Exclusive Interview: ''दबंगी - मुलगी आई रे आई'' की लीड स्टार कास्ट के साथ ख़ास बातचीत

Thursday, Oct 26, 2023 - 10:44 AM (IST)

मुंबई। सोनी टीवी जब 30 अक्टूबर से एक नया शो शुरू होने जा रहा है जिसका नाम है 'दबंगी - मुलगी आई रे आई' जिसका प्रोमो ही दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है क्यूंकि इसमें एक छोटी सी बच्ची से दबंग अंदाज़ हो दिखाया गया है।  जो ज़िंदगी की कई चुनौतियों से लड़ती दिखाई दे रही और साथ ही तलाश रही है अपने पिता को।  इसी के चलते शो की स्टार कास्ट  माही भद्राने , आमिर दलवी, साई देवधर और मानव गोहिल पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबानी/हिन्द समाचार से ख़ास बातचीत की और दिलचस्प बातें शेयर की

माही भद्राने

1 - आपका कैसा है किरदार ?

मैं इस सीरियल में दबंगी हूँ। 

2 - आप कितने साल के हो ?

मैं अभी 15 अक्टूबर को छः साल की हुई हूँ

3 - किसके साथ काम करके सबसबे अच्छा लगा ?

सबके साथ लेकिन सबसे ज़्यादा मानव सर के साथ , छाया मैडम के साथ और डायरेक्टर सर के साथ।

साई देवधर

1 - कैसा है आपका किरदार ?

मेरे किरदार का नाम है छाया और दामिनी भी। दामिनी नाम मेरा तब था जब मेरी शादी हुई थी लेकिन जब मुझे पता चलता है कि मेरा पति एक अच्छा इंसान नहीं है तो मुझे मेरी बेटी को बचाना है , मैं नाम बदलती हूँ मैं शहर भी बदलती हूँ , बहुत ही गरीबी में गुज़ारा कर रही हूँ।  काफी स्ट्रांग दिखाया गया है सिंगल मदर है जो काफी मजबूती से रहती है और ठाना हुआ है कि बेटी को अच्छा इंसान बनाना है और पति को उससे बचा कर रखना है। 

2 - आर्या का कैसा करैक्टर है ?

वो बिलकुल अपने पिता की तरह है लेकिन एक अच्छे तरीके से।  सारी चीज़ें अपने पिता के जैसी ही है उन्ही के जैसा गुस्सा भी है।  उन्ही की तरह सबसे लड़ती - झगड़ती है तो मुझे एक माँ होने के नाते काफी डर लगता है जब मुझे अपनी बेटी में उसके पिता की झलक दिखती है।लेकिन ये अन्याय नहीं सह पाती।

3 - आपने काफी समय बाद सिनेमा पर वापसी की है इस दूरी के पीछे की वजह क्या है ?

अच्छे रोल नहीं आ रहे थे जो आ रहे थे वो मुझे कुछ खास नहीं लगे।  एक्टिंग मेरा पैशन है तो मुझे रोल काम पर जाकर ऐसा लग्न चाहिए कि मैंने कुछ अच्छा किया है तो वो मुझे इतने सालों से फीलिंग नहीं आ रही थी और मैं एक डायरेक्टर भी हूँ प्रोडूसर भी हूँ , मैंने 2 फ़िल्में लिखीं हैं अभी जिनका पोस्ट प्रोडक्शन चल रहा है अभी।  एक शो मेरा चल भी रहा है और फिर जब इन सब के बीच दबंगी आया तो पहले मैंने मना कर दिया लेकिन उन्होंने कहा कि मैडम पहले कहानी सुन तो लो ,फिर जब मैंने कहानी सुनी तो मुझे मेरा किरदार बहुत अच्छा लगा और सोच लिया कि ये तो मैंने करना ही है। 

4 - इससे पहले भी आप कई बार मां का किरदार निभा चुकी है तो ये उनसे कैसे अलग और कैसे समान है ?

दरअसल मैं अपनी माँ के बहुत करीब थी और अब मेरी बेटी मेरे बहुत करीब है।  मुझे ऐसा लगता है कि ये सबसे पाक रिश्ता है और इसके बहुत सारे रंग हैं।  हर मां-बेटी का रिश्ता एक जैसा नहीं होता, और इस रिश्ते में ना बहुत कुछ करने को मिलता है।  उड़ान में मेरा किरदार बहुत स्ट्रांग मां का था जैसी मेरी बेटी थी वैसी मैं थी लेकिन इसमें अलग है इस किरदार मैं मैं हाज़िर जवाबी ज़्यादा नहीं हूँ एकदम से किसी को जवाब नहीं दे सकती। बेटी को दीखता है कि मां बेचारी कर नहीं पा रही है तो ये अपनी मां की आवाज़ बनती है। 

5 - आप एक एक्टर , डायरेक्टर , राइटर , प्रोडूसर और सबसे ऊपर एक मां भी हो तो ये सब कैसे मैनेज करते हो आप ?

