प्यार तो सब लोग करते हैं लेकिन निभाना ये फिल्म दिखाएगी - Ada Sharma

punjabkesari.in Thursday, Mar 20, 2025 - 02:48 PM (IST)

मुंबई। वैसे तो बॉलीवुड में कई सारे मुद्दों पर फ़िल्में बनाई गई हैं लेकिन आईवीएफ को कोई इस तरह से दिखाएगा ये सोच से परे की बात है, हम बात कर रहें है फिल्म 'तुमको मेरी कसम' की , जिसमें देश में सबसे बड़ी IVF चेन इंदिरा IVF शुरू करने वाले डॉक्टर अजय मुर्डिया की ज़िंदगी को बहुत ही अच्छे तरीके से दिखाया गया है।  इस फिल्म को डायरेक्ट विक्रम भट्ट ने किया है और इसमें अनुपम खेर , इश्वाक सिंह , अदा शर्मा और ईशा देओल ने अहम भूमिका निभा रहे है।  ये फिल्म 21 मार्च को रिलीज़ होने जा रही है। इसी के चलते फिल्म की लीड एक्टर अदा शर्मा ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी, और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:

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1 -  कैसा है आपका किरदार और कैसी है फिल्म ? 

ट्रेलर में अभी सस्पेंस है , एक्चुअल तो फिल्म देखकर ही पता चलेगा , अभी पूरा बता भी नहीं सकते क्योंकि पूरा सस्पेंस खत्म हो जाएगा।  लेकिन मैं बहुत एक्साइटेड हूँ क्यूंकि ये फिल्म उम्मीदों और सपनों की फिल्म है हम जो लोग फिल्म इंडस्ट्री से नहीं हैं हमने कभी सोचा भी नहीं था कि हम लोग यहां तक पहुंच सकते हैं।  हम लोगों ने यह सपना देखने की हिम्मत दिखाई और डर को पार किया।  ये फिल्म एक कपल के बारे में है जो एक बड़ा ड्रीम देख रहें हैं और जब आप कोई बड़ा सपना देखते हैं और कुछ अलग करने का सोचते हैं  तो लोगों की बातें तो सुननी ही पड़ती हैं। ये 30 साल पुरानी वाली कहानी है उस टाइम की लव स्टोरी है।  प्यार तो सब लोग करते हैं लेकिन निभाना ये फिल्म सिखाएगी।  

2 - क्या लगता है कि इस फिल्म को सोसाइटी कैसे देखेगी और कैसे रिस्पांस की उम्मीद है ?

ये तो ऑडियंस पर निर्भर करता है लेकिन एक बात जरूर है कि ये फिल्म मर्दानगी को नयी परिभाषा देगी कि औरतों को बराबर रखना ही असली मर्दानगी है। क्यूंकि जब कोई कपल प्रेग्नेंट नहीं हो रहा होता तो पहले लोग औरतों को ही बोलते हैं मर्द को नहीं।  30 साल पहले की है कहानी लेकिन अभी भी सोसाइटी में वही हाल है।  और ऐसे में अब जब ऐसी फ़िल्में आएंगी तो लोगों को इन चीज़ों के बारे में पता चलेगा।  ये फिल्म चीज़ों के बारे में तो बताती ही है साथ ही असल वाले प्यार को भी दिखाती है।  

3 - फिल्म का कोई ऐसा सीन है जो करना आपको बहुत ज़्यादा मुश्किल लगा हो ?

मंदिर में एक सीन है जो सेकंड हाफ में है वो बहुत कॉम्प्लीकेटेड था फिज़िकली भी मेरे लिए वो करना बहुत मुश्किल था  देखेंगे तो आप समझ जाएंगे।  वो सीन आया भी बहुत सुंदर है जब हमने ट्रायल शो किया तो उसे देखकर सब रोने लगे थे।  तो मुझे लगता है कि इमोशनली ये फिल्म कनेक्ट होगी ऑडियंस से।  

4 - क्या आप अपने किरदार से रिलेट कर पा रही हैं ?

मुझे लगता है कि मेरे किरदार से तो हर लड़की को-रिलेट करेगी।  मेरे ख्याल से हर लड़की फेमिनिस्ट है और फेमिनिज्म का मतलब है हमें हर चीज़ बराबर चाहिए ये मतलब नहीं कि कोई मर्द आपकी तारीफ करे और आपके सर पे ताज रखे।  फेमिनिज्म का मतलब है कि मुझे बराबर मौके चाहिए और जो मैंने फैसला लिया है उसे माना जाना चाहिए।  जैसे मर्दों के माने जाते हैं। और हर लड़की को ऐसा ही पति चाहिए जो उसे इक्वल ट्रीट करे।  

5 - इतने शानदार किरदार है इसमें तो शूटिंग का एक्सपेरिएंस कैसा रहा ?

इश्वाक और मेरे अनुपम सर और ईशा के साथ सीन नहीं है क्यूंकि हमारी 30 साल पहले की कहानी है और इस फिल्म में एक साथ 2 कहानियां देखने को मिलेगी , हम लोग तो सिर्फ प्रोमोशंस में मिले थे।  लेकिन मुझे बहुत ख़ुशी है कि मैंने इतने शानदार एक्टर्स के साथ काम किया और विक्रम सर के साथ तो में 1920 के बाद अब काम कर रही हूँ। 

6 -  आपने बहुत सारी अलग - अलग  इंडस्ट्रीज में काम किया है तो आपको बाकियों से बॉलीवुड कैसे अलग और कैसे सेम लगता है ?

सिमिलॅरिटी तो यही है कि हर इंडस्ट्री में हर किसी को अच्छे और हिट फिल्म बनानी है और  मुझे लगता है कि डायरेक्टर और क्रू के ऊपर निर्भर करता है अगर  है तो आउटपुट अच्छी ही निकलती है और एक्सपीरियंस भी अच्छा रहता है।  और आपको बतमीज़ डायरेक्टर मिलता है तो कोई भी भाषा में हो आपको मज़ा नहीं आएगा फिल्म करने में।  इंडस्ट्रीज में कोई फर्क है लोग यहां से वहां काम करते ही रहते हैं।  

7 -  साउथ की ऐसी कौनसी चीज़ है जो आपको लगता है कि बॉलीवुड को अपनानी चाहिए ?

नहीं मुझे कोई भी नहीं लगती।  मेरे हिसाब से सब कुछ भूल कर आप सिर्फ इस जिस कहानी पर फिल्म बना रहें है उसी के बारे में सोचे।  सब कुछ अपनी जगह परफेक्ट है। 

8 - 1920 से अब तक के अपने सफर को कैसे देखते हो ?

मैं खुद को बहुत खुशकिस्मत समझती हूँ।  मैं इंडस्ट्री से नहीं हूँ लेकिन इतने अच्छे किरदार निभाने को मिले। अलग -अलग तरह के रोल निभाए फिर चाहे वो केरला स्टोरी हो या 1920 . आज भी जब मैं लोगों को मिलती हूँ तो लोगों को केरला स्टोरी के तो डायलॉग भी याद है। और ऑडियंस मुझे हर किरदार में अपनाते है जो मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।  मुझे बहुत प्राउड फील होता है।


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Content Editor

Diksha Raghuwanshi

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