Ajmer 92 Review: 250 लड़कियों संग हुई हैवानियत को सामने लाती है 'अजमेर 92', रोंगटे खड़े कर देगी फिल्म

Friday, Jul 21, 2023 - 03:44 PM (IST)

फिल्म- अजमेर 92 (Ajmer 92)
डायरेक्टर- पुष्पेंद्र सिंह (Pushpendra Singh)
स्टारकास्ट- करण वर्मा (Karan Verma),सुमित सिंह (Sumit Singh), जरीना वहाब (Zarina Wahab), सयाजी शिंदे (Sayaji Shinde), मनोज जोशी (Manoj Joshi), राजेश शर्मा (Rajesh Sharma)
रेटिंग- 3*/5

साल 1992, अजमेर और 250 लड़कियों की जिंदगी की सच्ची घटना पर आधारित फिल्म 'अजमेर 92' आज यानी 21 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। देश के सबसे बड़े सेक्स स्कैंडल को उजागर करती इस फिल्म का डायरेक्शन पुष्पेंद्र सिंह ने किया है। वहीं 31 साल पहले हुई गैंगरेप घटना को स्क्रीन पर दिखाने के लिए फिल्म में करण वर्मा, सुमित सिंह, विजेंद्र काला, जरीना वहाब, सयाजी शिंदे और मनोज जोशी मुख्य किरदार निभा रहे हैं। 

कहानी
फिल्म में साल 1987 से 1992 तक अजमेर के परिवेश को दिखाया गया है। इस समय कॉलेज में पढ़ने वाली 250 लड़कियों के साथ कुछ रसूखदार लोगों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। इन लोगों ने लड़कियों को अपना शिकार बनाने के लिए पहले उनकी न्यूड फोटोज पूरे शहर में बांट दी, फिर जिसके हाथ वो तस्वीरें लगती सब लड़कियों का दुष्कर्म करते। इस दौरान लड़कियों की जिंदगी नर्क बन जाती हैं। वह डर के साये में बाहर निकलती हैं। हालातों को देखते हुए कुछ अपनी जान भी दे देती हैं, तो कुछ घुटकर जिंदगी बिता रही होती है। इस घिनौनी साजिश में पुलिस से लेकर राजनेता तक सभी शामिल होते हैं लेकिन शहर का एक पत्रकार मामले की बारीकी से छानबीन करता है। अब क्या पत्रकार रसूदखोरों के चंगुल से लड़कियों को आजाद करा पाएगा? क्या इस घटना के दोषियों को सजा मिलती है? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी। 

एक्टिंग
फिल्म में पत्रकार का किरदार शुरू से इसकी जान रहा है, जिसे करण वर्मा ने शानदार तरीके से निभाया है। इसके लिए उनकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है। सुमित सिंह और जरीना वहाब ने भी बढ़िया काम किया है। वहीं एसपी के रोल में राजेश शर्मा की एक्टिंग भी काबिलेतारीफ है। मनोज जोशी ने भी नेता के रूप में स्क्रीन पर अलग छाप छोड़ने का काम किया है। 

डायरेक्शन
जब आप किसी ऐसे विषय पर फिल्म बनाते है जिसने देश को कई मायनों में प्रभावित किया हो तो आपकी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है इसे समझते हुए पुष्पेंद्र सिंह ने फिल्म का बेहतरीन डायरेक्शन किया है। हर सीन पर उन्होंने इतने बारीकी से काम किया है कि आप स्क्रीन से अपनी नजरें नहीं हटा पाएंगे। कलाकारों की काबिलियत को देखते हुए उन्होंने सभी से बेहतरीन काम लिया है। फिल्म के कुछ सीन तो आपके रोंगटे भी खड़े कर देंगे। कुल मिलाकर कहें तो यह फिल्म साल 1992 में हुए वहशीपन को आपके सामने बिल्कुल उसी तरीके से पेश करेगी, जिस तरह वह घटना सामने आई थी।

Varsha Yadav

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