''लिटिल थॉमस'' के जरिए बाल फिल्मों की दुनिया में लौटे अनुराग कश्यप

punjabkesari.in Wednesday, Jul 24, 2024 - 05:54 PM (IST)

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न में होगा गुलशन देवैया-रसिका दुग्गल स्टारर फिल्म का प्रीमियर अनुराग कश्यप ने साल 2007 में बच्चों के लिए फिल्म 'हनुमान रिटर्न्स' का निर्देशन किया था, अब 17 साल बाद उन्होंने  बच्चों पर आधारित फिल्म 'लिटिल थॉमस' का निर्माण किया है, जिसके निर्देशक हैं कौशल ओज़ा।
 
बच्चों की नज़र से देखें तो दुनिया कैसी लगती है? इसे दर्शाने के लिए ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर', 'अग्ली' और 'केनेडी' जैसी फिल्में निर्देशित कर चुके फिल्मकार अनुराग कश्यप लेकर आ रहे हैं अपने प्रोडक्शन में बनी फिल्म लिटिल थॉमस'। फिल्म में देश के सबसे बेहतरीन कलाकारों में अपना शुमार रखने वाले गुलशन देवैया और रसिका दुग्गल अहम् भूमिकाओं में नज़र आएँगे। इस बेहद मज़ेदार कॉमेडी ड्रामा में हृदयांश पारेख भी बाल कलाकार के रूप में अहम् किरदार में दिखाई देंगे।

अनुराग कश्यप से जब पूछा गया कि 'हनुमान रिटर्न्स' (2007) जैसी एनिमेटेड फिल्म बनाने के बाद उन्हें 'लिटिल थॉमस' बनाने में 17 साल का वक्त क्यों लगा, तो इसके जवाब में वे कहते हैं, "हाँ, इस बात को एक अर्सा हो गया है। शायद मुझे बच्चों पर आधारित एक उम्दा स्क्रिप्ट की तलाश थी।" वे आगे कहते हैं, "बच्चों को लेकर एक प्रामाणिक फिल्म बनाना आसान काम नहीं है और यह एक बेहद मुश्किल किस्म का जॉनर है। ऐसे में, यह सुनिश्चित करना बेहद जरुरी हो जाता है कि आपके पास बच्चों पर आधारित फिल्म बनाने के लिए एक बढ़िया स्क्रिप्ट मौजूद हो।"

उल्लेखनीय है कि 'लिटिल थॉमस' का वर्ल्ड प्रीमियर इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न (आईएफएफएम) में होगा। अनुराग कश्यप के अलावा इस फिल्म को रंजन सिंह, रजनीकांत ओज़ा, चारू ओज़ा, अनुष्का शाह और कबीर आहूजा के सहयोग से निर्मित किया गया है।

गौरतलब है कि अनुराग कश्यप 'लिटिल थॉमस' को लेकर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त निर्देशक कौशल ओज़ा के विज़न से काफी प्रभावित हुए थे। एक फीचर फिल्म निर्देशक के तौर पर 'लिटिल थॉमस' निर्देशक कौशल ओज़ा की पहली फिल्म है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे 7 साल का एक बच्चा अपने अनूठे प्रयासों से अपने माता-पिता को फिर से मिलाने की कोशिश करता है, ताकि उसके जीवन में उसे भी एक छोटे भाई का सुख प्राप्त हो सके।

