करना शुरू कर दिया था। शुरुआत मज़ाक में हुई दो पीरियड बंक करने के लिए दोस्तों के साथ चला जाता था। लेकिन धीरे-धीरे स्टेज परफॉर्मेंस का मज़ा आ गया। स्ट्रीट थिएटर ने आत्मविश्वास दिया और वहीं से समझ आया कि ये प्रोफेशन बन सकता है।
सवाल- जब आपने एक्टिंग शुरू की तो घरवालों की कैसी प्रतिक्रिया रही थी?
जवाब- मेरे घरवाले बहुत खुश हैं और गर्व महसूस करते हैं। मैं इंजीनियरिंग के बाद जॉब भी कर रहा था साथ में ऑडिशन देता था। मैं हमेशा ऑडिशन के लिए लंच ब्रेक के समय पर निकलता था। फिर सही समय पर सब कुछ हुआ। पेरेंट्स ने कभी रोका नहीं, बस भरोसा किया कि कुछ अच्छा ही करूंगा।
साची बिंद्रा
सवाल- फिल्मी करियर की शुरुआत हुई है तो कैसा लग रहा है?
जवाब- मेरे लिए तो ऐसा कि मेरा सपना सच हो गया । हम दोनों काफी समय ऑडिशन्स दे रहे थे लेकिन कहीं कुछ हो नहीं रहा था लेकिन जब ये सपना पूरा हुआ तो हम बहुत खुश हुए। अपने सपने को पूरा होते देख रहे हैं।
सवाल- क्या बचपन से आपको एक्टर बनना था?
जवाब- जी हम दो बहने हैं और हम दोनों को बचपन से पता था कि किसको क्या बनना है। मेरी बहन के पायलट बनना था और मुझे हमेशा से पता था कि एक्ट्रेस बनना है। बचपन में माधुरी दीक्षित को देखकर बहुत प्रेरित हुई। पहले डांस सीखा, फिर थिएटर और एक्टिंग की ओर बढ़ी।
सवाल- आपको फैमिली ने कितना सपोर्ट किया?
जवाब- मेरे पापा ने हमेशा चाहा कि पढ़ाई पूरी कर लो। इसलिए उन्होंने मुझे ग्रेजुएशन पूरा करने के लिए मोटिवेट किया। अब पीछे मुड़कर देखती हूं तो लगता है कि वो सही थे क्योंकि पढ़ाई आत्मविश्वास और परिपक्वता देती है।