मुझे लगता है कि हर औरत में ये सब मैनेज करने की शमता है और इससे ज़्यादा भी कर सकती हैं। आप अगर अपने आप को मैनेज करना चाहते हो तो हो सकता है और अगर आप लेज़ी हो कि मुझसे तो कुछ नहीं होगा तो फिर तो कुछ भी नहीं होगा।

6 - आपके अब तक के सफर में सबसे बेस्ट एक्सपीरियंस किसके साथ रहा ?

मैं हमेशा अपने घर पर भी कहती हूँ कि ये शो मेरा सबसे अच्छा रहेगा , सारा आकाश में जैसे एक्शन भी था लेकिन वो हो गई बात।  पुराने शोज तो करके हम भूल जाते हैं लेकिन मैं आज की बात करूंगी तो पिछले 5 - 6 सालों में यही है मेरा सबसे अच्छा। 

7 - तने छोटे बच्चे के साथ काम करके कैसा लगा ? हैंडल कैसे किये क्यूंकि बच्चे के तो अपने मूड्स भी होते हैं ?

एक डायरेक्टर और एक्टर के तौर पर कहूं तो जितने सुन्दर सीन बच्चों के डसाथ होते हैं ना उतने तो बड़ों के साथ भी नहीं होते।  वो कई बार कुछ ऐसा भी कर जाते हैं जिसके बारे में आपने सोचा भी नहीं होता।  उनकी एक पाक एनर्जी होती है जिसके साथ आपकी एनर्जी भी अलग रहती है।  वो इतने खुश रहते हैं कि वो ख़ुशी आपमें भी आ जाती है तो मुझे बच्चों के साथ करने में बहुत मज़ा आता है।

आमिर दलवी

1 - ट्रेलर से तो लगता है कि आपका किरदार बहुत ही ज़बरदस्त है तो क्या वाकई ऐसा ही है या उससे भी ज़्यादा स्ट्रांग है ?

मेरा किरदार नेगेटिव है हर कहानी में एक नेगेटिव और पॉजिटिव तो होता ही है और हम सब अपनी ज़िंदगी में कहीं ना कहीं नेगेटिव होते ही हैं।  कई बार तो हम अपने घर वालों के साथ ही हो जाते हैं नेगेटिव हो जाते हैं छोटी छोटी बातों पर।  मेरा मानना है कि अगर आपने पॉजिटिव करना है तो आप शाहरुख़ खान बनो या सलमान खान जैसे दिखो या आप हृतिक जैसा डांस करो वो एंटरटेनमेंट है या तो फिर आप नेगेटिव करो क्यूंकि उसमें ही मसाला है। 

2 - आप अपने किरदार से असल ज़िंदगी में कितना मिलते हो ?

असल ज़िंदगी में मैं बहुत शांत हूँ और बहुत कम बात करता हूँ।  मैं बहुत सुनता हूँ लोगों को जब कोई मेरे सामने बैठ कर बोल रहा होता है तो मैं उनको सुनता हूँ कि मुझे उनसे कुछ सीखने को मिलेगा लेकिन हां जहां बोलने का मौका मिलता है मैं वहां बोलता भी हूँ। 

3 - शो में भी आपकी बेटी है और असल ज़िंदगी में भी आपकी एक बेटी है तो रियल लाइफ का एक्सपीरियंस रील लाइफ में कितना काम आया ?

शो में बच्ची बाहर छोटी है लेकिन मेरी बेटी 19 साल की है।  लेकिन मैं इस दौर से निकल जरूर चुका हूँ और मेरी अभी बच्ची के साथ शूटिंग शुरू नहीं हुई है।  लेकिन इससे पहले मैं बच्चों के साथ काम कर चुका हूँ तो बच्चों के साथ काम करके समझ आता है कि उनका दिमाग कैसा होता है उसका कितना दायरा होता है उसके लिए क्या काम करेगा क्या नहीं काम करेगा क्योंकि ये वर्किंग एक्सपीरियंस है क्योंकि ऐसा नहीं है कि बच्चे के साथ 2 घंटे बैठना है और खेलना है , आपको पता है कि आपने काम करना है।  तो उसी हिसाब से रहना होता है। 

4 - आपके लिए आपका अब तक का बेस्ट किरदार कौन सा है जिसे मौका मिले दोबारा करना का तो आप जरूर करेंगे ?

मेरे लिए तो सारे ही बेस्ट हैं।  क्यूंकि जैसे एक मां अपने बच्चों में से सबसे प्यारा नहीं बता पाती वैसे ही मैं भी नहीं बता पाऊंगा लेकिन हाँ जिस वक्त मैं जो किरदार कर रहा होता हूँ वही मेरा सबसे बेस्ट होता है। 

5 - शूटिंग के बाद जब ऑन-एयर होने पर आप अपने आप को देखते हैं तो कैसा लगता है कि सब ठीक किया या ऐसा लगता है कि कुछ बेहतर कर सकता था ?