अनुराग कश्यप कहते हैं, "मैंने कौशल ओज़ा की शॉर्ट फिल्म 'द मिनिएचरिस्ट ऑफ जूनागढ़' देखी। तभी मैंने 'लिटिल थॉमस' की स्क्रिप्ट भी पढ़ी थी और फिल्म व कौशल के विज़न को लेकर मैं उस वक्त काफी प्रभावित हुआ था। वे बच्चों के नज़रिए से और बच्चों की दुनिया को साकार करते हुए एक उम्दा किस्म की बाल फिल्म बनाना चाह रहे थे। फिल्म के विषय के प्रति यह कौशल की निष्ठा और ईमानदारी ही है, जो यह फिल्म हकीकत का रूप लेने में कामयाब रही है।"
'लिटिल थॉमस' की कहानी को गोवा में नब्बे के दशक में सेट किया गया है। फिल्म की कहानी एक छोटे से बच्चे थॉमस के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है। उसकी ख्वाहिश है कि उसका भी एक छोटा भाई हो। फिल्म की कहानी के मुताबिक, थॉमस को एक दिन कोई बताता है कि छोटे भाई के आगमन के लिए जरुरी है कि उनके माता-पिता एक-दूसरे को किस करें। लेकिन, समस्या यह है कि उसके माता-पिता की आपस में बिल्कुल भी बनती नहीं है और ऐसे में दोनों एक-दूसरे को किस तो करेंगे नहीं। ऐसे में, थॉमस इस बात का निश्चय करता है कि वो अपने माता-पिता को एक-दूसरे को किस करवा कर ही दम लेगा।

अनुराग कश्यप की फिल्म 'अ गर्ल इन द यलो बूट' (2010) के जरिए अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाले और फिर उनके साथ शैतान (2011), 'हंटर (2015) जैसी फिल्मों में दमदार रोल निभाने वाले अभिनेता गुलशन देवैया 'लिटिल थॉमस' के बारे में कहते हैं कि "यह एक ऐसी फिल्म है, जो लोगों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरने का काम करेगी।"
गुलशन देवैया आगे कहते हैं, "यह एक बेहद प्यारी फिल्म है और आईएफएफएम में इस फिल्म के प्रदर्शन को लेकर मैं बेहद रोमांचित महसूस कर रहा हूँ। 'लिटिल थॉमस' की सबसे बड़ी ख़ासियत है फिल्म की कहानी और कहानी के चरित्रों की मासूमियत। रसिका एक बढ़िया एक्टर हैं, जिन्हें एक अर्से से मैं बहुत पसंद करता आया हूँ। वे एक बेहद प्रोफेशनल अदाकारा हैं, जो पूरी तरह से अपने काम को लेकर समर्पित हैं। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला।"

फिल्म में एक बेहद अहम रोल निभा रहीं रसिका दुग्गल ने गोवा में रहने वाले एक परिवार पर आधारित इस फिल्म को 'बेहद खूबसूरत और लिरिकल' ठहराया। वे कहती हैं, "मुझे इस फिल्म की स्क्रिप्ट ने अपनी ओर इसलिए आकर्षित किया, क्योंकि ये एक खूबसूरत कहानी होने के साथ-साथ एक साधरण-सी लगने वाली कहानी भी है, लेकिन इसके बावजूद इस कहानी में एक अलग तरह की गहराई है, जो इसे असाधारण बनाती है। नई-नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के चलते फिल्मों की आत्मा ऊपरी चमक-दमक में खो सी जाती है। लेकिन 'लिटिल थॉमस' में ऐसा कोई आडम्बर नहीं रचा गया है। बिना किसी दिखावे और तामझाम के फिल्म की कहानी पर पूरी तरह से फोकस किया गया है।

फिल्म में कमाल के सेंस ऑफ ह्यूमर का इस्तेमाल भी देखने / सुनने को मिलेगा, जिसे मैंने बहुत एन्जॉय किया। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि इस फिल्म का प्रीमियर आईएफएफएम जैसे प्रतिष्ठित महोत्सव में हो रहा है। इस फिल्म को पहली बार वो दर्शक दे सकेंगे, जो आईएफएफएम जैसे महोत्सव में जाना पसंद करते हैं। ये वो दर्शक होते हैं, जो समझदार भी होते हैं और जिन्हें मनोरंजक फिल्में देखना भी खूब पसंद होता है। मुझे फिल्म के प्रति इन दर्शकों की प्रतिक्रिया का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा।"

फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के पूर्व छात्र रहे और फिल्म 'लिटिल थॉमस' के निर्देशक कौशल ओज़ा कहते हैं, "फिल्म से जुड़ी टीम ने थॉमस के किरदार और पूरी गैंग की कास्टिंग के लिए देशभर के 700 से अधिक बच्चों का ऑडिशन लिया गया था। हर कोई अपनी ज़िंदगी में कभी ना कभी 7 साल का बच्चा रहा है। जब हम बड़े हो जाते हैं, तो हम अपने बचपन की मासूमियत को बहुत मिस करते हैं। मैं इस फिल्म में बचपन की उसी मासूमियत को पेश करना चाहता था, जो उस वक्त हमारे जीवन में थी और जिसे हम आज भी बहुत मिस करते हैं। जिसने भी इस फिल्म की स्क्रिप्ट को पढ़ा है, उसे फिल्म की कहानी बेहद पसंद आई है। जब सभी निर्माताओं ने एक-एक कर इस फिल्म की स्क्रिप्ट को पढ़ा तो वो हँसे भी और रोए भी। सभी ने इस फिल्म को बनाने में पूरा सहयोग दिया। इस फिल्म में बच्चों की कास्टिंग करना हमारे लिए एक बड़ी चुनौती थी।"

गौरतलब है कि 'लिटिल थॉमस' का निर्माण लुमिनोसो पिक्चर्स, सिविक स्टूडियोज़, फ्लिप फिल्म्स और गुड बैड फिल्म्स ने साझा रूप से किया है।

निर्माता रंजन सिंह (फ्लिप फिल्म्स) ने बताया कि उन्होंने 'लिटिल थॉमस' की स्क्रिप्ट साल 2018 में पढ़ी थी और उसी वक्त उन्होंने इस फिल्म के निर्माण का फैसला कर लिया था। वे कहते हैं, "मुझे लगा कि यह सही मायने में बच्चों पर बनने वाली एक बढ़िया फिल्म होगी, जिसकी कमी मुझे एक अर्से से महसूस हो रही थी। मैं आपको यह भी बता दूँ कि मैंने कौशल ओज़ा द्वारा निर्देशित शॉर्ट फिल्म 'द मिनिएचरिस्ट ऑफ जूनागढ़' भी बनाई थी, जिसे मैंने अनुराग व अन्य निर्माताओं को भी दिखाया था। ऐसे में 'लिटिल थॉमस' की स्क्रिप्ट उन तक ले जाने से मुझे फिल्म को निर्मित करने में काफी मदद मिली।"

सिविक स्टूडियोज़ से जुड़ीं निर्माता अनुष्का शाह 'लिटिल थॉमस' को 'ताज़गी से परिपूर्ण और एक मज़ेदार फिल्म' ठहराते हुए कहती हैं, "लिटिल थॉमस में जिस तरह से असीमित कल्पनाओं, जिज्ञासाओं और ज़िंदगी जीने के जज़्बे को पेश किया गया है, उससे शुरुआती सालों में बनने वाली बच्चों की मानसिकता पर सकारात्मक असर पड़ेगा। यही वजह है कि सिविक स्टूडियोज़ ने इस फिल्म को निर्मित करने का फैसला लिया। मुझे पूरी उम्मीद है कि छोटे बच्चों के साथ-साथ वयस्क लोग भी पूरे परिवार के साथ इस फिल्म का लुफ्त उठाएँगे।"

'लिटिल थॉमस' में हृदयांश गोकानी, निनाद पंडित और महाबानो मोदी-कोटवाल जैसे कलाकारों ने भी अहम् भूमिकाएँ निभाई हैं। उल्लेखनीय है कि देश भर में सिनेमाघरों में प्रदर्शित करने से पहले 'लिटिल थॉमस' को विभिन्न फिल्म फेस्टिवल्स में प्रदर्शन के लिए भेजा जाएगा।

Saurce: Navodaya Times


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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