मन में ख्याल तो बहुत आते हैं लेकिन जिस वक्त मैं शूट कर रहा होता हूँ ना उस वक्त मैं अपने डायरेक्टर , डीओपी  और आसपास खड़े लोगों को देखता हूँ उनका जो रिएक्शन होता है ना उससे पता चल जाता है कि शॉट कैसा रहा ? जब मेकअप मैन बोलता है ना कि सर क्या शॉट दिया तब मज़ा आ जाता है।

6 - आप बहुत अच्छे बाइकर भी हैं कई अवार्ड मिल चुके हैं आपको तो आप अपने इस शेड्यूल से उसके लिए कैसे टाइम निकालते हो ?

अब जैसे ये शूट चल रहा है तो तब तक मैं बाइक राइडिंग नहीं करता क्योंकि डर रहता है कि चोट ना लग जाए तो रिस्क रहता है। क्यूंकि अगर कुछ हो गया तो शूटिंग इफेक्ट करेगी।  लेकिन जब 2- 3 महीने हो जाएंगे तब मैं उसे फिर शुरू करूँगा क्यूंकि वो मेरे लिए एक अलग किस्म का रियाज़ है मेडिटेशन है वो मेरे लिए।  वो नहीं करूँगा तो यहाँ मुझसे कुछ अच्छा नहीं हो पाएगा। 

मानव गोहिल

1 - सबसे पहले तो आपका करैक्टर कैसा है ?

करैक्टर है काफी स्ट्रांग। पुलिसवाला हूँ जो भ्रष्टाचार से दूर हूँ काफी सिद्धांतवादी हूँ वहीँ भाई काफी पावरफुल है लेकिन काफी बिगड़ा हुआ है।  उसके साथ नहीं बनती है मेरी , दुश्मनी है उसके साथ। फिर एक बच्ची ज़िंदगी में आती है वो ज़िंदगी में उथल पुथल मचा देती है हलाकि मेरा खुद का एक परिवार है।  वर्दी के साथ एक अलग ही स्ट्रेंथ आती है बहुत अच्छा लगता है और वो करने में बहुत मज़ा आ रहा है मुझे।

2 - जब आपको ये कहानी सुनाई गई तो पहला रिएक्शन क्या है ? डबल माइंड हुए थे था सोच लिया था कि करना ही है ?

पहले मैंने मना कर दिया था शो को लेकिन फिर उन्होंने जब प्रॉपर नरेशन दिया तो फिर मैंने सोचा कि कर लेना चाहिए।  इसमें क्रिएटिविटी भी बहुत ज़्यादा है कमर्शियल काम और क्रिएटिविटी ज़्यादा है।  और सोनी टीवी के साथ काम करना तो मुझे वैसे भी बहुत पसंद है। 

3 - सई के साथ 20 साल बाद आप स्क्रीन शेयर कर रहे हो तो 20 साल पहले कैसा बांड था और अब कैसा है ?

20 साल पहले भी ऐसा ही बांड था जैसा आज है जब भी मिलते हैं पुराने यादें ताज़ा करते हैं क्यूंकि जब कोई पुराने दोस्त मिलते हैं तो तो एजंडा नहीं होता सिर्फ खुशियां होती हैं और सई को तो सारी बातें याद रहती हैं जो कोई नोटिस नहीं कर पाता वो सई करती है।  

4 - सई के साथ शूटिंग का कोई यादगार किस्सा ?

हम लोग सारा आकाश एक शो करते थे साथ में , बहुत अच्छा माहौल था वहां हम सब दोस्त बन गए थे और उसके बाद से हमारी दोस्ती बरकरार है।  सई और शक्ति की शादी हुई फिर तो हम मिलते ही रहे और वैसे भी एक दूसरे की ग्रोथ देखकर बहुत ख़ुशी मिलती है और सई को देखकर मुझे वो महसूस होती है कि अब वो सिर्फ एक एक्टर नहीं बल्कि एक डायरेक्टर भी बन गई है।

5 - आपको क्या लगता है वेब सीरीज़ का टीवी पर असर पड़ा है ?

अपने करियर को देखकर तो नहीं लग रहा , मैं तो कमर्शियली और फाइनेंशियल ऊपर उठ रहा हूँ।  किरदार भी अच्छे मिल रहे हैं।  तो मुझे लग रहा है कि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है उससे लेकिन ओवरआल लग रहा है कि कंटेंट की कमी कभी नहीं होगी। 

6 - क्या अब भी टीवी एक्टर्स को बॉलीवुड में स्ट्रगल करना पडत है ?

होता था एक ज़माने में जब एक दीवार होती थी बॉलीवुड और टीवी के बीच में लेकिन अब ऐसा नहीं रहा है अब हीरो एक्टर्स नहीं रहे अब हीरो स्क्रिप्ट्स हो गई हैं अगर स्क्रिप्ट अच्छी है और आप उसमें फिट बैठ रहे हो तो रोल आपका ही है।   

Diksha Raghuwanshi

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